ना तुम जीते, ना Sare हारे
सुलह एवं सहमति से नेशनल लोक अदालत में 1509 प्रकरणों का हुआ निपटारा…
छिन्दवाड़ा/ म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार परस्पर समझौते के आधार पर आमजन को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिये जाने के उद्देश्य से नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय छिंदवाड़ा तथा तहसील न्यायालय परासिया, चौरई, पांढुर्णा, सौंसर, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, हर्रई, तामिया में प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छिन्दवाड़ा श्री सुशांत हुद्दार के कुशल नेतृत्व में किया गया।
जिला न्यायालय छिन्दवाड़ा में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री हुद्दार द्वारा गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश श्री मोहित दीवान, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री सुशील कुमार, जिला न्यायाधीश/सचिव श्री प्रेमपाल सिंह ठाकुर, जिला न्यायाधीश श्रीमती तृप्ति पाण्डेय, श्री संकर्षण प्रसाद पाण्डेय, श्री अभिषेक नागराज, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री शिवमोहर सिंह, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड श्रीमती प्रेरणा जैन,, श्री मेहताब सिंह बघेल, श्री राहुल जैन, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड छिंदवाड़ा श्रीमती नेहा मौर्य सोलंकी, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड श्रीमती ज्योति वरकडे, न्यायाधीश कनिष्ठ खंड छिंदवाड़ा श्री गोपाल जाटव व्यवहार, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड श्री राहुल डोगरे, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड सुश्री अवनी व्यास, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड सुश्री अक्षिता शुक्ला, श्री कृष्णकांत सोनी, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड अध्यक्ष श्री राजकुमार मिश्रा एवं उपाध्यक्ष अधिवक्ता संघ श्री सुनील लालवानी, अपर कलेक्टर श्री के.सी. बोपचे, उपसंचालक अभियोजन श्री गोपाल हलदार, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री विजय कुमार खोब्रागडे, न्यायालयीन कर्मचारीगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण व पैरालीगल वॉलेंटियर्स उपस्थित,जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री प्रेमपालसिंह ठाकुर ने जानकारी देते हुये बताया कि नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित दाण्डिक, सिविल, मोटर दुर्घटना, कुटुम्ब न्यायालय, चैक बाउंस, लंबित विद्युत के प्रकरणों के साथ-साथ बैंक, दूरसंचार, विद्युत एवं नगर निगम/नगर पालिका के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को रखा गया था। जिनके निराकरण के लिये संपूर्ण जिलों में 42 खण्डपीठों का गठन किया गया था। प्रत्येक खण्डपीठ में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त 1 सुलहकर्ता सदस्य की नियुक्ति गई थी।
नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना के 77 प्रकरणों मे 28600000 रूपये एवं चेक वाउन्स के 165 प्रकरणों में 26634525 रूपये, श्रम विवाद के 03 प्रकरण में 2405668 रूपये के अवार्ड पारित किये गये तथा राजीनामा योग्य दांडिक 271 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 100 प्रकरण, अन्य सिविल प्रकृति के 55 प्रकरणों में 7059680 रूपये के अवार्ड पारित किये गये, इसी प्रकार विद्युत अधिनियम के 29 प्रक्ररणों में 3170725 रूपये की अवार्ड राशि सहित न्यायालयों में लंबित कुल 771 प्रकरणों में दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर राजीनामा किया
जाकर अंतिम निराकरण किया गया इसी प्रकार बैंकों, नगर निगम/नगरपालिका, विद्युत विभाग के प्री-लिटिगेशन के 3276 प्रकरणों में 738 प्रकरण निराकृत किया जाकर 8158850 रूपये की राशि के अवार्ड पारित किये गये।
यह नेशनल लोक अदालत सभी न्यायाधीशों एवं सभी अभिभाषक बंधुओं, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, पत्रकार बंधुओं, न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समस्त स्टॉफ के सहयोग से सम्पन्न हुई। नेशनल लोक अदालत में वन विभाग के सहयोग से समझौता करने वाले पक्षकारों को फलदार पौधे वितरित किये गये। कुटुम्ब न्यायालय में लम्बे समय लंबित पारिवारिक मामले पक्षकारों ने आपसी सहमति से राजीनामा कर एकसाथ जीवनयापन करने को सहमत हुये ऐसे पक्षकारों ने एक-दूसरे के गले में पुष्पहार पहनाकर आपसी समझौते से प्रक्ररण का निराकरण करवाया। जिला न्यायाधीश/सचिव श्री प्रेमपालसिंह ठाकुर एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री विजय कुमार खोब्रागडे ने नेशनल लोक अदालत में सहयोग के लिये सभी का आभार व्यक्त किया है।