जनजाति कार्य विभाग में चल रहा है ट्रांसफर का उद्योग…?
हॉस्टल बना अधीक्षकों के अवैध पैसे कमाने का जरिया…..
बैतूल से आया एक शिक्षक जिसकी पोस्टिंग तामिया कि गइ है अब रामाकोना छात्रावास का अधीक्षक बनाने के लिए अधीक्षक शिव ने लिया सुपाड़ी…?
पंचायत दिशा समाचार
छिंदवाड़ा/जिलें के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास वैसे तो बच्चो की शिक्षा की बुन्यादी सुविधाएं मानी जाति है जिसमे गरीब परिवार के बच्चों के लिए सरकार लाखों करोडो रुपये बच्चों की सुविधाएं के लिए छात्रावास मे रहने खाने की सुविधाओं मे खर्च कर रही है लेकिन छिंदवाड़ा जिला मे बच्चों पर कम और विभाग के अधिकारी कर्मचारी खुद की जेब मे अधिक कमाई कर रहे है, सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आपको बता दे जनजातीय कार्य विभाग के अफसरों की मेहरबानी से छिंदवाड़ा जिले में शासकीय अनुसूचित जाति बालक आश्रम एवं छात्रावास में चल रही योजना सिर्फ कागजों में संचालित हो रही है। छात्रावास अधीक्षक 50 सीटर छात्रावास में छात्र की उपस्थिति रजिस्टर में सभी सीटें फुल किए है, लेकिन हकीकत में 50 छात्र मौजूद नहीं रहते है। और वही कई
बच्चे है जिनका नाम छात्रावास मे है और वो स्कूल जाते है लेकिन छात्रावास मे नही रहते ऐसे हीं कई तरह की फर्जीवाडा कर छात्रावास अधीक्षक बिल निकाल रहे है इतना हीं नहीं छात्रावास अधीक्षक ड्यूटी करने के बजाय अपने निजी कामों में ब्यस्त रहते है आश्रम व छात्रावास के सभी रजिस्टर ताले में बंद करके अधीक्षक लगातार नदारद रहतें है। और जिला मुख्यालय से आना जाना करते है, लेकिन अब साहब मेहरवान है तो कौन क्या कर सकता है
छात्रावास /आश्रम में अधीक्षक रात में नही रहते है…
जिलें में संचालित आश्रम एवं छात्रावास में अधीक्षक रात में उपस्थित नहीं रहतें जबकि छात्रावास
अधीक्षक को रात को छात्रावास में ही रहना
है। और कभी विभाग या जिला के उच्च अधिकारियो का विजिट या निरिक्षण करने जाते है उसकी जानकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी से लेकर अधीक्षक तक
को पहले से रहते है विजिट के दिन सभी
बच्चो को उपस्थित रख लिया जाता है और
और अधिकारी गुमराह ओकर लौट जाते है
अधीक्षक एक पखवाड़े के अंतराल में महीने में सिर्फ दो से 3 बार छात्रावास रजिस्टर में छात्रों की हाजरी, नाश्ता, भोजन का बिल तैयार करने के लिए आते हैं! आगे आपको हमारे मीडिया टीम की ग्राउंड रिपोर्ट किस-किस छात्रावास में यह स्थिति बना हुआ है यह आगे खबर के माध्यम से देखने को मिलेगा।
जिला मुख्यालय में बैठे अधीक्षक शिव ले रहे अधीक्षक बनाने की सुपारी…
जी हाँ हम बात कर रहे है इन दिनों जनजातीय कार्य विभाग में हो रहे शिक्षकों के ट्रांसफर और अधीक्षक बनाने के लिए इन दिनों शिव अधीक्षक ले रहा है सुपाड़ी, सूत्रों की जानकारी के अनुसार पहले ये साहब बटकाखापा में भी अधीक्षक रह चूके है और दो साल पहले सेटिंग कर कर जिला मुख्यालय में अधीक्षक बन बैठे थे और अब साहब के सबसे भरोसेमंद अधीक्षक में गिने जा रहे हैं, इनके कहने पर झिलमिल, कपुरदा, संयुक्त छात्रावास छिंदवाड़ा में अधीक्षक की पोस्टिंग हो चुकी है और अब शिव अधीक्षक ने रामाकोना में दो साल पहले छिंदवाड़ा जिलें से बैतूल गये शिक्षक जो पुनः अब छिंदवाड़ा आ गये है और उनकी पोस्टिंग तामिया के कोई स्कूल में की गई है उनसे अब अधीक्षक बनाने के लिए साहब के नाम पर चढ़ावा लिया गया है अब देखना है कि क्या साहब इन के कहने पर फिर एक और अधीक्षक तो नही बना देंगे जबकि नियम के हिसाब से शिक्षक इसके योग्य नहीं है
सिवनी का एक ड्राइवर भी कर रहा है शिक्षकों का संशोधन….
जानकारों की मानो तो इन दिनों जनजाति कार्य कार्य विभाग में सिवनी जिलें का एक गाड़ी चलने वाला एक दैनिक वेतन में लगा एक ड्राइवर भी शिक्षकों का संशोधन कर रहा है, आज ही ड्राइवर ने एक जुन्नारदेव में शिक्षिका का संशोधन कराया है ऐसा ही चलता रहा तो विभाग में दलाली प्रथा चालू हो जाएगी… अब देखना है कि इसमें कब रोक लगेगी..?