तेज बुखार से तड़प रहे हैं आश्रम शाला के बच्चे मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर…
पंचायत दिशा न्यूज –
जिले के जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित आश्रमों में रहने वाले छात्रावासी बच्चे बेबसी का जीवन जीने को मजबूर हैं। आलम यह है कि इनकी सुरक्षा के लिए अधीक्षक की नियुक्ति की जाती है, लेकिन अधीक्षक ही गायब हो जाएं, तो इन बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित होगा। यह अपने आप में ही सवालिया निशान है।
जनजातीय कार्य विभाग के द्वारा जिले के आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए सैकड़ों आश्रम, छात्रावास बनाकर उनकी भविष्य सुधारने की बुनियाद रखी गई है। पर वहां नियुक्त होने वाले अधीक्षक और कर्मचारी इस कदर लापरवाह हैं कि वे हॉस्टल में उन बच्चों के साथ न रहकर अपनी मनमानी कर रहे हैं। जिन्हें नियंत्रित करने वाला कोई दिखाई नहीं पड़ता। पंचायत दिशा समाचार ने ऐसे ही दुर्गम अंचल के दो आदिवासी बालक आश्रम का पड़ताल की। तामिया ब्लॉक के धंटलिगा आदिवासी बालक आश्रम में बच्चों को न तो ठीक से भोजन मिल रहा है और न ही उनकी आवासीय व्यवस्था ठीकठाक है। मजे की बात तो यह है कि यहां पदस्थ अधीक्षक चपरासियों के हवाले कर के बच्चों को हफ्ते में एक दिन पहुंचकर रजिस्टर में दस्तखत कर अपनी कर्तव्य पूरा कर लेते हैं। साथ ही माह भर की तनख्वाह भी उठा लेते हैं। पंचायत दिशा समाचार की टीम ने जब आदिवासी बालक आश्रम में बच्चों की स्थिति देखा तो रोंगटे खड़े हो गए क्योंकि यहां विगत कई दिनों से बच्चे बीमार पड़े थे लेकिन इनकी सुंध लेने वाला कोई नहीं था आश्रम शाला में एक भी चपरासी ना ही शिक्षक उपस्थित थे। यहां अध्यनरत बच्चे रोते विलखते देखे गए। तामिया विकासखंड का सबसे दुरस्त ग्राम धंटलिगा है।आदिवासी बालक आश्रम धंटलिगा में रह कर अध्ययन कर रहे बच्चों की बदहाल स्थिति है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में दुर्गम अंचलो के आश्रम छात्रावास में बच्चों की किस तरह ख्याल रखा जा रहा है!
आदिवासियों के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ..
जिलें के आश्रमों में बेबसी का जीवन जीने को मजबूर विद्यार्थी, असुविधाओं का अंबार..
आदिवासी बालक आश्रम धंटलिगा की स्थिति देखकर मानवता भी शर्मसार हो जाएगी यहां पर बच्चों की स्थिति वह हाल है कई दिनों से बच्चे बीमार पड़े हैं लेकिन वहां री सरकार और जनजातीय कार्यविभाग के नुमाइंदे जिनके भरोसे इन आदिवासियों ने अपने बच्चों का भबिष्य संवारने के लिए इन आश्रम शालाओं में रखा है। लेकिन आज उनके उनकी सुंध लेने वाला कोई नहीं है।भ्रष्ट नौकरशाहो द्वारा अमानत में खयानत कर आदिवासी बच्चों के साथ न्याय नहीं किया जा रहा है।वहीं सरकार की मंशा को भी पूरी नहीं होने दिया जा रहा है।
ग्रामीण भी नाराज…
ग्राम धंटलिगा के ग्रामीण भी यहां की स्थिति से खासे नाराज थे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार शिकायत की गई। लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुई। यहां के ग्रामीण ने बताया कि हम इस बात से चिंतित रहते हैं कि इस छात्रावास में छोटे-छोटे बच्चे हैं। और बच्चों कई दिनों से बीमार चल रहे है लेकिन इनका अधीक्षक द्वारा इलाज नहीं कराया जाता है। कई कई दिनों बाद अधीक्षक यंहा आता है। और रात में चौकीदार के भरोसे रहते हैं। खास बात तो यह है कि यहां आश्रम में अतिथि शिक्षक , एक अधीक्षक सहित तीन चपरासी और चौकीदार हैं। लेकिन सब अक्सर गायब रहती है।
छात्रावास/आश्रम शाला
के निरीक्षण करने वालें अधिकारी नदारत…
जिलें में इन दिनों जनजातीय कार्यविभाग के अधिकारी/ कर्मचारियों की कार्यप्रणाली के लिए कभी सुर्खियों में है। सूत्रों की जानकारी के अनुसार छात्रावास/आश्रम शालाओं में पैसे के बल पर नियुक्ति अधीक्षक की लापरवाह इन दिनों चरम पर है ।ऐसा ही मामला आदिवासी बालक आश्रम धंटलिगा में देखा गया जंहा अधिकाशं दिन अधीक्षक ड्यूटी में अनुपस्थित रहते हैं और हफ्ते में एक दिन आकर हस्ताक्षर कर लेते हैं। ऐसी स्थिति अधिकांश छात्रावास/ आश्रमों में है। इन्हें देखने के लिए मिल जायेगी लेकिन जनजातीय कार्यविभाग ने जिन मंडल संयोजक ,क्षेत्रसंयोजक,की नियुक्ति निरीक्षण के लिए कि गई है। लेकिन शायद ये लोग अपनी ड्यूटी भूल गयें है। इसलिए जिला मुख्यालय के सहायक आयुक्त कार्यालय के ऑफिस में बैठकर खानापूर्ति करते नजर आते हैं । यदि जरूरत होती है तो अधीक्षक को ही जिला मुख्यालय में बुलाकर काम पूरा कर लेते हैं। यदि निगरानी करने वालें ऐसे होगें तो आप समझ सकते हो कि फिर अधीक्षक कैसे होगें । खासबात तो यह है कि सड़क के आसपास के क्षेत्रों में संकुल प्रभारी बीईओ पहुंच जाते हैं। लेकिन पहुंच विहीन क्षेत्रों में निरीक्षण के नाम पर कोई नहीं पहुंचता।
अनदेखी के चलते कई हास्टल और आश्रम शाला में तेज बुखार से छात्रावास से परेशान हो रहे बच्चें..
धंटलिगा आदिवासी बालक आश्रम में कई दिन से अधीक्षक गायब..
जिले के तामिया विकासखंड के आदिवासी अंचल धंटलिगा बालक आश्रम शाला में कई बच्चे तैज बुखार से तड़प रहे थे लेकिन बालक आश्रम में एक भी कर्मचारी इन बच्चों को देखने के लिए मौजूद नहीं थे । अधीक्षक की लापरवाही इतनी है कि हफ्ते में एक दिन ही आश्रम शाला पहुंचाते हैं । बाकी समय तामिया में रहते है। जिसके कारण आज आज बच्चों बुखार की चपेट में हैं।सूत्रों की जानकारी के अनुसार अधीक्षक इतना लापरवाही है कि हफ्ते में एक दो दिन ही आता है बाकी समय यंहा का संचालन चपरासी करते है। और चपरासी भी इतने लापरवाह है कि बच्चों को सुबह शाम ही सिर्फ खाना खिलाने आते है। बाकी समय कौन क्या कर रहा है किसी को नहीं मालूम । यंहा आश्रम शाला होने के बाद भी बच्चों को पढाने वालें एक भी शिक्षक नहीं थें बच्चों सड़क में धुमते देखें।बच्चों कई दिनों से बीमार है लेकिन अधीक्षक के द्वारा आज तक इसकी सूचना उनके पालकों को भी नहीं दिया है । जबकि इन्हीं लापरवाही के कारण छात्रावासों में बच्चों की मौत भी हो चूकी है। आदिवासी बालक आश्रम धंटलिगा में छोटे छोटे बच्चों की तबियत पिछले कई दिनों से खराब है। बच्चें डेगू मलेरिया. जैसे गंभीर बीमारी से ग्रस्त है ।उसकें बाद भी अधीक्षक डेहरिया के द्वारा सुंध नहीं ली गई है । नहीं ही उन बच्चों का इलाज कराया गया है । अधीक्षक रक्षा डेहरिया के नहीं आने से बीमार बच्चों का समय पर भी इलाज नहीं हो पा रहा है।.
धंटलिगा आश्रम में बच्चों के साथ जानवरों जैसा व्यवस्था किया जा रहा है । उनकी सुंध लेने वाला कोई नहीं ,आदिवासी समाज का बच्चा जिए या मरे उनका कोई फर्क नहीं पड़ता
है। अधीक्षक धंटलिगा बालक आश्रम से आए दिन गायब रहते हैं। चौकीदार बाजार से दवा लाकर दे दिया है। तीन दिन बीतने के बद भी तबियत ठीक नहीं हुई। छात्र आश्रम शाला में तेज बुखार से तड़पते देखे जा सकतें है।, इसी तरह बच्चों की जिदंगी से खिलवाड़ करते देखे जा सकतें है लेकिन जिम्मेदार इन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हे…
छात्र-छात्राओं की तबियत खराब है। अधीक्षकों ने छात्रों का स्वास्थ्य चेकअप तक नहीं कराया।
तामिया विकासखंड के हॉस्टलों में आयोजित नहीं किया स्वास्थ्य शिविर
जिले के आला अफसरों की अनदेखी के चलते चालू शैक्षणिक सत्र बीतने को है। आज तक किसी भी आश्रम शाला और हॉस्टल में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन नहीं किया गया। और न ही छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। जिसके कारण आज दर्जनों बच्चों बुखार की मर झेल रहे है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते छात्र परेशान हैं।
अधिकारी का क्या कहना..।
धंटलिगा आश्रम में जाकर वहां की स्थिति की जांच कर वहां के अव्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लिया जाएगा, जो भी दोषी होंगे उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सहायक आयुक्त
जनजातीय कार्यविभाग
तेज बुखार से तड़प रहे आश्रम शाला के बच्चे,अधीक्षक नदारत..?
रिपोर्ट-ठा.रामकुमार राजपूत की रिपोर्ट
मोबाइल-8989115284