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तमिलनाडु के मंत्री के बिगडे बोल, कहा- भगवान राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं….

तमिलनाडु के मंत्री के बिगडे बोल, कहा- भगवान राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं….
By admin
3 August 2024
पंचायत दिशा समाचार

चेन्नई। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता, तमिलनाडु के मंत्री एसएस शिवशंकर ने भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हुए विवादित बयान दिया है। डीएमके नेता ने कहा— भगवान राम के अस्तित्व को साबित करने के लिए हमारे इतिहास में कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। यह बात मंत्री ने अरियालुर में चोल वंश के राजा राजेन्द्र चोल के जन्मोत्सव के दौरान कही।

जानिए म़ंत्री एसएस शिवशंकर ने क्या कहा
जन्मोत्सव समारोह में मंत्री एसएस शिवशंकर ने कहा, ‘हमें हमारे महान राजा राजेन्द्र चोल का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाना चाहिए। राजेन्द्र चोल का अस्तित्व साबित करने के लिए यहां उनके द्वारा बनाए गए कुंए मौजूद हैं, जिन पर उनका नाम लिखा हुआ है। हमारे इतिहास में इस बात के सबूत हैं कि राजेन्द्र चोल का अस्तित्व था। लेकिन, भगवान राम के अस्तित्व को लेकर हमारे इतिहास में कोई मजबूत प्रमाण मौजूद नहीं है। कुछ लोग कहते हैं कि राम एक अवतार थे और एक अवतार कभी जन्म नहीं ले सकता। हमारे इतिहास को छिपाकर हमसे ये बातें तोड़-मरोड़कर पेश की जातीं हैं।’

तमिलनाडु के मंत्री के बिगडे बोल, कहा- भगवान राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं….
मंत्री एसएस शिवशंकर के बयान को लेकर भाजपा ने पलटवार करते हुए उन पर निशाना साधा है। तमिलनाडु के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘एक सप्ताह पहले ही डीएमके के कानून मंत्री रघुपति ने घोषणा की थी कि भगवान श्री राम सामाजिक न्याय के मामले में अद्भुत व्यक्ति थे। साथ ही भगवान राम धर्मनिरपेक्षता के प्रणेता और सभी के लिए समानता की की बात करते थे।’ के अन्नामलाई ने आगे कहा, ‘आज, घोटालों में फंसे हुए परिवहन मंत्री शिवशंकर भगवान राम के अस्तित्व को नकार रहे हैं। वे दावा कर रहे हैं कि यह सब चोल वंश के इतिहास को मिटाने की योजना है। यह साबिक करता है कि डीएमके के नेताओं की याददाश्त चली जाती है। ये वही नेता हैं, जिन्होंने पीएम मोदी द्वारा संसद परिसर में चोल वंश के प्रतीक सेंगोल को स्थापित करने का विरोध किया था।’
अन्नामलाई ने आगे कहा, ‘अब डीएमके नेता रघुपति और शिव शंकर को एक जगह बैठकर आपस में बहस करनी चाहिए। उन्हें भगवान राम को लेकर आम सहमति बनानी चाहिए। हमें विश्वास है कि शिव शंकर अपने सहयोगी रघुपति से भगवान राम के बारे में एक-दो बातें सीखेंगे।’