ग्राम सेवक गांव में नहीं मिलते, उनकी लापरवाही की सजा भुगत रहे ग्रामीण कृषक ….
रिपोर्ट-ठा.रामकुमार राजपूत
दिनांक-16/11/2024
छिदंवाडा -किसानों की खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए शासन ने कई योजनाएं संचालित कर रखी हैं। इन योजनाओं को ग्रामवासियों तक पहुंचाने का जिम्मा सरकार ने कृषि विभाग के ग्राम सेवकों को सौंपा है लेकिन वे गांव में कभी जातें ही नहीं ना ही कभी कृषकों से मिलते है । इस कारण किसानों को योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती। इससे किसान योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। किसानों ने इसकी शिकायत कई बार जिलें के जिम्मेदार अधिकारियों से की है। लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला।
किसानों के लिए शासन ने आरक्षण के आधार पर योजना चला रखी हैं…
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति के किसानों के लिए केन्द्र एंव राज्य सरकार कई योजना चला रही है लेकिन फिर भी किसानों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है । पहले सामान्य वर्ग के किसानों के लिए भूमि की ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई की योजना। इसमें लागत का 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान था। इसमें अधिकतम 1500 प्रति हेक्टेयर भूमि पर ही अनुदान मिलता था। आज चौरई ब्लॉक के अधिकतर किसानों को योजना की जानकारी ही नहीं है। बीझावाडा ,माचीवाडा,केदारपुर ,बिलंदा ,सलखनी,हरनभटा, आदि गांव के किसान का कहना है । ग्रामसेवक से योजना की जानकारी मिलती है लेकिन वे कभी गांव आते ही नहीं। ऐसे में किसान कई योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हैं। इसके बावजूद ग्रामसेवक पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इससे ग्रामवासियों में जिम्मेदारों के प्रति आक्रोश है। अधिकांश किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी ही नहीं है। किसानों को कृषि विभाग द्वारा कभी भी कृषि संबंधित कोई जानकारी नहीं देते है जिसके कारण किसान आपनी अपनी मर्जी से उर्वरक का उपयोग कर रहे हैं कहना है। इस कारण वे भूमि को नुकसान पहुंचता है।
रिपोर्ट-ठा.रामकुमार राजपूत
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