Home DHARMA राधा देवी मंदिर प्रकृति के बीच में बसे इस स्थान का धार्मिक...

राधा देवी मंदिर प्रकृति के बीच में बसे इस स्थान का धार्मिक महत्व है ,प्राचीन गुफा में भगवान शिवलिंग विराजमान है ..

राघादेवी मंदिर, आध्यात्मिक और पिकनिक स्थल…
By admin
5 August 2024
पंचायत दिशा समाचार

छिंदवाड़ा राधा देवी मंंदिर रामाकोनो नेशनल हाईवे से 15 किलोमीटर की दुरी पे घने जंगलो के बिच राघादेवी नाम का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। जो की बिछुआ विकासखंड के अंतर्गत आता है। प्रकृति के बीच बसे इस स्थान का धार्मिक महत्व है, क्यों की यहाँ एक प्राचीन गुफा है जिसमे शिवलिंग विराजमान है। इस स्थान पर सावन और नवरात्री के समय भक्तो का आना जाना लगा रहता है। आसपास के क्षेत्रो में यहाँ स्थान धार्मिक और पिकनिक स्थल के रूप में बहोत प्रसिद्ध है।

राघादेवी मंदिर.।

राघादेवी, एक प्राकृतिक और धार्मिक स्थल है, जो दूर घने जंगलो के बीच बसा हुआ है। यह स्थान प्रमुख रूप से भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ पास में राघादेवी नामक गॉव की वजह से इस स्थान का नाम भी रहा देवी पड़ गया।

राघादेवी मंदिर का इतिहास..

यहाँ स्थित गुफा की खोज लगभग 200 साल पहले हुई थी, तब से यह आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस गुफा का प्रवेश द्वार बहोत छोटा है लेकिन अंदर से यह गुफा बहोत बड़ी है। गुफा के भीतर एक शिवलिंग विराज मान है। कहते है की पहले पेड़ की जड़ो और लताओं के सहारे गुफा में प्रवेश किया जाता था। बाद में यहाँ लकड़ियों सीढ़ी बना दी गई थी लेकिन अब इसमें निचे उतरने के लिए लोहे की सीढ़ी लगा दी गई है।

प्रवेश द्वार ..।।

गुफा एवं मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढिया बानी हुई है जिसकी सहायता से आसानी से पंहुचा जा सकता है। मेले के दौरान होने वाली भीड़ को देकते हुए आने और जाने की सीडिया अलग अलग बनाई गई है। प्रवेश द्वार के पास एक बड़ी शिवलिंग बनी हुई है जिसके सामने में नंदी महाराज विरजमान है।

राघादेवी गुफा..।

भगवान शिव को समर्पित गुफा लगभग 30 फ़ीट गहरी है। ऐसी मान्यता है की भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव का इस गुफा में आगमन हुआ था फिर यहाँ से वे पचमढ़ी की ओर चले गए।

कहा जाता है की इस गुफा से पचमढ़ी तक जाने के किये गुप्त मार्ग था जो की अब बंद हो चूका है।

दुर्गा माता मंदिर…

राघादेवी गुफा से थोड़ी ऊपर पहाड़ी की ओर चढाई करने पर एक माता मंदिर विरजमान है, जिसे राघादेवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहाँ माँ दुर्गा की सूंदर प्रतिमा विरजमान है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए यहाँ तक सीढ़ियों का निर्माण किया गया है।

शिव मंदिर (निशान गढ़) .।

पहाड़ी की छोटी पर एक शिव मंदिर का निर्माण किया गया है, इस स्थान को निशान गढ़ भी कहते है। यह स्थान माता मंदिर से और ऊपर की ओर चढाई करने पर आता है। इस स्थान से सूंदर दृश्य देखे जा सकते है। यहाँ बहोत अद्भुत और शांत लगता है।

राघादेवी मेले का आयोजन..

शिवरात्रि और नवरात्र पर यहाँ मेले का आयोजन होता है। मेले में हजारों की संख्या में यहाँ श्रद्धलु आते है और भगवान शिव तथा माँ दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करते है। साथ ही प्रकृति के अद्भुत नजारों का आंनद लेते है।

महाकाली मंदिर..

मंदिर परिसर तक पहुंचने से पहले महाकाली का एक छोटा मंदिर मिलता है, जिसमें माँ काली की प्रतिमा विरजमान है। इस मंदिर के पीछे पहाड़ी पर ट्रैकिंग के लिए जा सकते है। यहाँ जंगल में विशाल और पुराने पेड़ मौजूद है।

पंचधारा वाटरफॉल .

राघादेवी के घने जंगलो से होकर पवित्र देव नदी बहती है। इस नदी पर ग्राम बिशाला पास एक मनोरम दृश्य वाला झरना है, जिसे पंचधारा के नाम से जाना जाता है। बड़े बड़े पत्थरो से बहता पानी अठखेलिया करते हुए एक कुंड में गिरता है।

इस स्थान को छोटे भेड़ाघाट नाम से भी जाना जाता है। यह छोटा झरना प्रकृति के बीच हर किसी को अपने ओर आकर्षित करने में सक्षम है। इस नदी में बहोत ही साफ और स्वच्छ पानी बहता है। जब भी राघादेवी जाये तो इस मनोरम दृश्य को देखने अवश्य देखे।

राघादेवी मंदिर परिसर में सुविधाएं..

मंदिर परिसर बहोत ही साफसूत्रा और सुविधा युक्त है। यहाँ पिने पानी, पार्किंग, रैन बसेरा, सुलभ शौचालय आदि मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध है। यहाँ घास के मैदान है जहाँ पेड़ के निचे बैठ कर आराम किया जा सकता है। जंगल एरिया होने की वजह से यहाँ का 👍वातावरण बहोत ही शांत रहता है। यहाँ खाने पीने की चीजे नहीं मिलती इसलिए जरुरत की चीजे साथ ले के जाये।

रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
मोबाइल-8839760279