आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर अधीक्षक की लापरवाही से एक छात्र की मौत के बाद भी मेहरबान सहायक आयुक्त
आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर में हुई एक छात्र मौत की लापरवाह अधीक्षक की जाँच पूरी नही हुई और कैसे दिया गया दोबारा चौरई कान्या छात्रावास की कमान..
आखिर क्या सहायक आयुक्त महोदय दोबारा धटना होने का दे रहे न्यौता…
रिपोर्ट-ठा.रामकुमार राजपूत
दिनांक-20/07/2024
छिदंवाडा( पंचायत दिशा)– जिले के आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर में इलाज के अभाव में एक छात्र की मौत का मामला सामने आया था ।जिसमें छात्रावास अधीक्षक की लापरवाही के कारण उन्हें निलंबित कर दिया था ।क्योंकि छात्रावास अधीक्षक बाहर से आना जाना करने के कारण छात्र पर समय पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था ।जिसके कारण समय पर छात्र का इलाज नहीं कराया गया था ।जिसके कारण आदिवासी बालक छात्रावास में एक छात्र की मौत हो गई थी ।यदि समय पर अधीक्षक के द्वारा इलाज करा दिया जाता तो एक आदिवासी समाज के बच्चे की जान नहीं जाती।क्योंकि इलाज के अभाव में सोनपुर छात्रावास का छात्र की रात में की अचानक तबीयत बिगड़ गई. छात्र पूरी रात इलाज के लिये तड़पता रहा और सुबह जब छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया तब उसने दम तोड़ दिया। छात्रावास प्रबंधन की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. आदिवासी बाहुल्य छिदंवाडा जिले के छात्रावासों में आये दिन लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं. छात्रावास में छात्रों को पढ़ाने के नाम पर उनके जान से खिलवाड़ किया जा रहा है.
हाल में ही संयुक्त कान्या छात्रावास छिदंवाडा में भी एक छात्रा ने छात्रावास में खुदकुशी कर लिया था।लेकिन जिलें में बैठे सहायक आयुक्त ऐसे लापरवाही करने वाले अधीक्षक/अधीक्षिका को सजा की जगह उन्हें आशीर्वाद देते नजर आ रहे हैं क्योंकि जिन-जिन छात्रावास में यह घटना हुई है उन सभी छात्रावास अधीक्षकों को या तो वहीं पर पदस्थ कर दिया गया या फिर दूसरी जगह के छात्रावास में उनके अधीक्षक का प्रभाव दे दिया गया है यह जिले की विडंबना कहो या फिर सहायक आयुक्त की आदिवासी बच्चों के प्रति उदासीनता जिसके कारण आज ऐसे आदिवासी बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वाले अधीक्षक/अधीक्षिकाओं को फिर दूसरे छात्रावासों की जिम्मेदारी दी जा रही है। इससे लगता है कि आदिवासी समाज के बच्चे के साथ सहायक आयुक्त खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं
आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर की अधीक्षक सविता तिवारी ने निलंबन के बाद भी कैसे निकली लाखों की राशि…
जिलें में इन दिनों जनजातीय कार्यविभाग में खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। लेकिन रोकटोक करने वाला कोई नहीं है। आदिवासी समाज के छात्र के अच्छी शिक्षा मिल साके इसलिए मध्यप्रदेश एंव केंद्र सरकार भरपूर बजट दे रही है ।लेकिन जिलें में बैठे भ्रष्टाचारी रूपी दानव इन आदिवासी समाज के बच्चों का हक छीनकर अपनी जेब भर रहे हैं । ऐसा ही मामला देखने को मिला आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर में जंहा एक छात्र की मौत के बाद अधीक्षक सविता तिवारी को निलबिंत कर दिया गया था।लेकिन निलंबित होने के बाद भी छात्रावास आधीक्षक ने छात्रावास के खातें से लाखों रुपयें निकल लिया ।लेकिन जिले में बैठे सहायक आयुक्त ने ऐसे फर्जीवाड़ा करने वाले अधीक्षक सविता तिवारी पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं करना एक बडा सवाल है … क्या सहायक आयुक्त खुद भ्रष्टाचार को बढ़ा रहे हैं
आखिर आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर ( अमरवाडा)में एक छात्र की अधीक्षक की लापरवाही के कारण मौत हो गई थी ।उसके बाद सहायक आयुक्त सतेंद्र सिह मरकाम ने अधीक्षक सविता तिवारी को निलंबित कर दिया था। और उन्हें जुन्नारदेव बीईओ आफिस में अटैचमेंट कर दिया था।और उनकी विभागीय जाँच चल रही है । जाँच के बीच में आखिर किसके दबाव में सविता तिवारी को आदिवासी कान्या छात्रावास की जिम्मेदारी दे दिया गया जबकि अभी विभागीय जाँच भी पूरी नहीं हुई थी। तो ऐसी लापरवाही करने वाली शिक्षिका को फिर चौरई कान्या छात्रावास की जिम्मेदारी क्या…?
जिलें में संचालित छात्रावास /आश्रम शालाओं में क्यों नहीं होता हर महिने स्वास्थ्य परीक्षण…
जिलें में जनजातीय कार्यविभाग द्वारा सैकडों छात्रावास/आश्रम शाला संचालित हो रही है क्योंकि कही भी छात्रावास एंव आश्रम शालाओं के छात्र/छात्राओं की नियमिता स्वास्थ्य परीक्षण नहीं होता है ।सिर्फ रजिस्टर में ही स्वास्थ्य परीक्षण दिखाई देता है । इन्हीं लापरवाही के कारण जिलें के कई आदिवासी बच्चों की मौत हो चूकी है।आखिर लापरवाही किसकी…
जिलें में संचालित छात्रावास/आश्रम शालाओं में लापरवाही करने वालें अधीक्षक/अधीक्षिका प आखिर क्यों मेहरबान है सहायक आयुक्त मरकाम जी…?
छिदंवाडा जिलें में) जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास/ आश्रम शालाओं में लापरवाही करने वालें अधीक्षक/अधीक्षिकाओं पर इन दिनों सहायक आयुक्त महोदय खूब मेहरबान है। क्योंकि जिलें के छात्रावास/आश्रम शालाओं में इतनी धटना होने के बाद भी एक अधीक्षक/अधीक्षिका पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है उल्टा उन्हें आशीर्वाद दिया गया है जिसका उदाहरण है- सोनपुर छात्रावास अधीक्षक- सविता तिवारी , संयुक्त कान्या छात्रावास छिदंवाडा की अधीक्षिका बैलवंशी ,बिछुआ के अधीक्षक देशमुख ,बटकाखापा के पूर्व अधीक्षक शिव नारायण ठाकुर, छिदंवाडा छात्रावास के अधीक्षक परानी,ऐसे अनेक अधीक्षक है जिन्हें सहायक आयुक्त की मेहरबानी इन पर है..
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