अजब गजब:प्रमोशन स्वीकार करने पर घर से दूर जाना होता..!
जिले के दर्जनों शिक्षक/ शिक्षिकाओं ने सेटिंग से करा लिए मुख्यालय के आसपास पोस्टिंग…
जिला मुख्यालय के कान्या शिक्षा परिसर में बर्षों से अधीक्षिका फिर प्रमोशन भी उसी आश्रम शाला मे..
आखिर कैसे..!
कई साल बाद प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षकों की पदोन्नति हुई फिर भी शिक्षक/ शिक्षिका पदोन्नति वाली संस्था में नहीं ले रहे प्रभार..
आदिवासी समाज संगठन ने उठाया आवाज..।
By admin
13 August 2024
पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा (म.प्र )- जनजातीय कार्यविभाग में इन दिनों प्रमोशन देकर घर से दूर भेजने, वेतन में वृद्धि नहीं होने और काम का बोझ बढ़ने को देखते हुए पदोन्नति वाली संस्था में ना जाने पंडे इसलिए जुगाड़ लगा रहे है ।संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्यविभाग द्वारा आदेशों में कई विसंगतिय देखी गई है ।क्योंकि विभाग द्वारा बर्षा से जिस शाला में शिक्षक/शिक्षिका पदस्थ थी ।उसी संस्था में उनका प्रमोशन कर दिया गया जो नियम के विपरीत है ।आखिर कैसे उसी संस्था में शिक्षक /शिक्षिकाओं का प्रमोशन किया जा सकता है। ये गाइडलाइन के विपरित इन शिक्षकों का प्रमोशन किया गया है।सूत्रों का कहना है। कि छिदंवाडा जनजातीय कार्यविभाग में जिन प्राथमिक शिक्षक/ शिक्षिकाओं की पदोन्नति की गई है।इसमें जुन्नारदेव एंव हर्रई के शिक्षकों की बडी भूमिका रही है। क्योकि
सांकेतिक चित्र
छिदंवाडा जिलें में पदस्थ एक अधिकारी जो अभी वर्तमान में जनजातीय कार्यविभाग जबलपुर में पदस्थ है।उसनें बकायदा इस काम के लिए दो शिक्षकों से सांठगांठ कर सेकडों शिक्षक/ शिक्षिकाओं का प्रमोशन उनकी मनचाही जगहों में कराया गया है जिसके लिए इन शिक्षक/ शिक्षिकाओं से मोटी रकम ली गई है। पहलें अप्रैल और अभी वर्तमान में जो पदोन्नति आदेश जारी हुयें है ।उसमें ऐसे शिक्षक/ शिक्षिकाओं को प्रमोशन कर दिया गया है। जो दस दस सालों से अधीक्षक /अधीक्षिका का काम कर रहे थे।और उनके ऊपर विभागीय जाँच भी लम्बित है ।उनका भी प्रमोशन कर दिया और कई शिक्षिका जो वर्तमान में अधीक्षिका का काम कर रही थी उन्हें उसी संस्था में प्रमोशन कर दिया गया। ये कैसे हो सकता है !
नए स्थानों में उनकी पदस्थापना भी की गई लेकिन कई शिक्षक / शिक्षिकाओ
कई बर्षों से एक ही शालाओं में।पदस्थापना प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षक की पदोन्नति की गई है। ऐसे में जो शिक्षक पहले घर के काफी नजदीक स्थित स्कूलों में पढ़ा रहे थे और कई शिक्षक छात्रावास / आश्रम शालाओं में अधीक्षक / अधीक्षिका का काम कर रहे थे। तो उन्हें अब मुख्यालय से करीब 60 से 80 किलोमीटर दूर जाना होगा,और जो बर्षों से मलाई छात्रावास/ आश्रम शालाओं में खा रहें है तो दूर कैसे जा सकतें है। इसलिए सभी ने सांठगांठ कर आपनी पदोन्नति भी इसी संस्था में करा लिया!
जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित जिला मुख्यालय में अतिशेष शिक्षक होने के बाद भी आखिर कैसे हो रही उसी संस्था में पदोन्नति..
जिलें के जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित संस्था में इन दिनों आजब-गजब कार्यनामा हो रहे है। जिलें में जंहा अतिशेष शिक्षक/ शिक्षिका को हटाने के आदेश निकलें जा रहे है वहीं कई शिक्षक/ शिक्षिका संभागीय उपायुक्त कार्यालय के अधिकारियों से सांठगांठ कर अतिशेष वाली संस्थाओं में पदोन्नति का आदेश लेकर आ रहे है। जबकि जिलें में बैठे सहायक आयुक्त एंव विभाग के अधिकारी एंव कर्मचारियों को सब मालूम होने के बाद भी ये पदोन्नति उसी संस्था में करा रहे है। क्या जिलें से ऐसी संस्था की सूची उपायुक्त संभागीय कार्यालय नहीं भेजी गई है कि किस संस्था में कौन से बिषय के शिक्षकों की जरूरत है। क्योंकि ऐसा ही मामला देखने को मिला कान्या शिक्षा परिसर की आश्रम शालाओं में जंहा ये सब खेल चल रहा है। यंहा पदस्थ एक प्राथमिक शिक्षिका ये दसों साल से कान्या आश्रम में अधीक्षिका के पद पर कार्यरत है ।और उनको उसी संस्था में प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षिका में प्रमोशन दे दिया गया है।जो वर्तमान में भी अधीक्षिका के प्रभार में है।
जानिए… इस तीन कारणों से शिक्षक /शिक्षिकाओं नहीं जाना चाहतें ग्रामीण अंचलों की शालाओं में
छिंदंवाडा जिला मुख्यालय में में हुई पदस्थापना: प्रमोशन वाले ज्यादातर शिक्षक वर्तमान में अपने घर के नजदीक के स्कूल में पदस्थ हैं। लेकिन उन्हें अब पदोन्नति मिलने के बाद अब उन्हें दुसरे ब्लाकों के ग्रामीण अंचलों के स्कूलों में जाना होगा। इस स्थिति में शिक्षकों को 60 से 80 किलोमीटर दूर पदस्थापना मिली थी।और कई शिक्षक/ शिक्षिकाओं को अधीक्षक पद भी छोड़ना पड़ सकता था , किराया के मकान में रहना पड़ता ,डेली आने जाने में पैसे खर्च होते ग्रामीण अंचलों में रहना पड़ता इसलिए सभी ने सांठगांठ कर आपनी पदोन्नति जिला मुख्यालय में ही कर लिया है।
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यालय छिदंवाडा में
अटैचमेंट में पदस्थ शिक्षक ..आखिर क्यों नहीं जा रहा आपनी मूलशाला..
जिलें के सहायक आयुक्त कार्यालय में बर्षों से सहायक आयुक्त कार्यालय में अटैचमेंट पर पदस्थ है । लेकिन आज दिनांक तक सुभाष देशपांडे का अटैचमेंट समाप्त नहीं किया गया है जबकि उन की मूलशाला मोहखेड़ विकासखंड के आदिवासी बालक आश्रम शाला सिल्लेवानी में पदस्थ है शिक्षक सुभाष देशपांडे , आखिर सहायक आयुक्त महोदय सुभाष देशपांडे को सहायक आयुक्त कार्यालय से कार्य मुक्त क्यों नहीं कर रहे हैं।ये बडा सवाल उठ रहा है।जबकि सहायक जनजातीय कार्यविभाग ने खुद ही आदेश निकलें है कि अटैचमेंट में आयें सभी शिक्षकों को उनकी मूलशाला में वापस करने के आदेश जारी हो चुके हैं और ऐसे शिक्षक अब स्कूल में बच्चों को पढ़ाई करेंगे लेकिन आज दिनांक तक सुभाष देशपांडे सहायक आयुक्त कार्यालय में ही पदश थे आखिर उन्हें कब हटाया जाएगा!
ठा.रामकुमार राजपूत
पंचायत दिशा समाचार
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