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सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग छिंदवाड़ा एक के बाद एक गलती करके भी नहीं ले रहे सबक.. आखिर क्यों..?

सांकेतिक चित्र

सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग छिंदवाड़ा एक के बाद एक गलती करके भी नहीं ले रहे सबक.. आखिर क्यों..?

परीवीक्षा अवधि में चल रही शिक्षिका के एक के बाद फिर दुसरी शिक्षिका को बना दिया छात्रावास अधीक्षिका…

परिवीक्षा अवधि में चल रही शिक्षिका श्रीमती करुणा गुप्ता को चौरई आदिवासी कान्या छात्रावास में एक साल पहले और अब गायत्री देवी सनोडिया को बना दिया हरदुआ बालक आश्रम की अधीक्षक…

परिवीक्षा अवधि में चल रही शिक्षिका गायत्री देवी सनोडिया को किया चौरई के हरदुआ बालक आश्रम में अधीक्षक के पद पर अटैचमेंट…

जबकि सरकार के स्पष्ट निर्देश के बाद भी शिक्षकों का कर रहे हैं अटैचमेंट…

जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त नही मानते सरकार के आदेश…

पंचायत दिशा समाचार

छिंदवाड़ा /जनजातीय विभाग में नियम कायदें भले ही सरकार बनाती हो, लेकिन इन नियम कायदों को ताक पर रखकर अपने नियम कायदें चलाने का काम स्थानीय अधिकारी (सहायक आयुक्त)हमेशा करते आ रहे हैं। खासकर जब अटैचमेंट की बात हो तब शासन के दिशा-निर्देशों को हमेशा ही नजरअंदाज करते हुए अपने चहेते शिक्षकों /शिक्षिकाओं को कार्यालयीन काम एंव छात्रावास आश्रम शाला में अधीक्षक के लिए अटैचमेंट करना आम बात है। हाल ही में अटैचमेंट का नया कारनामा बिल्कुल चौंका देने वाला है। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग कार्यालय में परिवीक्षा अवधि में चल रही शिक्षिका गायत्री देवी सनोडिया को माध्यमिक शाला चटुआ नवेगांव संकुल केंद्र नलासू विकासखंड जून्नादेव से हटाकर आदिवासी बालक आश्रम हरदुआ माल विकासखंड चौरई में अटैचमेंट कर आदिवासी बालक आश्रम शाला में अधीक्षक के पद पर कर दिया जबकि यंहा पदस्थ अधीक्षक पी. एस जावरे के रिटायरमेंट माई में होना है फिर भी तीन माह पहले ही उनकी जगह पर परीवीक्षा अवधि में चल रही शिक्षिका को अधीक्षक बना दिया गया है, सूत्रों की जानकारी के अनुसार इस काम में किसी नेता के कहने पर सहायक आयुक्त ने इन्हे अटैचमेंट किया है जिसमें बडा लेनदेन हुआ है, गायत्री देवी सनोडिया ने लेनदेन कर आपना अटैचमेंट हरदुआ बालक आश्रम में अधीक्षक के पद पर करा लिया जबकि उनकी अभी परीवीक्षा अवधि चल रही है , जिसके कारण शिक्षिका की मूल पदस्थापना स्थल पर बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी पड़ गई है। और हरदुआ माल में अतिशेष शिक्षक हो गयें है

सहायक आयुक्त कर रहे मनमानी, या नेताओं के आगे नतमस्तक..?

जनजातीय विभाग के निर्देशानुसार परीवीक्षा अवधि में चल रही शिक्षिका को आदिवासी बालक आश्रम हरदुआ माल विकासखंड चौरई में पदस्थ किया गया है। जबकि अभी स्कूलों में छात्रों की परीक्षा का समय चल रहा है , जबकि नियम है कि किसी भी परिस्थिति में उसे दूसरे स्कूल या किसी कार्यालय में अटैच नहीं किया जा सकता। 3 साल तक एक ही स्कूल में ठीक तरह से पढ़ाने पर ही उसकी परिवीक्षा अवधि पूरी मानकर नियमित करने की कार्रवाई की जाती हैं। इस नियम के विरूद्ध सहायक आयुक्त सतेन्द्र सिंग मरकाम ने आदिवासी बालक आश्रम हरदुआ माल में ही अटैच कर दिया, जो उसकी परिवीक्षा अवधि नियमों के विपरीत तो है साथ ही जिस स्कूल में उसकी पदस्थी पढ़ाने के लिए हुई थी, उससे वहां के बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।

शिक्षिका हमारे स्कूल में पदस्थ थी , लेकिन वह अभी आदिवासी बालक आश्रम हरदुआ माल विकास खंड चौरई में अटैचमेंट कर दिया गया है
अटैच किए गए हैं। इसलिए वह स्कूल में पढ़ाने नहीं आ रहे हैं। उनके नहीं होने से शिक्षक की कमी तो हो रही हैं, लेकिन इसकी पूर्ति हम पुराने शिक्षकों से करा रहे हैं,
संकुल केन्द्र प्रभारी नालसू विकासखंड जुन्नादेव

वही जब इस बिषय में अधीक्षिक पी. एस जावरे से बात हुई तो उन कहना है कि सहायक आयुक्त महोदय का आदेश था इसलिए मेंने जॉइनिंग कर लिया हूं, लेकिन अभी मेंने आश्रम शाला का चार्ज नहीं दिया हूं अभी मेरे 3 महीने और मेंरे तीन महिने बाकी है रिटायरमेंट की में अभी चार्ज नहीं दूंगा

पी. एस जावरे अधीक्षक आदिवासी बालक आश्रम हरदुआ माल

रिपोर्ट -ठा रामकुमार राजपूत

मोबाइल -8989115284