तालों पर जंग, भवन के परिसर में उगे घास… लाखों रुपये खर्च के बाद नहीं हैं कर्मचारी, मिट्टी परीक्षण के लिए दर-दर भटक रहे किसान…
पंचायत दिशा समाचार
रिपोर्ट- ठा. रामकुमार राजपूत
मोबाइल- नंबर-8989115284
छिंदवाड़ा /मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हर ब्लॉक में मिट्टी परीक्षण केंद्रों पर कई सालों से ताला लगा हुआ. ये हाल बिछुआ ब्लॉक, परासिया ब्लॉक, मोहखेड ब्लॉक, चौरई ब्लॉक, अमरवाड़ा ब्लॉक हर्रई ब्लॉक, के परीक्षण केंद्र का हैं. दरअसल, स्टाफ के अभाव में इन केंद्रों पर सालों से ताले लगे हुए हैं.
तालों पर जंग, भवन के परिसर में उगे घास… लाखों रुपये खर्च के बाद नहीं हैं कर्मचारी, मिट्टी परीक्षण के लिए दर-दर भटक रहे किसान…

मिट्टी की गुणवत्ता जांचने के लिए छिंदवाड़ा जिले के हर ब्लॉकों के मुख्यालय स्तर में बनाये गए मृदा परीक्षण केंद्रों का हालात जर्जर हो चुकी है. भवन और संसाधनों के नाम पर लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी आज तक ताले नहीं खुले हैं. जानकारी के आभाव में किसान मिट्टी लेकर परीक्षण केंद्र पर आते हैं, लेकिन ताले की जंग देख कर वापस लौट जाते हैं. लगभग डेढ़ दशक से यही हालात हैं, जिस पर न तो स्थानीय प्रशासन का ध्यान है और ना ही सरकार कोई पहल कर रही है.

बिछुआ में कई सालों से लटका है ताला….
लगभग डेढ़ दशक पहले प्रदेश सरकार द्वारा जिला मुख्यालयों के अतिरिक्त 313 ब्लॉक में मिट्टी परीक्षण केंद्र खोले थे, ताकि किसानों को नजदीकी केंद्रों से मिट्टी की स्थिति का पता चल सके. मिट्टी में कौन से पोषक तत्व है और किसकी कमी है जानने के बाद उसी आधार पर उर्वरक दिया जाए या फिर फसल की बोनी की जाए. इन बातों का पता करने के लिए बिछुआ के साथ-साथ ब्लॉक स्तर पर केंद्रों की स्थापना हुई, लेकिन जिले के सभी ब्लॉक मुख्यालयों के केंद्रों पर कई सालों ताला पड़ा हुआ है, जिसमें बिछुआ ब्लॉक भी शामिल हैं.
मिट्टी परीक्षण केंद्र में लगा ताला….

केंद्र में ताला लटका देख वापस लौट जाते हैं क्योंकि किसानों ने बोनी के समय कई बार. मिट्टी के पोषक तत्व जानने के लिए किसान नमूने लेकर केंद्र पहुंच रहे थे हैं, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है, क्योंकि यहां पर कोई स्टाफ नहीं है. लिहाजा उन्हें केवल भटकाव का सामना ही करना पड़ रहा है. एक तरफ किसानों को वैज्ञानिक आधारित खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है तो दूसरी तरफ स्थिति ऐसी है, जिससे किसानों का कोई हित हो ही नहीं सकता.
अब मिनी केंद्र की कवायद
मृदा परीक्षण केंद्रों में ताला और कर्मचारियों के न आने के मामले की जब जानकारी कृषि विभाग के अधिकारी से ली गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए स्टॉफ नहीं होने की बात स्वीकार की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही अब सहायक कृषि विस्तार अधिकारी कार्यालय में ही मिनी केंद्र चालू किए जाएंगे, ताकि किसानों के मिट्टी का परीक्षण कर उनका हेल्थ चेक किया जा सके. लेकिन सवाल उठता है कि लाखों करोड़ रुपए खर्च कर कर सरकार ने जब इन भवनों का निर्माण कराया तो कर्मचारी नियुक्त क्यों नहीं हुई…
आत्मा परियोजना कार्यालय शोभा की सुपारी…
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को जानकारी मिल सके एवं योजनाओं का किसानों को लाभ हो और किसानों कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ मिल सके, इसलिए शासन द्वारा तहत हर ब्लॉक में आत्मा परियोजना का एक कार्यालय खोला गया है लेकिन विगत दो वर्षों से बिछुआ विकासखंड में आत्म परियोजना कार्यालय में ताला लगा रहता है यहां पर कोई भी आत्मा परियोजना द्वारा नियुक्त अधिकारी /कर्मचारी नहीं रहते और इन्हें देखने वाला कोई नही..?