आदिवासी समाज की छोटी – छोटी छात्राओ से अपने बच्चे की पोटटी साफ एंव पैर दबाती है शिक्षिका
पढाने का काम छोडकर छोटी – छोटी छात्राओ से पैर दबवाती शिक्षिका…
अपने बच्चे की पोटटी साफ करवाती है शिक्षिका
प्राचार्य ने कहा आप जो कर सकते हो कर लो मेरा कुछ नही कर सकतेे
मामला शासकीय अनूसूचित जनजाति कन्या इंग्लिश मीडियम कन्या परिसर का
पंचायत दिशा समाचार
सिवनी/ मध्यप्रदेश के सिवनी जिलें में इन दिनों आदिवासी समाज के बच्चे जो छात्रावास /आश्रम शालाओं में रह कर पढाई कर रहे है उनके साथ हॉस्टल प्रबंधन दुर्व्यवहार कर रहा है, ऐसा ही मामला मंगलवार को प्रकाश में आया जहां नगर की शासकीय अनूसूचित जनजाति कन्या इंग्लिश मीडियम कन्या परिसर जो कि बारापत्थर के डीईओ आफिस के पास स्थित है जहां एक शिक्षिका द्वारा शाला में अध्ययनरत नन्ही – नन्ही बालिकाओ से अपने पैर दबवाने के अलावा अन्य निंदनीय कार्य करवाने का उन पर आरोप लगे है ये सब बाते शाला में लगे सीसीटीव्ही कैमरे में कैद हो गई अब देखना बाकी है कि प्रशासन इस मामले में दोषी शिक्षिका पर क्या कार्रवाई करता है।

शिक्षक जैसे पवित्र पेशे को बदनाम करने का काम किया शिक्षिका ने जहां भारतीय संस्कृति में नवरात्रि एवं किसी भी शुभकार्य में कन्यापूजन का विधान है। हमारे देश व प्रदेश के मुखिया कन्या पूजन करते है। वही एक प्रतिष्ठित शासकीय विद्यालय की शिक्षिका सुश्री सुजाता मडके इन नन्ही – नन्ही बालिकाओ से अपने चरण आराम दबवाती सी.सी.टी.व्ही कैमरे में कैद हो गई।

मुझे प्रशासन ज्यादा से ज्यादा कही और स्थानांतरित करेगा ऐसी चुनौती शासन को देती नजर आई शिक्षिका
बालिकाओ की शिकायत पर अभिभावको द्वारा इस संदर्भ में शिक्षिका जब पूछा गया तो शिक्षिका ने अपनी गरिमा को तक ध्यान में ना रखते हुए उक्त किसी भी घटना से निर्लज्जतापूर्वक इंकार कर दिया गया एवं ज्यादा से ज्यादा प्रशासन मुझे यहां से कही और स्थानातरित करेगा ऐसी चुनौती शासन को देती नजर आई।
टीप–पंचायत दिशा समाचार वीडियो की पुष्टि नहीं करता
आखिर ऐसे में कैसे होगा इन आदिवासी समाज के बच्चों का उत्थान…

केंद्र एवं राज्य सरकार जहां आदिवासी समाज की बच्चों के उत्थान के लिए छात्रावास एवं आश्रम शालाएं चलकर इनको अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए सरकार लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर रही है ताकि आदिवासी समाज के बच्चे को मुख्य धारा से जोड़ साके,लेकिन फिर भी उनके साथ कुछ शिक्षक दूर व्यवहार कर रहे है , ऐसा ही देखने को मिला सिवनी जिलें में जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित
शासकीय अनूसूचित जनजाति कन्या इंग्लिश मीडियम कन्या परिसर की शिक्षिका सुश्री सुजाता मडके बच्चों से पैर दबाते एंव अपने बच्चे की पोटटी बच्चीयो से करवाती है साफ
आपको बता दें शासकीय अनूसूचित जनजाति कन्या इंग्लिश मीडियम कन्या परिसर की शिक्षिका सुश्री सुजाता मडके की शिकायत अभिभावको ने जिला कलेक्टर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग एवं सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन से की है शिकायत में बताया गया है कि उक्त स्कूल की शिक्षिका सुश्री सुजाता मडके द्वारा बच्चो से अपने पुत्र की पोटटी साफ करवाती है जब नन्हे – नन्हे अबोध बच्चे उक्त कार्य को करने से इन्कार करते है तो उनके साथ गाली गलौच करते हुए मारपीट करने लगती है। इसके बाद भी गुरू माॅ का मन नही भरता तो सुजाता मडके नन्ही – नन्ही देवी स्वरूपा बच्चीयो से अपने पैर दबवाती है। इस मामले शाला में पढने वाली बच्चीयो के अभिभावको ने वीडियो भी बनाये है।

यहां दाल में काला नही बल्कि पूरी दाल ही काली नजर आ रही है…

आगे अभिभावको ने अपने शिकायती पत्र में बताया कि इस मामले की शिकायत बच्चीयो के द्वारा शाला के प्राचार्य राजकुमार शर्मा से भी की गई थी किन्तु उन्होने उल्टे शाला की शिक्षिका सुजाता मडके का पक्ष लेते हुए बच्चो को डाट – फटकार कर चुप करा दिया। यहां दाल में काला नही बल्कि पूरी दाल ही काली नजर आ रही है आगे अभिभावको ने प्रशासन को बताया कि हमारी बच्चीयों ने इसकी शिकायत की तो अभिभावको के द्वारा प्राचार्य राजकुमार शर्मा से शिकायत की किन्तु प्राचार्य राजकुमार शर्मा द्वारा आरोपी शिक्षिका की शिकायत की तो उल्टे प्राचार्य महोदय ने भी अभिभावको अभद्र भाषा में उल्टा जवाब देते हुए कहा कि आप जो कर सकते हो कर लो मेरा कुछ नही कर सकतेे आगे प्रशासन से मामले की पूरी जाॅच कर दोषियो के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है आगे अभिभावको की मांग है कि बच्चो के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
गत वर्ष भी अधीक्षिका की प्रताडना से तंग आकर बालिकाये बैठी थी हडताल पर
आपको बता दे गत वर्ष ऐसा ही एक मामला कन्या छात्रावास बोरदई से आया था जहां कुरई क्षेत्र की छात्राओ ने अधीक्षिका पर गंभीर आरोप मढे थे जिस बात को लेकर छात्राये अधिक्षिका को हटाने हडताल पर बैठ गई थी इस बात की जानकारी प्राचार्य मनोहर राहंगडाले ने कलेक्टर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त से भी की थी लेकिन मामले की जाॅच हुई या नही हुई या मामले को दबा दिया गया। इस बात पर भी प्रशासन को संज्ञान में लेना होगा।