जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास/आश्रम में बिना टेंडर की करा रहा सप्लाई…
छिदंवाडा– मध्यप्रदेश के छिदंवाडा जिलें के जनजातीय कार्यविभाग में इन दिनों अधिकारी / कर्मचारी खुलकर लूट रहे है लेकिन इन पर आज तक कोई कार्यविभाग नही हो रही है जबकि जिलें में संचालित छात्रावासों में लापरवाही के कारण काई धटना हो चूकि है लेकिन भोपाल में बैठे विभाग के उच्च अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे है । छिदंवाडा जिलें के सहायक आयुक्त ठेकेदारों को लाभ पंहुचने के लिए छात्रावास में सप्लाई करा रहे है । छात्रावास में बिना मांग के ही सप्लाई हो रही है। जनजातीय कार्यविभाग द्वारा जो सामग्री की सप्लाई जनजातीय कार्यविभाग द्वारा हो रही है उसमें इन दिनों जमकर गोलमाल किया जा रहा है। जिसमें मानकों की अनदेखी की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस कार्य के लिए पहले भी सहायक आयुक्त ने सभी अधीक्षक को लेंटर देकर सामान खरीदने के लिए अधीक्षक से मांग पत्र मांग रहे है सिर्फ़ दिखावा के जबकि ठेकेदार सभी छात्रावास में सामग्री सप्लाई करने लगें है। जबकि छात्रावास में इन सामग्री की कोई जरूरत ही है। छात्रावास में दो साल पहले भी टीवी, पंलग, रजाई गंदे
खेल सामाग्री, अग्निशमन यंत्र सहित अन्य सामानों की खरीदी कर जिले के 184 छात्रावासों में सप्लाई हो रही है। दिलचस्प यह है कि कलेक्टर महोदय भी जनजातीय कार्यविभाग में हो रहे फर्जीवाड़े में कभी ध्यान नहीं दे रहे है। और जनजातीय कार्यविभाग बर्षों से बिना टेंडर के सप्लाई छात्रावासों में सप्लाई करा रहा है। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग अब तक काई फर्म को गुपचुप तरीके से अधीक्षक से भुगतान करा रहे है। इसके भुगतान के लिए शहर के ही सत्ताधारी कुछ ठेकेदार की फर्म को काम दिया गया है। जो पूरी तरह से नियम के विरूद्ध है। बताया जा रहा है कि इस कार्य के लिए न तो इंजीनियरों द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया है और न ही कार्यों का मूल्यांकन किया गया है। बाकायदा इन फर्मों को इस काम के लिए मैनेज टेंडर के बदौलत काम दे दिया गया है। ज्ञात हो कि इससे पहले भी इसके बाद मैनेज टेंडर के तहत छात्रावासों में सप्लाई हो रही है वह भी बिना वर्क आर्डर के। दिलचस्प यह है कि इन कार्यों का इंजीनियरों द्वारा भौतिक सत्यापन कराए बिना ही अधीक्षक चेक काट के ठेकेदार को चेक दे रहे है।
पहले भी छात्रावास में मरम्मत की राशि में गोलमाल के लिए यह विभाग विवादों में ..?
जिले के 180 छात्रावासों में पहले से ही फर्नीचर सप्लाई, सामानों की खरीदी के लिए सुर्खियों में आया था। पहलें भी खरीदें सामान छात्रावासों में धूल खाते पड़े हैं। अपनी जेब भरने के लिए चहेते ठेकेदारों को काम दिया गया था।और करोड़ों के सामानों की खरीदी कर पहले वालें सहायक आयुक्त चलते बने।
बिना टीएस स्वीकृति के नहीं करा सकते ऐसा काम
बताया जा रहा है कि किसी भी कार्य को करने के लिए अधिकारियों द्वारा टीएस (टेक्निकल सेंगसन) की आवश्यकता होती है। जिसके लिए इंजीनियरों द्वारा भौतिक सत्यापन कराना जरूरी माना जाता है, लेकिन यहां पर ऐसा नहीं हो रहा है। बिना टीएस व भौतिक सत्यापन के लिए चहेते फर्म को भुगतान किया जा रहा है। हालांकि इन दिनों अधिकारी खुद चेक नहीं काट रहे है बल्कि अधीक्षक से भुगतान करा रहे है।
रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
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