Home STATE टपकती छत , व टूटे फूटे जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर...

टपकती छत , व टूटे फूटे जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर आदिवासी छात्र…

टपकती छत , व टूटे फूटे जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर विद्यार्थी…

अमरवाडा (हर्रई )विधायक कमलेश शाह के क्षेत्र में स्कूल के हाल बेहाल

By admin

31 july 2024

छिदंवाडा ( पंचायत दिशा समाचार )आदिवासी बाहुल्य छिदंवाडा जिले में शिक्षा के लिए चाहे कितने ही प्रयास किये जायें मगर ग्रामीण इलाकों में स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है छात्र -छात्राए , अपनी जान आफत में डालकर अध्ययन करने को मजबूर है मगर जिम्मेदार है कि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है

ताजा मामला छिदंवाडा जिले के विकासखण्ड हर्रई के अंतर्गत स्कूल चट्टी बुडे़ना के अंतर्गत आने वाले खिरकाटोला प्राथमिक शाला का है जहाँ टपकती छत , ओर जर्जर भवन में अपनी जान को जोखिम में डालकर विद्या अध्ययन करना पड़ रहा है मगर जिम्मेदार अधिकारियों ने आज तक इस ओर सुध नही ली पूर्व में भी जिलें के आदिवासी स्कूलों की हालत की खबरें प्रकाश में आ चूकी है स्कूली शिक्षक द्वारा कई बार इस बारे में विभाग को अवगत करवाया मगर आज तक विभाग के कानों तक जु तक नही रेगी।स्कूलों भवन में दरार आ चूकी है ।

पंचायत भवन में लग रहा स्कूल

जबकि प्राथमिक शाला में 25 बच्चे दर्ज है और 2 शिक्षक यंहा पढाई करते है।गांव में ना तो स्कूल बिल्डिंग है और ना ही खेल मैदान।ऐसी अव्यवस्था के बीच पढाई असंभव है।और इन्हीं सब को देखते हुए चट्टी बुडे़ना गांव के ग्रामीणों ने आपने बच्चों को दुसरें स्कूल भेज रहे है

जिसको लेकर स्कूल के प्राथमिक शिक्षक ने जानकारी देते हुवे बताया कि जर्जर भवन को लेकर हम पूर्व में भी लिखित में शिकायत विभाग एंव जिम्मेदार दे चुके है मगर अभी तक कुछ हुवा नही हमें भी डर है कोई बड़ा हादसा न हो जाये । अब देखना है कि जिला कलेक्टर इस मामले को सज्ञान में लेकर क्या कदम उठाती है यह तो वक्त बताएगा , या स्कूली छात्र छात्राए जान हथेली पर रखकर विद्याध्ययन करते रहेंगें

पिछले 15 सालों से अमरवाडा के विधायक कमलेश प्रताप शाह है।लेकिन नही दे रहे क्षेत्र की समस्या पर ध्यान..

छिदंवाडा जिलें की अमरवाड़ा विधानसभा के आदिवासी अंचलों में स्कूलों की हालत बहुत खराब है। कई भवन जर्जर हो चूके है। कई स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है। यहां की शिक्षा व्यवस्था भी बेहाल है लेकिन अमरवाड़ा के विधायक कमलेश प्रताप शाह कभी इस ओर ध्यान नहीं देते है। पिछले15 सालों से यहां से विधायक हैं लेकिन आज तक अपने आदिवासी समाज के बच्चों के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं यहां के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की व्यवस्था बेहाल है स्कूल भवन जर्जर हो चुके हैं लेकिन आज तक इन भवनों की मरम्मत एवं इस क्षेत्र के विकास के लिए कमलेश शाह ने नहीं उठाई आवाज आखिर क्या यूं ही होते रहेगा आदिवासी समाज के बच्चों की उपेक्षा तो कैसे होगा उनके भविष्य उज्जवल..