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पंचायत में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा विकास जानिए सरपंच सचिव किसके हैं खास..
क्या भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए सरपंच सचिव को समय दे रहें हैं जिम्मेदार…
छिदंवाडा:- जिले के ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता और अनुपयोगी कार्य कराके जहां सरकारी बजट को चूना लगाया जा रहा है, वहीं पंचायत प्रतिनिधि हर काम में कमाई के चक्कर में नियम कायदे को ताक पर रखकर उसके पालन से बेपरवाह हैं। उन्हें न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है। ग्राम पंचायतों में सरंपच,सचिव और जनपद पंचायत चौरई की तिकड़ी का बेलगाम राज चल रहा है। ऐसे में इस तिकड़ी को मनमानी करने की खुली छूट कहा से मिल गई है। पहले भी ऐसे तमाम काम कराए गए, जिनमें कमाई का रास्ता नजर आया। यहां तक कि कई अनुपयोगी काम भी करा दिए गए हैं, ऐसे तमाम निर्माण कार्य कराके जिम्मेदारों ने अपना-अपना हिस्सा तो ले लिया पर ये निर्माण कार्य अनुपयोगी पड़े-पड़े बर्बादी की कगार पर है । शिकायतों को अनदेखा करके जिम्मेदार मौन बने हैं। इसे लेकर लोगों में नाराजगी है और कुछ मामलों में अधिकारी दिखावे के लिए कार्रवाई करने जांच कराने जैसे स्टेटमेट देकर अपनी कमी छिपाने में जुटे हैं। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत थावरी में देखने को मिला जहां वित्तीय वर्ष में मृतको के नाम पर फर्जी तरीकों से हजार रूपये निकाल कर गबन किया गया। एवं वित्तीय वर्ष में कालेजों में पढ़ने वाली छात्राओं एंव गांव के अमीर आदमी के नाम पर मनरेगा में मजदूरी दिखाकर राशि निकली गई । फर्जी खरीदी के बिल भी लगायें गयें है वहीं सी सी सड़क के नाम फर्जी बिलों के नाम राशि आहरण कर गबन किया गया है, जबकी जमीनी स्तर पर सड़क गायब है। अन्य वित्तीय वर्ष में साफ सफाई ,रंगमंच निर्माण ,नाली निर्माण शौचालय,चबुतरा निर्माण जैसे राशी आहरण कर गबन किया गया है।लेकिन जिम्मेदार अब तक शिकायत पत्र को जांच दायरे में सम्मीलित नहीं कर पाये हैं जो बेहत गंभीर सवालो को उठाता दिख रहा है।
क्या जिम्मेदार अधिकारी पर्याप्त समय देकर सरपंच सचिव को बचाने में जुटे है:-
शिकायतकर्ता जनपद पंचायत सीईओ के समक्ष लिखित शिकायत देकर थावरी ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्ट्राचार की जांच की मांग की किंतु समय बीतने के बाद भी जिम्मेदार सरपंच सचिव पर जांच के नाम पर आंच नहीं आने देने का बेड़ा आपने कंधे पर उठा रखा हैं।जिसके चलते ग्राम पंचायत में किए गए हेराफेरी को आराम से पर्दा डालने काम किया जा रहा हैं। इस तरह के कार्यशैली से जनपद के अधिकारियों के उपर सवालिया निशान खड़ा हो रहा हैं। जनपद के अधिकारियों से अपना मोह भंग होता देख शिकायतकर्ता ने अब कलेक्टर व मुख्यमंत्री एंव लोकायुक्त की तरफ अपना रुख अख्तियार करने का मन बना लिया हैं। और ग्राम पंचायत थावरी में हुए भ्रष्ट्राचार की कलाई खोलने की बात कही हैं।
थावरी पंचायत में लाखों का गबन ,भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा विकास..
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जिले की ग्राम पंचायत थावरी में संरपच / सचिव ने धोर लापरवाही करते हुई शासन की राशि का बंदरबांट कर दिया है सूत्रों की जानकारी के अनुसार यदि जाँच होती है तो लगभग 35 लाख से भी ज्यादा का गबन समाने आयेगा। लेकिन सरपंच/ सचिव ने चौरई सीईओ से सांठगांठ कर मामलों को रफा दफा करने में लग गयें है। जबकि ग्रामीणों ने पूरे प्रमाण के साथ इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों सहित सीईओ व कलेक्टर महोदय को किया है लेकिन जाँच दिनांक तक ऐसे भ्रष्टाचारी संरपच/ सचिव पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है। सरपंच/ सचिव ने फर्जी तरीकों से फर्जी बिलों के सहारे से लाखों की हेराफेरी कि है। और सरकारी बजट को चूना लगाया जा रहा है, वहीं पंचायत प्रतिनिधि ने हर काम में कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रखकर कायदे कानून के पालन से बेपरवाह हैं। उन्हें न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है।
ग्राम पंचायतों में सरंपच, सचिव और का बेलगाम राज
सरपंच सचिव द्वारा 15 वित्त सहित सभी सरकारी योजना में भारी अनियमिता की जा रही है निर्माण कार्य के कागजों में पूर्ण बताकर फर्जी फोटो जियो टैग के माध्यम से सम्पूर्ण राशि का आहरण किया जा रहा है।
वित्त आयोग की राशि सरपंच सचिव ने किया बिना काम के आहरण..
ग्राम पंचायत द्वारा दो बर्षों से शासन से 5 वा वित्त आयोग व 15 वित्त आयोग से प्राप्त राशि का आहरण कर लिया गया है।किंतु आज दिनाक तक कोई किंतु आज दिनांक तक कोई निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है ग्राम थावरी में विनोद के घर से गुंदरसी के धर तक सीसी नाली निर्माण पूर्व में स्वीकृत हुई थी तब पूर्व एंजेसी तत्कालीन संरपच द्वारा संबंधित मद 15 वें वित्त के टाइड ग्रांट में बजट उपलब्धता अनुसार निर्माण किया गया था।जबकि वर्तमान सरपंच/ सचिव ने बिना कार्य द्वारा राशि का आहरण किया गया है।15 वें वित्त आयोग के कार्यों में दो सालों से बिना कार्य कराए पुराने कलामंच को दिखाकर पूर्ण 1 लाख रुपये की राशि आहरण,शेष सांसद/ विधायक निधि के कार्यों की भी यही स्थिति है
सांसद /विधायक निधि के अधूरे कार्य में भी निकली पूरी राशि …
सांसद/ विधायक निधि के कार्य में संपूर्ण राशि आहरण के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है ।अधूरा कार्य को पूर्ण बताकर राशि निकाली जा रही है ।जैसे सार्वजनिक चबूतरा में अतिरिक्त निर्माण कर सांवरी विधायक निधि में कोई कार्य नहीं हुआ है ।कला मंच, दुर्गा मंदिर के पास सांवरी में केवल काँलम खड़े हुए हैं। और पंचायत ने पूरी डेढ़ लाख रुपए की राशि आहरण कर ली छत व दीवार का कार्य नहीं हुआ है। चबूतरा निर्माण सांसद निधि मेहगोरा, सुरेंद्र चंद्रवंशी के घर के पास में बिना कोई कार्य पुराने कलम मंच को देखाकर पूरी ₹1लाख की राशि आहरण कर ली गई से सांसद विधायक निधि के कार्य की भी यही स्थिति है
स्वच्छ भारत मिशन में सरपंच/ सचिव ने किया भारी भ्रष्टाचार…
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स्वच्छ भारत अंतर्गत नाडेप/शोकपेड/ लीचपिड निर्माण कार्य के लिए राशि हरित की गई है वास्तव में धरातल पर उतनी कार्य मौजूद नहीं है। ना ही टीएस में जिन स्थान का उल्लेख है।उन स्थान पर कार्य नहीं किया गया है।
जल मिशन में सरकार की मंशा में पानी फेर रहे सरपंच /सचिव किया भरी भ्रष्टाचार..
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विगत एक बर्षों से ग्राम में ग्राम पंचायत में जलजीवन मिशन अंतर्गत पेयजल के कार्य किए जा रहे हैं उन पेयजल के कार्य को अपना बताकर बिना कार्य मूल्यांकन के पेयजल पाइपलाइन व नवीन मोटर हेतु संपूर्ण राशि आरंभ किया जा रहा है इन कार्य के बिलों में उन वेंडर को भी भुगतान किया जा रहा है जो जल जीवन से संबंधित सामग्री का विक्रय नहीं करते
बिना चबूतरा निर्माण के निकली सरपंच सचिव ने राशि
मोक्षधाम मेहगोरा व थावरी में बिना चबूतरा व फ़र्श का काम किए पूरी राशि निकली गई। जिसके कारण आज भी ग्रामीण कारण आज भी लोग आपने मृत परिजनों के शवों को खुलें में नीचे जलाने को मजबूर है
फर्जी बिलों के माध्यम से राशि का आहरण..
ग्राम पंचायत के द्वारा एक ही वेंडर को कंप्यूटर सामग्री व जेसीबी कर हेतु भुगतान किया गया है ।दोनों बिलों में एक ही जीएसटी नंबर का उपयोग किया गया है ।जिस व्यक्ति को जेसीबी कार्य का बिल भुगतान किया गया है।उनके पास जेसीबी मशीन नहीं है । फर्नीचर क्रय,टायर क्रय सहित अन्य फर्जी बिल लगाकर राशि अआहरण किया जा रहा है। इन फर्जी बिलों को लगाते समय क्रय भंडार नियमों का पालन नहीं किया गया है। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा श्री स्वयं के निजी खाते में राशि डाली गई है।
नवीन फर्जी जॉब कार्ड को संरपच/ सचिव ने चुनाव आचार संहिता के दौरान बना दिया ….
विकास 6 माह में ग्राम पंचायत द्वारा 50 से अधिक नवीन फर्जी जॉब कार्ड का पंजीयन नियम विरोध तरीके से किया गया है वह यह कर वर्तमान में भी जारी है पूर्व पंजीकृत जॉब कार्ड में भी नाम जोड़ा गया है ज्यादातर नवीन अकाल फर्जी जॉब कार्ड को लोकसभा चुनाव आचार संहिता प्रभावशाली होने के दौरान निर्माण किया गया है सरपंच पति द्वारा अधिक आर्थिक लाभ कमाने की दृष्टि से पति-पत्नी का अलग-अलग अकाल जॉब कार्ड पंजीयन किया गया है इस प्रकार आईटी बच्चों को भी माता-पिता से अलग-अलग पंजीयन किया गया है।
स्कूल कॉलेज की छात्राओं एवं मृत व्यक्ति के नाम जोडा गया मनरेगा..
जिसमें स्कूल कॉलेज में अध्यनरत विद्यार्थी नाबालिक बच्चे वह श्रम करने में समर्थ 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों का भी नवीन जॉब कार्ड पंजीयन किया गया है जिसमें ज्यादातर सरपंच के रिश्तेदार व परिचित का पंजीयन किया गया है जो कि मनरेगा अधिनियम के वर्णित प्राविधान के विपरीत है।
Nmms apps पर स्वयं का पंजीयन कर फर्जी फोटो के माध्यम से रात्रि में हाजिरी लगाना..
मनरेगा में कर की सतत निगरानी हेतु भारत सरकार द्वारा Nmms apps विकसित किया गया है जिसमें प्रतिदिन दिन में दो बार कार्यस्थल पर उपस्थित मजदूरों की फोटो लिया जाना आवश्यक होता है।इस Nmms apps पर संरपच पति द्वारा स्वयं का पंजीयन कर लिया गया है।ताकि फर्जी फोटो निकलने में आसानी हो विगत 8 माह से प्रतिदिन फर्जी फोटो ( पुरानी फोटो या दुसरे मोबाइल कंप्यूटर में सुरक्षित फोटो ली जा रही है जो Nmms apps पर स्पष्ट नजर आ रही है) के माध्यम से हाजरी भरी जा रही है।इन फोटो में जिन लोगों के नाम से फोटो खीची जा रही है।वह कही( ना फोटो में ना कार्यस्थल में) दिखाई नहीं देते है। एक ही फोटो को बार बार कई दिनों तक या कई मस्टरों में उपयोग किया जा रहा है।
ज्यादातर कार्य की प्रथम फोटो जो सुबह के समय ली जाना चाहिए वह इस ग्राम पंचायत द्वारा रात्रि में 8 से 11 बजे के बीच कैप्चर की गई है एवं कार्य करते मजदूर की दूसरी फोटो इस ग्राम पंचायत में 8 माह में कभी नहीं ली गई।Nmms apps पर वर्तमान में कुछ खामियां है। जिनका फायदा उठाकर ये बिना समय व स्थान का ध्यान रखें कार्य करते आ रहे है
स्कूल कॉलेज में अध्ययन छात्रों ,निजी संस्थानों में कार्य व्यक्तियों व अन्य अपात्र व्यक्तियों के मस्टर रोल निकाल कर राशि का आहरण…
ग्राम पंचायत द्वारा जारी मास्टर में स्कूल कॉलेज में अध्यनरत छात्र-छात्राओं नाबालिक 80 वर्ष आयु से अधिक बीमार बुजुर्ग जो चलने फिरने में असमर्थ हैं ऐसे व्यक्तियों को मजदूरी बताकर राशि आहरण किया गया है।जैसे काजल पिता दीपक विश्वकर्मा जॉब कार्ड 387 जो की वर्तमान में B.A तृतीय बर्ष की नियमित छात्रा है।जिनका वर्तमान जुलाई माह में बार्षिक परीक्षा प्रगतिरत है।
जिसमें 13 जुलाई को इनका पेपर था।इसी प्रकार निकिता जॉब कार्ड क्रमांक-385 जो कि B.A प्रथम बर्ष की नियमित छात्रा है।उसके भी वर्तमान में बार्षिक परीक्षा जारी है।जिसका गत 11 जुलाई को परीक्षा थी। दोनों ने अपनी परीक्षा भी उस दिनांक को दिया है।
जबकि काजल और निकिता को उस दिनांक को व पूरे सप्ताह में मनरेगा मजदूरी के रूप में उपस्थित दिखाई गई है पूरे सप्ताह का मजदूरी भुगतान भी किया गया है। परीक्षा प्रवेश पर संलग्न है ऐसे लगभग 10 कॉलेज अध्यनरत विद्यार्थी जिनकी परीक्षा चल रही है उन्हें भी मनरेगा मजदूरी दिखाकर राशि आहरण की जा रही है। इसके अलावा निजी संस्था में कार्य वेतन प्राप्त कर्मचारी शिक्षक व अन्य शहरों में अपना खुद का व्यवसाय करने वाले व्यक्ति भी मनरेगा मजदूरी बढ़कर राशि आहरण सरपंच सचिव द्वारा की जा रही है
10 मृत व्यक्ति व जिनके घर विवाह या अन्य कार्यक्रम में उनका मस्टर निकालकर राशि आहरण करना..
जॉब कार्ड 133 में संजय लाल विगत में 10 अप्रैल 2024 को मृत हो गए थे ।जो कई दिनों से बीमार चल रहे थे एवं शारीरिक श्रम करने में असमर्थ थे फिर भी उनके वह उनके परिवार के सदस्य को मनरेगा मजदूरी के रूप में भुगतान होते रहा जी सप्ताह उनकी मृत्यु हुई तब भी उनका मस्टर निकाला गया व उनके पारिवारिक सदस्य जिसमें उनकी पत्नी व पुत्र को फर्जी हाजिरी से मजदूरी मिलते रही अब यह कैसे संभव है कि जिनके पति, पिता की मृत्यु हुई है और वह उनका अंतिम संस्कार तीसरा आदि किए बिना अन्य ग्राम में मनरेगा मजदूरी करने चला गया हो। इसी प्रकार जॉब कार्ड 315 में गौरीशंकर निराशा विश्वकर्मा की पुत्री का विवाह 24 अप्रैल 2024 को था उसे अवधि में पूरे सप्ताह में उन्हें मनरेगा मजदूरी के रूप में भुगतान किया गया ऐसे कई उदाहरण इस पंचायत में है जिनके नाम से फर्जी मस्टर भरकर राशि का आहरण किया गया है।
एक ही स्थान पर एक ही श्रेणी के एक से अधिक कार्य स्वीकृत…
ग्राम के उपसरपंच के खेत के पास एक ही स्थान पर दो बॉक्स ट्रैच निर्माण स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें बॉक्स ट्रेच निर्माण कर भगत सिंह के खेत से निस्तारित तालाब तक(wc/5033) बर्ष 2023-2024 मैं स्वीकृत किया गया था जिसमें वर्तमान में भी मास्टर भरे जा रहे हैं ठीक उसी स्थान पर वर्ष 2024 25 में अन्य नाम से बॉक्स ट्रैच निर्माण नारायण सिंह के खेत के पास से तालाव तक(wc/15400) स्वीकृत कर दोनों स्थानों पर बिना कोई कार्य किए राशि निकाली जा रही है। इसी प्रकार मेहगोरा में 1 नवीन बाँक्स ट्रैच निर्माण कार्य सामूदायिक कूप के पास से निस्तारी तालाब तक (wc/00100) स्वीकृत किया गया है ।जबकि उसी स्थान पर हुआ है और वास्तविक रुप से पिछले बर्ष तक उसमें काम भी कराया गया है।जिसकी अभी सीसी दिखाकर राशि आहरण संरपच सचिव द्वारा किया जा रहा है एक ही स्थान पर एक ही समय के 18 अधिक मनरेगा कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है जो मनरेगा अधिनियम के कार्य के लिए जारी दिशा निर्देश में वर्णित प्रावधानों के विपरीत है
भ्रष्टाचारी सरपंच सचिव सचिव को बचाने में लगे जनपद एवं जिला के अधिकारी
पंचायत पर भ्रष्टाचार पर विशेष खबर /-
एपिसोड-2
रिपोर्ट – ठा.रामकुमार राजपूत ,मोबाइल-8989115284