अटैचमेंट खत्म: बाबूगिरी छोड़ अब मास्साब को जाना होगा स्कूल
छिदंवाडा के सहायक आयुक्त कार्यालय में मास्साब कर रहे बाबूगिरी..
By admin
26, 2024
(पंचायत दिशा समाचार)
छिदंवाडा -लंबे समय से सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग में अटैचमेंट करवाकर जमे मास्साब क्यों नहीं छोड रहे है बाबूगिरी ऐसा क्या है कि बालक आश्रम सिल्लेवानी से आयें मास्साब को सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग के कार्यालय से उनका मोहभंग नही हो रहा है। आखिर क्यों नहीं जा रहे है मास्साब आपनी मूल शाला में क्या अब मास्साब को बच्चों को पढ़ाना नहीं आयेगा । आखिर क्यों इन पर नहीं हो रहा है। जनजातीय कार्यविभाग से आयें आदेश का पालन।मास्साब का अटैचमेंट समाप्त क्यों नही किया जा रहा है ।क्यों मेहरबानी देखा रहे है सहायक आयुक्त।?
सहायक आयुक्त ने जारी किया अटैचमेंट समाप्त करने के आदेश जारी..
सहायक आयुक्त के आदेश के बाद छिदंवाडा मुख्यालय में संचालित छात्रावास/आश्रम शालाओं में पदस्थ शिक्षक/ शिक्षिकाओं को मूल संस्था में जाने के निर्देश दिए हैं। कई शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने की बजाय शिक्षकों ने विभागों में बाबूगीरी करने के लिए अपने अटैचमेंट करवा लिए थे। जिससे स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिसका असर परीक्षा परिणाम पर भी पड़ रहा है।
आखिर क्यों मेहरबान है अटैचमेंट से आया सहायक शिक्षक सुभाष देशपांडे पर…?
छिदंवाडा जिलें के जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित स्कूलों में बर्षों से शिक्षकों की कमी ने कारण आदिवासी अंचलों के स्कूल आज भी शिक्षक विहीन चल रहे है ।कई स्कूलों में एक ही शिक्षक है। जिसके कारण आदिवासी समाज के बच्चों को शिक्षा से बंचित रखा जा रहा है ।कारण है सेंकडों शिक्षकों ने अटैचमेंट करा रखा है। अटैचमेंट समाप्ति के आदेश के बाद भी अटैचमेंट से आयें शिक्षकों ने आपनी मूलशालाओं में वापस नही हुयें है।ऐसे शिक्षक अभी भी जुगाड़ में लगें है ।
जिला मुख्यालय में आज भी दर्जनों शिक्षक अटैचमेंट कराकर छात्रावास/आश्रम शालाओं में अधीक्षक/ अधीक्षिका बनकर बैठे है। लेकिन जिलें में बैठे सहायक आयुक्त ऐसे शिक्षकों का अटैचमेंट क्यों नहीं समाप्त कर रहे है..
सहायक शिक्षक सुभाष देशपांडे आज भी कर रहा बाबूगिरी…
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग के कार्यालय में इन दिनों सहायक शिक्षक सुभाष देशपांडे खूब चर्चाओं में है कि जिलें में अटैचमेंट से आयें शिक्षकों को उनकी मूलशालाओं में वापस जानें के आदेश सहायक आयुक्त ने निकल दियें लेकिन सहायक आयुक्त कार्यालय में ही अटैचमेंट से आये शिक्षक सुभाष देशपांडे को क्यों नहीं हटाया जा रहा है ।आज भी मास्साब कार्यालय में बडी बडी शाखाओं के काम देख रहे है ।जैसे ,शिक्षकों की पदोन्नति, न्यायालय प्रकरण,शिक्षकों के टीए डीए, अनुकंपा नियुक्ति, जैसे अहम दायित्व संभाल रहे हैं। सहायकआयुक्त जनजातीय कार्यविभाग कार्यालय में क्या बाबू नहीं है जो एक सहायक शिक्षक के हाथों से बाबूगिरी करा रहे है । वहीं सूत्रों कहते है कि बर्षों से गुपचुप तरीकों से सुभाष देशपांडे सहायक आयुक्त कार्यालय में काम कर रहा है जबकि इनके पास कोई अटैचमेंट का आदेश भी नहीं है । सहायक आयुक्त की मेहरबानी से बर्षों से सहायक आयुक्त कार्यालय में काम कर रहे है । और बर्षा से आपनी मूलशाला में पढने नही गयें है ।
जिला मुख्यालय एंव आसपास की आश्रम शालाओं में ग्रामीण अंचलों से अधिकारी एंव नेताओं से साठगांठ कर जनजातीय कार्यविभाग मुख्यालय के आसपास करीब 200/250 शिक्षक अटैच हुए थे। इन सभी शिक्षकों को अपनी संस्था में पहुंचने के निर्देश जारी किए गए हैं। इन शिक्षकों के स्कूलों में लौटने से पढ़ाई की स्थिति सुधरेगी। अभी शिक्षकों की कमी के कारण कई स्कूल शिक्षक विहीन है ।आदिवासी ग्रामीण अंचलों के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई नहीं हो पा रही है। आयुक्त जनजातीय. ने निर्देश दिए हैं कि विभिन्न आश्रम शालाओं में अटैचमेंट किए गए शिक्षकों को तत्काल वापस करें। वहीं सहायक आयुक्त ने भी शासकीय स्कूलों /आश्रम शालाओं / बीईओ/बीआरसी कार्यालयों में अटैच शिक्षकों की जानकरी विभागों से मांगी है। लोक शिक्षण संचालनालय ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि आगामी समय में भी किसी भी शिक्षक को गैर शैक्षणिक कार्य में न लगाया जाए। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। संचालनालय ने इस आदेश के पालन के लिए प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर सभी जिलों के जिला पंचायत सीईओ, सभी संभागीय संयुक्त संचालक और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।