
भ्रष्टाचार का गढ़ बना सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग ……. अधिकारी पर दर्जनों आरोप..?
सहायक आयुक्त की मेहरबानी ….भ्रष्टाचार एंव गबन करने वालें अधीक्षकों पर.. विशेष कृपा…?
सहायक आयुक्त ने कियें निलंबित अधीक्षक अनुसूचित जाति बालक चौरई को किया बहाल…
चौरई अनूसूचित जाति बालक छात्रावास में अधीक्षक रहते समय छात्रों के राशन गबन करने का लग चूका है आरोप ….?
अनुसूचित जाति बालक छात्रावास कपुरदा की जिम्मेदारी…. फिर बच्चों के राशन गबन करने वालें अधीक्षक …?
छिदंवाडा- जनजाति कार्य विभाग में नियम कायदे भले ही सरकार बनाती हो लेकिन इन नियम कायदों की ताकत पर रखकर अपने नियम कायदे चलाने का काम इस समय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग में चल रहा है। इन दिनों छात्रावास / आश्रम शालाओं में अधीक्षकों के द्वारा खुलखर भ्रष्टाचार के अंजाम दिया जा रहा है ।

छात्रों के राशन पर छात्रावास अधीक्षक ने डाला डाका हुआ निलंबित…
छिंदवाड़ा में छात्रों का राशन ही चुरा लिया. जी हां ये पढ़कर आप अचरज में पढ़ गए होंगे लेकिन छिंदवाड़ा के चौरई में अनुसूचित जाति बालक छात्रावास से छात्रों की राशन की चोरी का मामला सामने आया था आश्चर्य करने वाली बात यह है कि राशन सामग्री की चोरी का आरोप हॉस्टल सुपरिटेंडेंट पर लगा था अनुसूचित जाति बालक छात्रावास के अधीक्षक गौतम ने अवैध रूप से छात्रों की भोजन सामग्री को अपने घरों में ले जातें समय फुड एंव राजस्व विभाग ने अधिकारी ने जब्त किया था । जिसके बाद सहायक आयुक्त सतेन्द्र सिंह मरकाम ने प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है.जबकि यह राशन हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के उपयोग के लिए था और इसे छात्रावास में ही होना चाहिए था, लेकिन ये राशन अधीक्षक के आवास पर मिला. जिससे बाद राजस्व अनुविभागीय अधिकारी चौरई के आदेश पर कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
छात्रावास में छात्रों के राशन पर डाका डालने वाला अधीक्षक पर सहायक आयुक्त की कृपादृष्टि से हुआ बहाल….?
जिलें में जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास/आश्रम शाला में भ्रष्टाचार एंव गबन करने वाले अधीक्षक पर सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम की कृपादृष्टि इन दिनों खूब बरस रही है। क्योंकि जितने भी अधीक्षक छात्रावास में लापरवाही एंव भ्रष्टाचार एंव गबन के कारण निलबिंत हुयें थे।और उनकी अभी विभागीय जाँच चल ही रही है ।लेकिन सहायक आयुक्त महोदय इन दिनों ऐसे अधीक्षकों पर आपनी कृपादृष्टि कैसे कर रहे है ये एक बडा सवाल है।आखिर निलबिंत प्राथमिक शिक्षक गौतम पर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास चौरई में राशन सामग्री की चोरी का आरोप लगाने के बाद निलंबित कर दिया गया था । और जिनकी जाँच अभी चल ही रही है ।उन्हें आखिर अक्षीक्षक कैसे बना दिया गया ।खास बात जब गबन एवं भ्रष्टाचार करने वाले अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है तो जांच पूरी करें बिना उन्हें कैसे दूसरे छात्रावास में नियुक्त किया जा सकता है।
जब इस बिषय में हमारी सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग छिदंवाडा से बात हुई तो उनका कहना है कि एसडीएम एंव फूडविभाग के प्रतिवेदन के बाद किया गया बहाल , लगता हैै सहायक आयुक्त भूल जाते है कि उनकी मूलशाला कहा है और उन्हें अटैचमेंट पर अधीक्षक बनाया गया था । आज भी आदिवासी अंचल के स्कूल शिक्षक विहीन है वहां सहायक आयुक्त महोदय का क्यों ध्यान नहीं जा रहा है..!
मरम्मत के नाम लाखों डकारें अधिकारी..?
राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए आवासीय छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। मगर यहां पदस्थ अधीक्षकों की मनमाने रवैये के चलते यहां रहकर पढ़ने वाले छात्रों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भटकना पड़ रहा है। आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आदिवासी व अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को अच्छे परिवेश में शिक्षा की सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। छात्रावासों में प्री. मैट्रिक तथा पोस्ट मैट्रिक स्तर के छात्र -छात्राओं के लिए निःशुल्क आवास किताबों अखबारों सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था राज्य शासन द्वारा की जाती है। राज्य शासन द्वारा जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में जहां शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध नहीं है ऐसे स्थानों में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रावास व शालाओं की व्यवस्था की गई है। जर्जर हालत मे रह कर बच्चे पढाई कर रहे है। वही विभाग में छात्रावास मरम्मत के नाम पर लाखों का हेरा फेरी होती है। शासन से लाखों का बजट आने के बाउजुद यहां अधिकारी पेपर में ही मरम्मत के नाम पर लाखों खर्च करना बता कर लाखों डकार रहे है।
रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
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