बडोसा लोहांगी देवनदी साहनवाडी शोभना नदी से अवैध रेत का बगैर रॉयल्टी परिवहन
खनिज विभाग की लापरवाही हो रही है उजागर
बगैर रॉयल्टी हजारों ट्राली रेत का अवैध परिवहन माइनिंग अधिकारी की मिली भगत से
पंचायत दिशा समाचार
छिंदवाड़ा/ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा/पांढुर्ना जिलें में इन दिनों रेत माफिया का आंतक देखा जा रहा है, सत्ताधारी राजनेताओं के संरक्षण में पूरा खेल चल रहा है, जिसके कारण आज खनिज विभाग पंगु साबित हो रहा है, ऐसा ही देखने को मिला 
 बिछुआ ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत बडोसा लोहांगी देवनदी एवं शोभना नदी से हजारों ट्रॉली रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है लेकिन खनिज विभाग हाथ पे हाथ रखे बैठा है..?

अभी हाल ही में सेंकडो हाईवा रेत की जब्ती की गई लेकिन मामले को रफा दफा कर दिया गया
अवैध उत्खनन के नाम पर दिखावे की कार्रवाई की गई
माइनिंग अधिकारी स्नेह लता ठवरे एवं उनकी टीम के द्वारा
कोई भी ठोस एवं दंडात्मक कार्यवाही नहीं की गई
माइनिंग अधिकारी नहीं कर रहे करवाई, रेट माफिया के हौसले बुलंद
चाहे हम बात करें पहाड़ियों में अवैध उत्खनन की जैसा कि हमने पहले अंक में दिखाया था की काराबोह डैम से लेकर झंडा की पहाड़ी तक हजारों टन मुरम एवं पुराव का अवैध उत्खनन जोरों पर चल रहा है जहां वन टेन मशीन जेसीबी मशीन से पहाड़ियों को छलनी किया जा रहा है
खनिज विभाग में बैठे अधिकारी ने एक बार भी जाकर स्थल निरीक्षण नहीं किया

ऐसा लगता है मानो उनकी मिली भगत से यह सारा खेल चल रहा है,इसके पहले भी माइनिंग अधिकारी स्नेह लता ठवरे को अवगत कराया गया था कि बडोसा लोहांगी देवनदी साहनवाडी से लाखों टन रेत का परिवहन हो रहा है
लेकिन माइनिंग अधिकारी कुंभ करणी नींद में सोए हुए हैं
कार्रवाई के नाम पर सिर्फ फील्ड किया जाता है शासन प्रशासन के वाहनों का हजारों लीटर डीजल फूंका जाता है
माइनिंग अधिकारी अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं आफिस बैठे-बैठे ही कार्रवाई की जाती है
सूत्रों की जानकारी है कि इध दिनों कार्रवाई के नाम पर हो रहा है लाखों का लेनदेन जिसके कारण कार्रवाई सिर्फ दिखावा के लिए होती है लेकिन यदि कभी किसी माईनिंग अधिकारी के साथ की धटना होती है तो विभाग उसे बड़ा चढ़ा कर दिखाता है, जबकि छिंदवाड़ा जिलें में कभी माइनिंग अधिकारी के ऊपर हमला जैसे धटना कभी नहीं हुई है लेकिन उसके बाद भी माइनिंग अधिकारी पूरी ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी नही निभा रहे हैं. सूत्रो की जानकारी के अनुसार रेत माफिया को अक्सर खनिज विभाग के जिला मुख्यालय में देखा जा सकता है रोज इन लोगो को माईनिंग विभाग के अधिकारी के साथ बैठे देखा जा सकता है ये सभी अपने-अपने सेटिंग में लगे रहते हैं अधिकांश देखा गया है की मामले को जिला मुख्यालय तक पंहुचने ही नहीं दिया जाता बाहर ही मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है

यदि जिला मुख्यालय तक मामला जाता है तो दंडात्मक कार्रवाई की जाती है जैसे पिछले मामलों में कार्रवाई की गई थी
चाहे हम बात करें पांढुर्णा माइनिंग अधिकारी मनीष नागपुरे की
या फिर छिंदवाड़ा माइनिंग अधिकारी स्नेह लता ठवरे की हर मामले में ढुलमुल तरीके से कार्रवाई की जाती है और अवैध उत्खनन करने वालों को राहत पहुंचाई जाती है
लाखों का खेल चल रहा है माइनिंग विभाग में
अब देखना यहां है कि क्या कार्रवाई होती है या फिर मामले को रफा दफा कर कागजी कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ती की जाती है ये तो समय ही बताएगा
मीनिंग अधिकारियों की खुली रही है पोल
 जिलें में बिना बगैर रॉयल्टी के रेत का
अवैध परिवहन…!
छिंदवाड़ा /पांढुर्ना जिलें में इन दिनों बिना रॉयल्टी के रेट का अवैध परिवहन करते आप देख सकते हैं दोनों जिलें में हर रोज सैकड़ो डंपर रेट का बिना रॉयल्टी के परिवहन होता है लेकिन माइनिंग अधिकारी कभी आईने पर कार्यवाही नहीं करते
 
            
