आदिवासी छात्राओं का भबिष्य अंधकार में, पढाई की जगह कर रही काम….
छात्रावास में आदिवासी छात्राओं का भविष्य अंधकार में,पढ़ाई कराने के बजाय बच्चियों से पानी भराया जा रहा…
पंचायत दिशा समाचार
छिंदवाड़ा/जिला मुख्यालय में संचालित सीनियर उत्कृष्ट कन्या छात्रावास में इन दिनों आदिवासी छात्राओं का भबिष्य अंधकार में नजर आ रहा है, छात्राओं से परीक्षा के समय पढाई की जगह छात्राओं से पानी भराया जा रहा है, सरकार लाख दावे करें की आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए सरकार वचनबद्ध लेकिन उनको ही नुमाइदों सरकार की योजना में पानी फिर रहे है, ऐसा ही मामला देखने को मिला जिला मुख्यालय के सीनियर उत्कृष्ट कन्या छात्रावास में जंहा देखा जा सकता है कि किस तरह से पढ़ाई करने की बजाय यहां के छात्रावास की बच्ची के हाथ पानी भराया जा रहा है बताया जा रहा है, इस छात्रावास में रोजाना इसी तरह छात्रों से काम कराया जाता है, छात्रावास की छात्राओं की पानी भरते देखा जा सकता है, छात्रों की तस्वीर सामने आने के बाद कहा जा सकता है कि किस तरह से छात्रावासों के हाल-बेहाल है। यहां पढ़ने वाली छात्राओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। जो घटनाक्रम यहां सामने आया है उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि किस तरह से छात्रावास में पढ़ने वाले बच्ची के हाथ अधीक्षिका काम करवा रही हैं। बच्चियों के वार्षिक परीक्षा भी चल रही है ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि कैसे बच्ची स्कूल जाएं, क्योंकि उनके हाथ दिन भर पानी भराया जा रहा है। गौरतलाब यह है कि शहर के बीचो-बीच स्थित छात्रावास का ये हाल है तो अन्य छात्रावासों के क्या हाल होंगे।
शासन के नियम कायदों की धज्जियां
उत्कृष्ट कन्या छात्रावास में शिक्षिकाएं सालों से जमी हुई हैं। जबकि एक छात्रावास में अधीक्षिका के रूप में तीन साल से ज्यादा समय तक पदस्थ रहने का नियम नहीं है। ऐसे में शासन के नियम कायदों की जनजातीय कार्य विभाग धज्जियां उड रहा है। इसके बाद जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस दिशा में अनजान बने हुए हैं। 5 साल
से अधिक हो गए हैं, इनकी कई बार शिकायतें भी हुई है, जिसकी जांच सालों से चल रही हैं, लेकिन जांच अभी तक पूरी नही। इस वजह से इनको छात्रावास से हटाया नहीं जा रहा है।
मुख्यालय पर नहीं करती है निवास अधीक्षिका
शासन का सीधा आदेश है कि छात्रावास अधीक्षक / अधीक्षिका मुख्यालय पर निवास करें । मुख्यालय पर निवास करने के लिए जिले के अधिकारी द्वारा समय-समय पर निर्देश दिया जाता है पर जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त इस विषय पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं
सीनियर उत्कृष्ट कन्या छात्रावास छिंदवाड़ा में देखा जा रहा है कि शासन के नियमों को धज्जियां उड़ाते हुए अधीक्षिका शाम 5-00 बजे के बाद अपने निज निवास चली जाती है और महिला कर्मचारी के भरोसे बच्चियों को छोड़ दिया जाता है।
इनका कहना है…
मुझे आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है जल्द ही जांच करके कार्यवाही की जाएगी।
सत्येंद्र सिंह मरकाम,
जनजाति कार्य विभाग
विभाग सहायक आयुक्त