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सैकड़ों सागौन के कटे ठूंठ मिले, तस्करी के पक्के सबूत – फिर भी वन विभाग के बड़े अधिकारी बचते क्यों दिख रहे हैं?

केवलारी वन परिक्षेत्र में सागौन तस्करी का बड़ा खुलासा!

भोपाल से पहुंचे उच्च अधिकारियों ने मानी अवैध कटाई, लेकिन जिम्मेदार अफसर अब भी कार्रवाई से बाहर!

सैकड़ों सागौन के कटे ठूंठ मिले, तस्करी के पक्के सबूत – फिर भी वन विभाग के बड़े अधिकारी बचते क्यों दिख रहे हैं?

ग्रामीणों में गुस्सा – अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे उग्र आंदोलन!

क्या दोषी अधिकारियों पर गिरेगी गाज या फिर मामला दबा दिया जाएगा..

सिवनी (पंचायत दिशा समाचार )जिलें के केवलारी वन परिक्षेत्र में सागौन की अवैध कटाई और तस्करी का मामला लगातार सुर्खियों में है। शिकायतों के बाद भोपाल से उच्च अधिकारी पहुंचे और जंगलों का निरीक्षण किया, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब अवैध कटाई एवं तस्करी के सबूत मिल चुके हैं, तो जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?”

आप वीडियो में देख सकते हैं ये सागौन के कटे हुए ठूंठ। यहां बड़े पैमाने पर अवैध कटाई हुई है और वन विभाग के अधिकारी खुद इस बात को स्वीकार भी कर चुके हैं। सवाल यह है कि आखिर इस पूरे रैकेट में शामिल बड़े अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?”

भोपाल तक पहुंचा मामला, लेकिन कार्रवाई सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर?

“केवलारी वन परिक्षेत्र में हो रही सागौन की अवैध कटाई को लेकर पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय पत्रकारों ने लगातार शिकायतें दर्ज कराईं। वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण दुबे, देवराज डेहरिया, स्वप्निल उपाध्यक्ष, कृष्ण कुमार प्रजापति एवं श्रमजीवी पत्रकार संघ के ब्लॉक अध्यक्ष रफीक खान और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पूरे मामले को उजागर किया।”

“जब मामला अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल (भोपाल) तक पहुंचा, तो 25 जनवरी को लिखित शिकायत के बाद 1 फरवरी को जितेंद्र गुप्ता (उप वन संरक्षक प्रभारी, राज्य स्तरीय उड़नदस्ता) केवलारी पहुंचे। जांच में सबूत भी मिले, लेकिन कार्रवाई सिर्फ निचले स्तर के कर्मचारियों पर की गई।”

डीएफओ और उड़नदस्ता की जांच में बड़ा खुलासा!

“वन विभाग के डीएफओ सिवनी गौरव मिश्र और उप वन संरक्षक जितेंद्र गुप्ता ने जंगलों का निरीक्षण किया और सैकड़ों सागौन के कटे ठूंठ मिले, जो इस बड़े घोटाले की पुष्टि करते हैं। इसके बाद कुछ नाकेदारों को निलंबित किया गया, लेकिन सवाल वही – जब इतनी बड़ी तस्करी हुई है, तो ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?”

ग्रामीणों में आक्रोश, दी आंदोलन की चेतावनी!

“स्थानीय ग्रामीण और पर्यावरण प्रेमी इस मामले में वन विभाग की निष्क्रियता से नाराज हैं। ग्रामीणों का साफ कहना है कि अगर उच्च अधिकारी खुद तस्करी में शामिल नहीं होते, तो इतने बड़े पैमाने पर कटाई संभव ही नहीं थी। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर दोषी अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे!”

वहीं वन विभाग के एसडीओ और रेंजर पर आरोप है कि “उन्हें कई बार शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अगर बड़े अफसर इसमें मिले नहीं होते, तो यह सब नहीं होता!”

क्या दोषियों पर होगी कार्रवाई या फिर मामला दबा दिया जाएगा?

“अब सबसे बड़ा सवाल – जब अवैध कटाई के सबूत मिल चुके हैं, तो दोषी अधिकारियों पर गाज क्यों नहीं गिर रही? क्या वन विभाग निष्पक्ष जांच करेगा और सख्त कार्रवाई होगी? या फिर हमेशा की तरह यह मामला भी दबा दिया जाएगा? लेकिन जिस तरह से स्थानीय लोग और पत्रकार इस मुद्दे को उठा रहे हैं, यह मामला अब बड़ा आंदोलन बन सकता है।”

गौरव कुमार मिश्र, DFO दक्षिण सिवनी