महिला बाल विकास विभाग का मामला, बिना महिला बाल विकास समिति की बैठक के हो गया निर्णय
जो नियुक्ति फाईल तामिया से हुई थी चोरी, पीओ को बचाने हो गया खेला…
छिंदवाड़ा / महिला बाल विकास विभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति सुर्खियों में बन गई है। दरअसल तामिया के महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी को बचाने के लिए प्रशासन के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखते हुए 6 नियुक्तियां निरस्त कर दी है जिसे लेकर हल्ला मचा हुआ है। बता दें कि 7 फरवरी को जिला पंचायत सभाकक्ष महिला बाल विकास विभाग की भर्ती प्रक्रिया को लेकर बैठक आयोजित की गई थी जिसमें चयन समिति में जिला पंचायत अध्यक्ष, सभापति सहित जो अन्य जनप्रतिनिधियों को सदस्य बनाया गया था वह बैठक में नहीं पहुंचे थे जिसके चलते इस बैठक को निरस्त कर दिया गया था लेकिन निरस्त बैठक में बिना कोरम पूरा हुए मनमाने तरीके से अधिकारियों ने तामिया की 6 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भर्ती निरस्त कर दी है। भ्रष्टाचार
जब कोरम नहीं हुआ पूरा तो नियुक्ति निरस्त कैसे
जिला पंचायत सभाकक्ष में 7 फरवरी को महिला बाल विकास समिति की बैठक आयोजित की गई थी इस बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष, मनोनित सदस्य सहित महिला बाल विकास विभाग के सभापति के अनुपस्थित रहने पर बैठक को निरस्त कर दिया गया था अब सवाल यह उठ रहा है कि जब समिति की बैठक ही निरस्त हो गई तो बिना बैठक के प्रशासनिक अधिकारियों ने किस तरह तामिया में चोरी हुई 6 नियुक्ति फाइलों की भर्ती निरस्त कर दी है इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी सवालों के घेरे में आ रहे हैं। वहीं इस मुद्दे को लेकर जिला पंचायत के जनप्रतिनिधि भी जल्द ही मोर्चा खोलने की रणनीति बना रहे हैं आगामी बैठक में बड़ा हंगामा हो सकता है।
6 माह पहले फाइल गायब अब तक एफआईआर नहीं
तामिया परियोजना अधिकारियों को बचाने के मामले में
प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में आ रही है। दरअसल तामिया में 6 माह पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति संबंधी 6 फाइल अचानक गायब हो गई थी इसे लेकर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी विभाग को दिए गए थे लेकिन अब तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई उल्टा जो नियुक्तियां इस फाइल के जरिए होनी थी उन नियुक्तियों को परियोजना अधिकारी को बचाने के लिए रद्द कर दिया गया है।
बैठक निरस्त हुई तो फिर कैसे हो गई फाइल पास
जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला बाल विकास समिति की बैठक में जनप्रतिनिधियों के नहीं पहुंचने के कारण बैठक निरस्त हो गई थी इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ अग्रिम कुमार, एडीशनल कलेक्टर केसी बोपचे और और महिला बाल विकास अधिकारी मोनिका बिसेन शामिल हुई थीं। सूत्रों की माने तो बैठक निरस्त होने के बावजूद संबंधित अधिकारियों ने 6 नियुक्तियां नियम विरूद्ध तरीके से रद्द कर दी है। इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार का कहना है कि तामिया की जो फाइल चोरी हुई थी उस मामले में अब तक एफआईआर नहीं हुई जबकि नियम विरूद्ध तरीके से 6 नियुक्तियां निरस्त हुई है इसे लेकर आगामी बैठक में मुद्दा उठाया जाएगा।