कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में कई साल से जमे हैं वार्डन
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
छिदंवाडा (पंचायत दिशा)-) जिलें में सर्वशिक्षा अभियान के तहत संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों एंव नेता जी सुभाषचंद्र बालिका छात्रावास के सुचारू रूप से संचालन व क्रियान्वयन के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन छिदंवाडा जिले में नहीं हो रहा है। नियम के मुताबिक कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में कार्यरत वार्डन को तीन साल तक ही प्रभार दिया जाना है, लेकिन छिदंवाडा में पिछले कई साल से वार्डन जमे हुए हैं। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र से जारी निर्देश में प्रत्येक वर्ष जिस वार्डन का कार्यकाल एक अप्रैल को तीन साल पूर्ण हो रहा है उसे बदलने के निर्देश हैं। इसके बाद भी संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास ऐसे है जहां छात्रावास खुलने के बाद से ही अभी तक वार्डन जमे हैं। उल्लेख है कि राज्य महिला आयोग ने भी सिफारिश की है कि छात्रावासों में वार्डन का प्रभार तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही व्यक्ति के पास नहीं रहना चाहिए। आयोग की सिफारिश के बाद भी निर्देशों का पालन नहीं हो पाने से व्यवस्था में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा है। जानकारी के मुताबिक कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में वार्डन का प्रभार व निुयक्ति के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू तो हुई, लेकिन कार्रवाई अटकी हुई है। सूत्रों का कहना है कि छिदंवाडा डीपीसी कार्यालय में पदस्थ एक बाबू का ही खेल है जो आज तक ऐसी शिक्षिकाओं को नहीं हटाया गया है जो बर्षा से कस्तूरबा गांधी छात्रावास में वार्डन का काम कर रही है।क्योंकि इनका हर महिने का कमीशन सेंट है इसलिए तो इतने आदेश आने के बाद भी नहीं हटाया गया है। इसमें कही ना कही डीपीसी महोदय की भी मेहरबानी है अब देखना है कि इनको कब तक मूलशाला में वापस करते है। जिलें के डीपीसी से इस बात की कई बार शिकायत होने के बाद भी आज दिनाँक तक वार्डन को नहीं बदल गया है। लेकिन देखना है कि बर्षों से एक ही जगह में पदस्थ बर्डन को उनके मूल शाला कब वापस किया जाएगा।
जिला परियोजना समन्वयक का कहना
जब इस बिषय में जिला परियोजना समन्वयक जेके
इडपाची से बात किये तो उनका कहना है कि हमारे द्वारा समय समय पर विज्ञप्ति निकाली गई थी। लेकिन जिलें से एक भी आवेदन नहीं आया इसलिए इनको अभी तक नहीं हटाया गया है।अब दो बार फिर विज्ञप्ति निकलते हैं देखते हैं कि कोई आवेदन आता है या नहीं
ठा.रामकुमार राजपूत
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