छिदंवाडा जिलें के सोनपुर बालक छात्रावास अधीक्षक ने निलंबन अवधि में निकली छात्रावास की लाखों की राशि….
सोनपुर बालक छात्रावास अधीक्षक को छात्रावास में छात्र की मौत के बाद किया गया था निलंबित….
आखिर कैसे लापरवाह छात्रावास अधीक्षक जिनकी लापरवाही के कारण एक छात्र की मौत हो गई थी उन्हें कैसे दे दिया गया चौरई आदिवासी कान्या छात्रावास का प्रभार…..
सोनपुर बालक छात्रावास की पूर्व अधीक्षक ने निलंबित होने के बाद छात्रावास की लाखों की राशि का किया हेरफेर….
छिदंवाडा जिलें के सोनपुर छात्रावास की लापरवाह अधीक्षक पर क्यों है मेहरबान है जिले के नेता एंव सहायक आयुक्त …..?
सोनपुर छात्रावास से निलंबित अधीक्षक ने कैसे सोनपुर छात्रावास के खातों से फर्जी तरीकों से कैसे निकली राशि….?
छिंदवाड़ा( पंचायत दिशा समाचार)- आदिवासी समाज के बच्चों का शिक्षा का स्तर सुधारने और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समाज के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, ताकि यहां रहकर आदिवासी समाज के छात्र-छात्राएं आसानी से पास के स्कूल पहुंचकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। जिले में बड़ी संख्या में आदिवासी छात्रावासों का संचालन हो रहा है लेकिन इनमें कई छात्रावास ऐसे भी हैं जहां रहने वाले छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रहा है जबकि सरकार द्वारा छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जाती है ।लेकिन कुछ छात्रावासों में अधीक्षकों की लापरवाही का खामियाजा वहां रहने वाले छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
ऐसे ही मामला विगत माह पहलें जिलें के अमरवाडा ब्लॉक के सोनपुर स्थित बालक छात्रावास में अधीक्षक के द्वारा सही समय में छात्र का इलाज नहीं करने के कारण छात्रावास के 11वीं कक्षा में पढाई करने वाले एक छात्र की मौत हो गई थी। जिसके बाद अधीक्षिका को भी निलंबित किया गया उन पर मुख्यालय में निवास नहीं करने, छात्रावास के निवासरत छात्रों का समय पर स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराने का आरोप थे। छात्रावास संचालन में लापरवाही पर छात्रावास में निवासरत छात्र की मृत्यु हुई। निलंबन अवधि में अधीक्षिका को मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी जुन्नारदेव नियत किया गया। लेकिन शिक्षिका ने अधिकारी एंव नेताओं से सांठगांठ कर कुछ ही माह बाद ही चौरई आदिवासी कान्या छात्रावास का प्रभार दे दिया गया ।ये विभाग के नियम के विपरीत इनकों प्रभार दिया गया । जबकि इनकी लापरवाही से एक आदिवासी छात्र की मौत हो गई थी। आखिर जनजातीय कार्यविभाग के सहायक आयुक्त ने आदिवासी बच्चों के जीवन के साथ सीधा खिलवाड़ करते नजर आ रहें। जबकि जिलें में निवासरत कई छात्रों की ऐसे लापरवाही करने वालें अधीक्षकों के कारण। आखिर जानबूझकर ऐसे लापरवाही करने वाली शिक्षिका को दुसरे छात्रावास की जिम्मेदारी सौपा देना बडा सवाल है । सूत्रों का कहना है कि इस निलंबन समाप्त करने एंव अधीक्षिका को दुसरे छात्रावास का चार्ज देने में मोटी रकम का लेनदेन हुआ है। लेकिन क्या कोई अधिकारी इस कदर आपने पद एंव समाज के लोगों को धोखा दे सकता है ये समझ के पारे है आखिर कैसे जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति ऐसी गलती कर सकता है। ऐसी गलती का परिणाम है कि छिदंवाडा जिलें में ऐसी कई धटना होने के बाद भी जनजातीय कार्यविभाग के सहायक आयुक्त महोदय की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आ रहा है अब देखना है कि इन आदिवासियों के बच्चों का कौन रखवाला बनता है या फिर ऐसी ही जिलों में आदिवासी बच्चों की मौत होते रहेगी..?
सोनपुर छात्रावास की निलंबित अधीक्षिका का एक और कारनामा….?
सूत्रों का कहना है कि आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर में छात्र की मौत के दुसरे दिन अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया था लेकिन अधीक्षक ने निलंबन होने के बाद छात्रावास के खातें से फर्जी तरीकों से राशि निकल लिया गया और विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं थी ।राशि इस दिनांक से निकली गई। सोनपुर छात्रावास में 22/09/2023 को छात्र की मौत हुई थी उसके बाद दिनाँक 23//09/2023 को अधीक्षक को निलंबन कर दिया गया था लेकिन निलंबित होने के बाद अधीक्षक ने फर्जी तरीकें से छात्रावास के खातों से दिनाँक 24/09/2023 से दिनांक 26/09/2023 तक 9,500 रुपये प्रति दिन निकले उसके बाद दिनाँक 27/09/2023 को 60.000 हजार रुपये निकले लिए टोटल 98,000 हजार की राशि फर्जी तरीकें से निकल कर लिए ये तो सिर्फ निलंबन अवधि का है जबकि अधीक्षक ने सोनपुर छात्रावास में अधीक्षक रहते हुये छात्रावास मरम्मत एंव निर्माण के नाम पर लाखों के फर्जी बिल से भुगतान किया गया है। लेकिन आज तक सहायक आयुक्त ने दोषी अधीक्षक पर कार्यवाही नहीं किया है। अब देखना है कि जिलें के कलेक्टर महोदय एंव विभागीय उच्च अधिकारी ऐसे दोषी अधीक्षक एंव फर्जीवाड़ा कर शासन की राशि गबन करने वाले अधीक्षक पर क्या कार्यवाही करते है..
रामकुमार राजपूत
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