राज्य शिक्षा केन्द्र ने बीआरसी पद से हटाया, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग ने नवाजा.
दस साल से अधिक समय रहे जुन्नादेव बीआरसी, उसके बाद गबन की शिकायत के बाद राज्य शिक्षा केन्द्र ने बीआरसी पद से हटायें गयें
फिर सहायक आयुक्त से सेंटिग कर बन गये बीईओ..
परासिया में की पत्नी के नाम पर हो रहा स्कूल संचालित…
आखिर क्यों है जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त ओ पी जोशी पर मेहरबान.।।
विवादास्पद शिक्षक को मिला बी ई ओ का प्रभार…
अपात्र को दिया प्रशासनिक अधिकार प्रदेश का पहला मामला….
छिंदवाड़ा: मध्यप्रदेश के छिदंवाडा जिलें के जनजाति कार्य विभाग में विवादों से नाता खत्म नहीं हो रहा है । सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग सत्येंद्र सिंह मरकाम ने राज्य शासन द्वारा हटाए गए पूर्व जुन्नारदेव बीआरसी ओम प्रकाश जोशी को जुन्नारदेव विकासखंड का ही प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी बना दिया है। बी ई ओ का पद होता है प्रशासनिक सूत्रों की माने तो इस पद के लिए ओ पी जोशी पात्र नहीं है शासन के स्पष्ट निर्देश है कि बी ई ओ का पद सीनियर प्राचार्य को ही दिया जाए परंतु सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम ने तमाम नियमो को दरकिनार करते हुए ओ पी जोशी को दूसरे विकासखंड से उन्हें लाकर जामई विकासखंड में बी ईओ बना दिया है । बताया जाता है कि इस पदस्थापना को लेकर तगड़ी सेटिंग हुई है । और जैसा कि ओपी जोशी पहले भी खुलेआम दावा करते रहते थे कि जब तक जेब में पैसा है तब तक उन्हें कोई नहीं हटा सकता वह बात आज फिर सही साबित होती दिखाई दे रही है ।पहले से विवादित हैं ओ पी जोशी इसके पूर्व जब यह विवादास्पद शिक्षक बीआरसी जुन्नारदेव के पद पर था तो उस समय इन पर बड़े पैमाने पर गबन और घपले करने के इल्जाम लगे थे एवं इनकी शिकायत भोपाल तक हुई थी जिस पर जांच करते हुए इनको तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त किया गया था और इनके मूल पद पर इन्हें तामिया पदस्थ किया गया था । ओ पी जोशी नौकरी करने के साथ-साथ अपने निजी स्कूल भी चलाते हैं ऐसे में इनका बीईओ पद पर रहना इनकी निजी संस्थाओं के लिए लाभ के अनेक रास्ते खोल देता है और यही कारण है कि इन्होंने साम दाम दंड भेद की नीति अपनाकर इस पद को हासिल किया है ।
कलेक्टर को किया गुमराह..!
जानकारी के अनुसार इस मामले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग सत्येंद्र सिंह मरकाम ने तमाम नियमों को दरकिनार करते हुए इनके नाम की अनुशंसा की है साथ ही कलेक्टर को भी ओ पी जोशी के पिछले रिकॉर्ड के बारे में कोई जानकारी प्रदान नहीं की और उन को धोखे में रखकर फाइल पर आदेश ले लिए गए हैं । कलेक्टर महोदया की साफ-सुथरी कार्यप्रणाली को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि उन्होंने यह आदेश पूरी वस्तुस्थिति को जानने के बाद किया है ।
इस आशय की खबर पूर्व में भी सतपुड़ा एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित की गई थी
जुनारदेव विकासखंड के पूर्व भ्रष्ट बी.आर.सी. को बना दिया बी.ई.ओ.
रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
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