हॉस्टल में अधीक्षक बने रहने पड़ता अधीक्षक टैक्स..
छिदंवाडा जिलें के जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास में अधीक्षक बने रहने के लिए हर महीने टैक्स देना पड़ता है। यह टेक्स विभाग के आला अधिकारियों के नाम से वसूला जाता है। सबसे बडी हैरानी की बात तो यह है कि ट्रायबल बिभाग में इतना भ्रष्टाचार है कि यंहा पर अधीक्षकों को डराने के लिए सिर्फ निलंबित किया जाता है। निलंबन के कुछ दिनों के अन्दर ही अधीक्षक को उनकी मनचाही जगह पर नियुक्त कर दिया जाता है। अधीक्षक बना दिया जाता है। ट्रायबल विभाग में चलने वाली यह लूट में विभाग के कुछ बाबूओं से लेकर आला अधिकारियों के नाम शामिल है।ऐसे कई मामलों है जिसमें अधीक्षक को निलंबित करने के बावजूद उन्हें बहाल कर दिया गया।जिसके एवज में चढ़ोतरी ली गई है ।
जनजातीय कार्यविभाग का कारनामा,100 निलंबन में 98 बहाल..!
ट्रायबल विभाग में आधीक्षकों को कमाऊं पूत कहा जाता है ।दरअसल अधीक्षक बने रहने के लिए अधितर शिक्षक प्रयासरत रहतें है।उनकी इसी मजबूरी का फायदा विभाग के कुछ कनिष्ठ अधिकारियों द्वारा फायदा उठाया जाता है।निरीक्षण के दौरान छात्रावास में लापरवाही की बात कहकर अधीक्षकों को पहले निलंबित किया जाता है इसके कुछ दिनों के अंदर मोटी रकम लेकर उन्हें बहाल कर दिया जाता है
दस सालों से बने है छात्रावास अधीक्षक..
छिदंवाडा शहर छात्रावास अधीक्षकों की पहली पंसद बना हुआ है। मनसरोकार के पीछे कम्पलेक्स के पीछे छात्रावास अधीक्षक ,टी.एन परानी ,रधुवंशी ,आर के.दुबे एक ही छात्रावास में मठाधीश की तरह अधीक्षक बने बैठे है। बच्चों को पढाने की जगह छात्रावास में समय काटने वालें ऐसे कई अधीक्षक है।इसमें आदिवासी बालक उत्कृष्ट छात्रावास में डी.एस.अहरवार बर्ष 2009 से पदस्य है इसी प्रकार सामान्य बालक छात्रावास में 2015 से राकेश दुबे , अनुसूचित जाति कान्या छात्रावास में 2015 से ईश्वरी चौहान ,अनुसूचित जाति बालक छात्रावास में 2019 से शिवनारायण ठाकुर, पिछडा वर्ग छात्रावास में संजय डेहरिया,कान्या परिसर में रजनी उईके आपनी सेवाएं दे रहे है।बता दे इसके अलावा भी ऐसे कई अधीक्षक है जो सालों से सिर्फ एक ही जगह पदस्य है।इसमें से कुछ सेवानिवृत्त होने के नजदीक है।
पहले भी सीओ ( मंडल संयोजक) पर लगें है आरोप..
छात्रावास में चलने वाली अवैध बसूली के पहलें भी कई मामलों समाने आ चूकें है ट्रायबल विभाग के एक सीओ पर छात्रावास अधीक्षकों से प्रति माह अवैध बसूली की बात सामने आ चूकी है।बताया जा रहा है अभी तक उक्त सीओ द्वारा जिलें के सभी अधीक्षकों से प्रति माह अवैध बसूली उच्च अधिकारियों के नाम पर अधीक्षक टैक्स बसूल रहा है । बकायदा इस में में एक महिला को सहायक आयुक्त कार्यालय में बैठकें रखा है जो सभी अधीक्षकों से बसूली कर रही है।
तीन साल में छात्रावासों से अधीक्षकों को बदलने के है नियम..
नियम के मुताबिक हर तीन साल में अधीक्षकों को बदलना चाहिए। जबकि जनजातीय कार्यविभाग में इस समय बडा खेल चल रहा है । नियम है कि पुरुष छात्रावास में पुरुष होना चाहिए और कान्या छात्रावास में महिला होना चाहिए ।लेकिन छिन्दवाड़ा में उल्टा चल रहा है ।यंहा राजनेताओं एंव अधीक्षकों की सांठगांठ करके महिला अधीक्षिका ने पुरुष छात्रावास में पैस्टिग करा लिया है। इसके अलावा एस,टी एस सी छात्रावासों में एसटी के ही अधीक्षक नियुक्त होना चाहिए। लेकिन जिलें के छात्रावासों में नियमों को नजर अंदाज करके मनमानी तरीकों से नियुक्त किया गया गई है। लम्बे समय से अधीक्षक छात्रावास में जमें हुए है।इन छात्रावासों में रहने के लिए अधिकतर अधीक्षक टैक्स भी हर महीने देना पड़ता है।यही बजह है की विभागीय अधिकारी भी अधीक्षक पर इसलिए मेहरबान रहतें है ।
बडे मामलों में भी अधीक्षकों किया बहाल…
कलेक्ट्रेट में सहायक आयुक्त के साथ बदतमीजी करने वाली महिला अधीक्षिका सहित जिस अधीक्षिका की लापरवाही के कारण छात्र की मौत हो गई थी .ऐसे प्रकरणों में भी ट्रायबल विभाग द्वारा अधीक्षकों को बहाल किया जा चूका है। जो मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है।सूत्रों की जानकारी के अनुसार जिस महिला ने सहायक आयुक्त केबिन में सहायक आयुक्त से बदतमीजी की उसे दो लाख की चढोतरी बाबू से लेकर अधिकारियों तक हुई है।हालांकि इसमें कितनी ंसच्चाई है।यह सब जांच का विषय है .
रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
मोबाइल-8989115284