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16 सालों से जिला मुख्यालय के सीनियर उत्कृष्ट आदिवासी बालक छात्रावास में जमें है अधीक्षक…

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16 सालों से जिला मुख्यालय के सीनियर उत्कृष्ट आदिवासी बालक छात्रावास में जमें है अधीक्षक…

छिंदवाड़ा / जिले मुख्यालय में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित सीनियर उत्कृष्ट आदिवासी बालक छात्रावास छात्रावास में दीनानाथ अहरवार वर्ष 2009 से यंहा पदस्थ है लगभग 16 सालों से यंहा पर जमें हुए है । जबकि एक छात्रावास में अधीक्षक के रूप में 3 साल से ज्यादा समय तक पदस्थ रहने का नियम नहीं है। ऐसे में शासन के नियम कायदों की धज्जियां उड़ रही है। इसके बाद जिले मुख्यालय में सालों से एक ही छात्रावास में जमें है ऐसे में शासन के नियम कायदों की धज्जियां उड़ रही है। इसके बाद जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस दिशा में अनजान बने हुए हैं। जबकि उत्कृष्ट बालक छात्रावास में दीनानाथ अहरवार ऐसी हैं जिनको 16 साल हो गए हैं, इनकी कई बार शिकायतें भी हुई है, लेकिन अधिकारी से मिलीभगत कर जाँच को समाप्त कर दिया जाता है बिना जांच के जबकि अभी एक माह पहले एक छात्र का हाथ फैक्चर हो गया था, छात्र का अभी इलाज चल रहा है, सूत्रो की अनुसार कुछ छात्रों के द्वारा रेंकिग की जा रही थी, तभी आपस में छात्रों के द्वारा मारपीट की गई जिसमें एक छात्र के हाथ में फ्रैक्चर आ गया लेकिन जिलें में बैठे अधिकारी ने अधीक्षक के कोई कार्यवाही नहीं की गई है । और 16 सालों से इस अधीक्षक को नहीं हटाया गया है

जिलें में कई धटना होने के बाद भी अधीक्षक नही ले रहे सबक…

जिला मुख्यालय में संचालित सीनियर उत्कृष्ट बालक छात्रावास छिंदवाड़ा में फिर छात्रो के बीच में विवाद हो गया था, जिसमें एक छात्र का हाथ टूट गया है जिसका अभी इलाज चल रहा है, यदि अधीक्षक छात्रावास में रहता तो लगता नही कि छात्रो के बीच विवाद होता, यदि इन दिनो जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में अधीक्षक की लापरवाही चरम पर है, लेकिन अधिकारी फिर भी लापरवाह अधीक्षक पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं..

उल्लेखित है कि, जिला मु्‌ख्यालय से लेकर जिले भर के कई छात्रावासों में स्कूलों के शिक्षक और शिक्षिकाएं लंबे समय से अवैध तरीके से अधीक्षकीय कार्य कर रहे हैं। इससे न सिर्फ उनकी मनमानी की शिकायतें बढ़ रही हैं बल्कि, स्कूलों का शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है। कलेक्टर महोदय को भी
शिकायत करने पर भी ऐसे अधीक्षक पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं, कुछ छात्रावासों में लंबे समय से अधीक्षक/अधीक्षिकाएं जमी हुई हैं और उनकी मनमानी बढ़ रही है। लेकिन आज तक ऐसे अधीक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, बस जांच के नाम पर मामला डंठे बस्ते में हैं।

तीन साल पूरे होने के बाद भी अधीक्षक को नही हटाया गया है और इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल संस्था भेज नही जा रहा है। ऐसा ही एक शिक्षक जो जिला मुख्यालय के सीनियर उत्कृष्ट बालक छात्रावास में 16 सालों से जिला मुख्यालय में अधीक्षक बने बैठे है लेकिन दीनानाथ अहरवार शिक्षक अपनी मूल संस्था में 16 सालो से वापस नहीं कियें गयें है और बरसों से जिला मुख्यालय मे छात्रावास अधीक्षक के पद पर जामें हुए है,और छात्रावास में भी लापरवाही करते नजर आते है । महोदय शाम को ही छात्रावास में आते है।

फर्जी बिल लगाकर किया जा रहा लाखों का गबन –

सूत्रों का कहना है कि, सीनियर उत्कृष्ट बालक छात्रावास में वर्ष 2009 से जमें अधीक्षक दीनानाथ अहरवार कई बरसों से छात्रावास में सामग्री खरीदी में फर्जी बिलों से सहारे लाखों की हेराफेरी करते नजर आते है क्योंकि छात्रावास में अलग-अलग मद से शासन से राशि भी आती है। लेकिन छात्रावास अधीक्षक सामान खरीदी के नाम पर फर्जी बिल लगाकर राशि निकालते है। छात्रावास में रसोईया के नाम पर भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

अधिकाशं छात्रावास में सीटीवीवी कैमरे नहीं, घर पहुंच जाता है राशन –

बताया जाता है, कि अधिकांश छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। ऐसे में बच्चों के नाम पर आने वाला राशन का कुछ हिस्सा अधीक्षक रात के अंधेरे या अलसुबह बोरी में भरकर अपने घर ले जाते हैं। यदि प्रशासन अधीक्षक की मनमानी रोकने के लिए छात्रावास के चारों ओर के अलावा अंदर भी सीसीटीवी कैमरे लगवाता है तो इसका खुलासा जल्द हो जाएगा।