Home CITY NEWS छिंदवाडा पुलिस ने DJ संचालकों को दिये आवश्‍यक दिशा निर्देश

छिंदवाडा पुलिस ने DJ संचालकों को दिये आवश्‍यक दिशा निर्देश

छिंदवाडा पुलिस ने DJ संचालकों को दिये आवश्‍यक दिशा निर्देश

विगत दिनों कोलाहल अधिनियम का उल्‍लंघन करने पर कार्यवाही/न्‍याया. का निर्णय
अभियुक्त 1. मोहित पिता आशाराम यादव उम्र 18 वर्ष निवासी जमुनिया जेठु थाना उमरेठ 2. निखलेश पिता सीताराम साहु उम्र 31 साल निवासी गांगीवाडा थाना देहात द्वारा दिनाक 20.09.2024 के रात्रि 2.00 बजे स्थान जैन मंदिर के सामने चांदामेटा, थाना चांदामेटा में वाहन क. एम. पी. 04 जीए 9167 को बिना लाईसेन्सके DJ वाहन चलाना, वाहन को बिना बीमा के संचालित किया. सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करना, अत्यधिक तेज आवाज में DJ चलाकर कोलाहल उत्पन्न करना, उक्त वाहन को बिना बीमा एवं बिना ड्रायविंग लाईसेन्स के अभियुक्त से संचालित करवाया, पुलिस अधिकारी को वाहन के संबंध में दस्तावेज रजिस्ट्रेशन, फिटनेश बीमा पेश नहीं किया, यातायात के नियमो का पालन नहीं किया वाहन के बाडी के बाहर पीछे एवं दाये बाये माल निकला पाया गया वाहन का प्रदूषण प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया।


अभियुक्त मोहित व निखलेश का कृत्य मोटर यान अधिनियम की धारा 3/181. 119/177. 125/177, 146/196,5/180, 130(3)/177,93 (8)/177. 115(7) 190 (2) एवं 7/15 म.प्र.कोलाहल अधिनियम 1985 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध पाये जाने पर माननीय न्‍यायालय न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट प्रथम श्रेणी परासिया जिला छिंदवाडा द्वारा 18500/- रूपये (अठारह हजार पांच सौ रूपये ) के अर्थदण्ड की राशि से दण्डित किया गया है ।

क्या कहता है ध्वनि प्रदूषण नियम –

1.पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत अधिसूचित ध्‍वनि प्रदुषण (विनियम और नियंत्रण) नियम 2000 के अनुसार लिखित अनुमति प्राप्‍त किये बिना लाउडस्‍पीकर उपयोग नही किया जा सकता ।

2.लाउडस्‍पीकर का उपयोग रात में (रात 10 बजे से सुबह 06 बजे के बीच) बंद परिसरों को छोडकर नही किया जा सकता ।

3.इसके अलावा साइलेंस जोन (अस्‍पताल,एजुकेशन इंस्‍टीटयूट,कोर्ट) में या मानक से अधिक ध्‍वनि विस्‍तार के लिये ध्‍वनि एम्पलीफायर का उपयोग करने पर या कोई भी सांउण्‍ड इंस्‍टूमेंट नही बजाया जा सकता ।

4.केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलग – अलग इलाकों के लिये तय किये गये मानकों के अनुसार DJ को 75 डेसीबल से अधिक साउण्ड पर न बजायें ।

क्या है जुर्माना/सजा का प्रावधान

1.मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 धारा 07/15 –सजा – 06 माह तक कारावास या 1000 रूपये जुर्माना या दोनों ।

जो कोई किसी अपराध के लिए पहले दोषसिद्ध किये जाने के पश्चात् तत्पश्चात् कोई अपराध करेगा और उसके लिए दोषसिद्ध किया जाएगा, वह उस दण्ड से दुगुना दण्ड दिया जाएगा जो इस अधिनियम के अधीन प्रथम दोषसिद्धि पर दिया जा सकता है।

2.ध्वनि प्रदूषण (विनिमय और नियंत्रण ) नियम 2000 के उल्लंघन पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 15 – सजा 05 वर्ष तक कारावास या एक लाख रूपये जुर्माना या दोनों

यदि उपधारा (1) में निर्दिष्ट असफलता या उल्लंघन दोपसिद्धि की तारीख के पश्चात्, एक वर्ष की अवधि से आगे भी चालू रहता है तोअपराधी, कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किये जाने का प्रावधान है।

3.बीएनएस धारा 271 / IPC 269–सजा – 6 माह कारावास या जुर्माना या दोनों ।

4.बीएनएस धारा 272 / IPC 270 –सजा – 2 वर्ष कारावास या जुर्माना या दोनों ।

5.बीएनएस धारा 280 / IPC 278 –सजा – 1000 रूपये जुर्माना ।

6.बीएनएस धारा 292 / IPC 290–सजा – 1000 रूपये जुर्माना ।

DJ संचालको के लिये महत्‍वपूर्ण दिशा निर्देश

1.मान. सर्वोच्‍च न्‍यायालय/उच्च न्यायालय एवं म.प्र शासन द्वारा दिए गये दिशा निर्देशो का डीजे संचालकों को पालन करना अनिवार्य है।

2.डीजे का संचालन करने के पूर्व किसी भी संस्था या व्यक्ति को अधिकृत प्राधिकारी (कार्यपालिक दण्डाधिकारी/तहसीलदार) से अनुमति लेना अनिवार्य है ।

3.छोटे बच्चों ,बुजुर्गों , गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों एवं आमजन के स्वास्थ्य एवं कानून को दृष्टिगत रखते हुए डीजे के ध्वनि स्तर को 75 डेसीबल की सीमा में ही रहे ,अत्यधिक तेज आवाज में डीजे का प्रयोग ना करें अनुमति में उल्लेखित समय सीमा में ही डीजे का उपयोग किया जावे समय सीमा के उपरांत डीजे का उपयोग ना किया जावे।

4.अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, न्यायालय परिसर एवं अन्य संवेदनशील स्थलों के आसपास तेज आवाज में डीजे आदि नहीं बजाया जावें, DJ के साथ अत्याधिक बड़े बेस का प्रयोग करने से उत्पन्न होने वाले कंपन से हार्ट अटैक का खतरा रहता है ।

5.यदि किसी डीजे संचालक द्वारा नियमों एवं निर्देशो का उल्लंघन किया जाता है तो विधिवत कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश किया जावेगा।