झिलमिली धान खरीदी केंद्रों पर तौली जा रही नॉन एफएक्यू धान,
झिलमिली सेवा सहकारी समिति के धान खरीदी केंद्र पर नहीं हो रहा हडम्बा..?
धान खरीदी केन्द्र में
कहीं कचरा मिली तो कहीं पत्थर तक मिलाकर हो रहा तौल, सर्वेयर नहीं दे रहे ध्यान….
छिंदवाड़ा /जिले में इन दिनों धान की खरीदी चल रही है जिसमें खुलकर नियमों की धज्जिया उठाया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे है या कहो सब मिलीभगत से खेल चल रहा है, जिले में कुछ दिन पहले बारिश हुई थी और अब फिर धान की खरीदी शुरू हो गई हैं, लेकिन धान की गुणवत्ता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे ही मामला आज चौरई के झिलमिली धान खरीदी केंद्र में देखा गया इस केंद्र पर हडम्बा (धान साफ करने का यंत्र) का उपयोग नहीं किया जा रहा है। ऐसे में नॉन एफएक्यू धान की खरीदी की जा रही है । खास बात यह है कि झिलमिली खरीदी केंद्र में विभागीय अधिकारी कभी भी निरीक्षण नहीं कर रहे हैं निरीक्षण के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर रहे है ।
बता दें कि धान खरीदी के लिए जिले में 9 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। जहां सर्वेयर भी रखे गए हैं। जिनकी जिम्मेदारी है कि किसान की धान की क्वालिटी को चेक करें। उसका सर्वे करें और एफएक्यू होने के बाद ही धान को तौल के लिए पास करें, लेकिन झिलमिली केंद्र में किसानों के नाम पर पहुंचने वाले व्यापारियों की धान को सीधे की तौल पर लगाया जा रहा है। इसके एवज में लेनदेन के प्रकरण भी सामने आ रहे हैं। जिससे मौके पर जांच करने पहुंचने वालों को साधने का काम किया जा रहा है।
तुलाई में भी गड़बड़ी कर रहे हैं समिति के कर्मचारी…
झिलमिली खरीदी केंद्र में इन दिनों किसान से तोल से ज्यादा धान लिया जा रहा रहे हैं लेकिन निगरानी करने वाला कोई नहीं है जिसके कारण किसान लूट रहा है
झिलमिली खरीदी केंद्र पर देखने मिल रही गड़बड़ी…..!
पंचायत दिशा समाचार टीम ने झिलमिली खरीदी केंद्र का जायजा लिया जहाँ इन दिनों जिले के कई खरीदी केंद्र पर नॉन एफएक्यू धान की ही खरीदी होना पाई गई। समितियों के दौरा के दौरान धान की गुणवत्ता खराब देखने मिली। कई केंद्रों पर तो ऐसी धान भी तौल ली गई, जिसमें स्पष्ट देखने मिल रहा था कि धान में मिट्टी कंकर एवं कचरा मिलाकर लाया गया है। इतना ही नहीं एफएक्यू का ध्यान कहीं भी नहीं दिया जा रहा है। पंचायत दिशा समाचार की टीम ने जब पड़ताल की तो पता चला कि सर्वेयर को इसके एवज में कुछ रुपए भी किसान के नाम से आए व्यापारी दे रहे हैं। हालांकि कई किसान खुलकर नहीं बोले, क्योंकि धान उनकी भी थी।
गोदामों में भी सर्वेयर नहीं दे रहे ध्यान…
धान की गुणवत्ता की देखने की जिम्मेदारी सर्वेयर की होती है। धान खरीदी केंद्र के अलावा गोदाम, वेयरहाउस में धान रखवाने के पहले भी सर्वेयर को धान की गुणवत्ता चेक करना होती है। इसके बाद ही वह धान को रखवा सकता है। यहां भी बिना कोई देखरेख और जांच के बाद धान का भंडारण करवाया जा रहा है। बीते दिनों बारिश में भीगी बोरियों को भी प
खरीद लिया गया और इसका समितियां से परिवहन भी हो गया इसका भी भंडारण मिलो की गोदामों में हो गया है।
व्यापारियों के माल की सीधे तोले….?
झिलमिली खरीदी केंद्र में देखने को मिला कि यहां पर व्यापारियों का माल गाड़ियों से आकर सीधे तोला जा रहा है, यहां खरीदी करने वाले से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी नहीं बोला, जबकि मॉल में धूल मिट्टी एवं कचरा वाली धान थी लेकिन उनकी धान की सीधी तुलाई हो रही थी, यहां पर सीधे तौर पर व्यापारियों का माल गाड़ियों से आता है,,?
नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी कभी नहीं करते जांच….
नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक से जब इस विषय में बात की तो उन्होंने कहां जांच कर लेंगे, जबकि जानकारों का कहना है
कि किसकी देखरेख की जिम्मेदारी नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी की होती है, समिति स्तर और गोदाम स्तर पर खरीदी चल रही है। तो हडम्बा करना चाहिए, लेकिन अधिकारी इसकी जांच क्यों नहीं कर रहे हैं यह एक बड़ा सवाल है । जबकि धान में कचरा रहता है तो यह जरूरी है। केंद्र प्रभारी और सर्वेयर की जिम्मेदारी धान की गुणवत्ता की होती है। गोदाम स्तर पर जमा हुई धान की और केंद्रों पर पहुंचकर धान की जांच करना होता हैं। और अधिकारी को चाहिए कि नॉन एफएक्यू धान मिलती है तो सभी सर्वेयर हटाने की कार्रवाई की जाना चाहिए, वही चौरई के फ्रूट विभाग वहीं चौराहे के फ्रूट विभाग के इंस्पेक्टर रवि मुकासे से बात करने पर उन्होंने कहा मैं अभी बाहर हूं कल सुबह जाकर जांच करुंगा
रिपोर्ट -ठा रामकुमार राजपूत
मोबाइल -8839760279