छिंदवाड़ा। प्रदेश के लिए यह खुशी की बात है कि सिंचाई के लिए अनेकों परियोजनायें है एवं शासन में बजट भी दिया हुआ, किन्तु काम करने वाले अधिकारी नहीं है। जल संसाधन विभाग में अरबो के काम है किन्तु पूरा विभाग प्रभारियों के भरोसे चल रहा है, जो काम की प्रगति न देखकर सिर्फ ठेकेदार को भुगतान करने में लगे हैं, धरातल में काम कुछ नहीं, किन्तु करोड़ों के भुगतान हो गये, दक्षिण भारत की ठेका कम्पनी जिसके बारे में कहा जाता है कि ठेके पर यह काम तो लेती है और फिर अधिकारियों पर दबाव डाल कर करोड़ों का भुगतान भी ले लेती है, उदाहरण के तौर पर छिंदवाड़ा सिंचाई काम्पलेक्स जिसमें धरातल पर कोई काम नहीं किन्तु करोडों का सर्वे के नाम पर भुगतान हो गया। विभाग ने कितन भुगतान किया, जनप्रतिनिधियों को नहीं मालूम क्योकि विभाग के अधिकारी इनसे मिलते ही नहीं है, नही मिलने का परिणाम है।
बताया जाता है कि एक अधिकारी को कलेक्टर ने बुरी तरह फटकार लगाई, पिछले दिनों सिवनी की कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने दिशा की बैठक ली जिसमें मण्डला के सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते, बालाघाट की सांसद श्रीमती सीमा पारधी एवं सभी क्षेत्रीय विधायक उपस्थित थे।
छिंदवाड़ा में कार्यरत प्रभारी कार्यपालन यंत्री सन्तकुमार सिरसाम जिनके पास छिंदवाड़ा में बांध का कार्य है, इसके अलावा इनके पास सिवनी जिले की शेढ परियोजना जो 1600 करोड़ रूपये की है और माचागौरा परियोजना 560 करोड़ रूपये की है। सिवनी एवं नरसिंगपुर की शेटू परियोजना बदं है जिसका
जल संसाधन विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री को सिवनी कलेक्टर ने जमकर लगाई फटकार