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मरम्मत के नाम पर जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में करोड़ों की हेराफेरी…

मरम्मत के नाम पर जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में करोड़ों की हेराफेरी…

सहायक आयुक्त ने दिया मौखिक आदेश पर पुराने बिलों का भुगतान…

बर्ष 2024 में आया बजट को बिना निर्माण कार्य करायें ठेकेदार को कर दिया गया भुगतान….

जनजातीय कार्यविभाग के ऐसे अधिकारी और अधीक्षक पर होना चाहिए एफआईआर..
3.88 करोड़ के घोटाले में सहायक आयुक्त, ठेकेदार सहित 51 अधीक्षक के खिलाफ लोकायुक्त एंव EW0 में होना चाहिए मामला दर्ज…

मध्यप्रदेश के छिदंवाडा में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे पढ़कर आप भी यही कहेंगे की एमपी गजब है। दरअसल यहां जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में निर्माण सहित अन्य कार्यों के लिए आई राशि का हेरफेर करने का बड़ा मामला सामने आया है। यदि मामले की जांच हुई तो करोड़ों का मामला उजागर हो सकता है। छिदंवाडा सहायक आयुक्त , ठेकेदार,एंव अधीक्षक की मिलीभगत से बडा खेला किया गया है।

जनजातीय कार्यविभाग के सहायक आयुक्त के मौखिक आदेश पर ठेकेदारों से फर्जी निर्माण 2021-22 के कार्य दिखाकर बर्ष 2024 में आया बजट से भुगतान कर दिया गया। जबकि पहलें जो निर्माण हुआ था उसका भी भुगतान हो गया है ।यदि पहलें छात्रावासों में कोई निर्माण कार्य करना था तो बिना बजट के निर्माण का आदेश इन ठेकेदारों को किसने दिया था। जिलें में संचालित प्रत्येक छात्रावास के अधीक्षक द्वारा निर्माण कार्य कराया जाना था व उसका भुगतान भी नियमानुसार भंडार क्रय नियमों के अनुसार किया जाना था। जबकि जिलें के कुछ राजनेताओं से सबंधित व्यक्ति को सहायक आयुक्त ने मौखिक रूप से सभी छात्रावास अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे ठेकेदार को उक्त कार्य के नाम फर भुगतान कराएं।जिसकें बाद सभी अधीक्षकों ने बिना सोचे समझें ठेकेदार को लगभग संपूर्ण राशि का अग्रिम भुगतान भी छात्रावास अधीक्षकों से करवा दिया। जबकि पिछले बर्ष 2021-22 में भी जिन छात्रावासों में मरम्मत हुई थी ।उन ठेकेदार द्वारा आधा अधूरा कार्य मनमानेपूर्ण तरीके से किया गया। कार्य की गुणवत्ता भी अत्यंत निम्न स्तर की रही थी और अभी भी कई छात्रावासों में कार्य भी नहीं हुआ है ।लेकिन सहायक आयुक्त की मेहरबानी से उक्त ठेकेदारों को सम्पूर्ण भुगतान कर दिया गया। जबकि विभिन्न समाचार पत्रों में इन छात्रावासों की खबरें प्रकाशित हुई थी लेकिन उसके बाद भी सहायक एंव जिला कलेक्टर ने आज तक इन छात्रावासों में निर्माण कार्यों की जांच नहीं कराई गई है ।
सभी छात्रावासों की होना चाहिए भौतिक सत्यापन…
जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की यदि भौतिक सत्यापन किया जायें की छात्रावासों में जो निर्माण कार्य हुआ है ।वो कौन से बर्ष में हुआ है ।तो कितने छात्रावासों में उक्त ठेकेदारों ने कार्य पूर्ण किया है या नहीं ।तो उन्हें भुगतान कैसे हो गया ।यदि जांच हुई तो कई मामलें निकलकर आयेंगे..

यदि छात्रावासों में हुए निर्माण कार्यो एंव भुगतान कैसे हुआ इनकी उच्च अधिकारियों से जांच कराई गई तो निश्चित सहायक आयुक्त,बाबू ,इंजीनियर ,एंव अधीक्षक की मिलीभगत से करोड़ों के भुगतान की पोल खुल सकती है। जिलें के कलेक्टर महोदय को इन छात्रावासों की जांच करनी चाहिए।कि आखिर ठेकेदारों को भुगतान कैसे हो गया..

जनजातीय कार्यविभाग छिदंवाडा से 3 करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि हुई आवंटित..

जिले के अंतर्गत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों- एंव खेल परिसर तामिया में मरम्मत कार्य के लिए आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग भोपाल, आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग व आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग भोपाल ने राशि का आवंटन किया था। इसके तहत जिले को अनुसूचित जनजाति छात्रावासों के लिए इस बर्ष जिले को कुल 3 करोड़ से ज्यादा की राशि आवंटन प्राप्त हुई.

छात्रावासों में मरम्मत के नाम पर हेराफेरी करने में मुख्य भूमिका ….

जिलें में हुए छात्रावास मरम्मत के नाम पर धोटाले में मुख्य भूमिका सहायक आयुक्त , भौतिक सत्यापन करने वालें विभागीय इंजीनियर , ठेकेदारों,स्थापना शाखा के बाबू , छात्रावास अधीक्षक आदिवासी छात्रावास खमारपानी ,आदिवासी बालक छात्रावास मोहखेड़, आदिवासी बालक छात्रावास हनौतिया,आदिवासी बालक छात्रावास राखीकोल,आदिवासी बालक छात्रावास डुंगरिया, आदिवासी बालक छात्रावास दमुआ, आदिवासी उत्कृष्ट बालक छात्रावास जुन्नादेव , आदिवासी उत्कृष्ट कान्या छात्रावास जुन्नादेव ,आदिवासी बालक छात्रावास नवेगांव, आदिवासी बालक छात्रावास गोप,आदिवासी उत्कृष्ट बालक छात्रावास सौसर, आदिवासी उत्कृष्ट कान्या छात्रावास सौसर ,आदिवासी बालक छात्रावास बम्हनी , आदिवासी बालक छात्रावास कुर्सीढाना ,आदिवासी बालक छात्रावास झिरपा, आदिवासी बालक छात्रावास देलाखारी, आदिवासी बालक छात्रावास चाबलपानी ,आदिवासी कान्या छात्रावास चाबलपानी, आदिवासी बालक छात्रावास कुंडा, आदिवासी बालक छात्रावास झिलमिल, आदिवासी बालक छात्रावास सांख,आदिवासी बालक छात्रावास बडोसा ,आदिवासी बालक छात्रावास भिंमालगोदी, आदिवासी उत्कृष्ट बालक बिछुआ, आदिवासी उत्कृष्ट कान्या छात्रावास बिछुआ ,आदिवासी बालक छात्रावास लछुआ,आदिवासी बालक सिंगोडी, आदिवासी बालक छात्रावास लहगडूआ ,आदिवासी बालक छात्रावास सुरलाखापा, संयुक्त कान्या छात्रावास छिदंवाडा, आदिवासी उत्कृष्ट बालक हर्रई, आदिवासी उत्कृष्ट कान्या हर्रई, आदिवासी बालक छात्रावास अतरिया, आदिवासी बालक छात्रावास परतापुर, आदिवासी बालक छात्रावास बाम्हानवाडा, आदिवासी कान्या छात्रावास चांद,खेल परिसर तामिया में 50 लाख रुपये मरम्मत के लिए डालें गये व अन्य छात्रावास में 5 लाख के हिसाब से डालें गयें जबकि इन छात्रावासों में काम ही नहीं हुए इसलिए इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (ए), 13(2) भ्र.नि.अधि. 1988 (संशो. अधि. 2018) एवं धारा- 409, 420, 120-बी भादंवि. के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
कई छात्रावास के नया भवन के निर्माण चल रहा है उसके बाद भी डाला गया पैसा… इसमें कही ना कही विभाग के बाबूओं की सेंटिग से हुआ सब काम

रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
मोबाइल-8989115284