Home CITY NEWS जिलें के जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास में अध्यनरत तीसरी...

जिलें के जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास में अध्यनरत तीसरी छात्र की मौत,आखिर कौन जिम्मेदार..?

छिदंवाडा के अनुसूचित जाति छात्रावास में फिर हुई एक छात्रा की मौत, हॉस्टल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप…

जिलें के जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास में अध्यनरत छात्र की तीसरी मौत ..

परासिया छात्रावास के कुँए में छात्र की मौत ,छिंदंवाडा के जनजातीय विभाग के अधिकारी बेलगाम..

अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे ,महिनें की बसूली के कारण अधीक्षक बेलगाम..?

अनुसूचित जाति छात्रावास परासिया के छात्र की कुएं में डूबने से मौत ..!

छिंदंवाडा : मध्यप्रदेश के छिंदंवाडा जिलें में जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास में छात्र की मौत होने का सिलसिला रुक नहीं रहा है पिछले एक साल के अन्दर ये छात्रावास में रहने वाले छात्र की तीसरी मौत है। लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी फिर भी ध्यान नहीं दे रहे है ऐसा ही मामला आज परासिया के अनुसूचित जाति छात्रावास में देखने को मिला जंहा अधीक्षक की लापरवाही के कारण एक छात्र जान चली गई । क्योंकि यदि छात्रावास में पानी की व्यवस्था होती तो छात्र क्यों कुँए में नहाने जाता ,और बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी किसकी है कौन छात्र कहा आता जाता है इसकी निगरानी की जिम्मेदारी अधीक्षक की होती है ।इसलिए तो विभाग ने नियुक्ति किया है ।आखिर छात्र 11 बजें स्कूल टाईम में नहाने कैसे चला गया ,और क्या 11 बजें अधीक्षक छात्रावास में नहीं थे । ये सब जाँच का बिषय है।

लाखों करोड़ों का बजट होने के बाद भी छात्रावास में पानी की कमी कही ना कही विभाग की नकमी देखती है। इतने सारे कर्मचारी छात्रों की देखरेख के लिए नियुक्त है । वो कहा थे चौकीदार कहा था। आखिर छात्र छात्रावास से कैसे निकलकर कुँए में नहाने कैसे चला गया और उसकी डूबने से मौत हो गई और चौकीदार को जानकारी तक नहीं लगी। छात्रावास में छात्र की मौत के जिम्मेदार विभाग के सहायक आयुक्त से लेकर निगरानी करने वालें मंडल सयोजक ,क्षेत्रसंयोजक , इन सब पर कार्यवाही होना चाहिए ,ये जिलें में पहली धटना नहीं है। इससें पहलें भी दो छात्र की मौत हो चूकी है लेकिन फिर भी विभाग ने सुंध नही लिया, परासिया के छात्रावास में छात्र की मौत के बाद फिर जनजातीय विभाग फिर सुखियों में आ गया है। क्योंकि इससे पहलें भी छात्रावास में दो छात्रों की मौत हो चूकी है।दरअसल जनजातीय कार्यविभाग छात्रावास और आश्रमों की व्यवस्था को लेकर भ्रष्टाचार में डूबा है।हर माह की बसूली के चलते छात्रावासों के अधीक्षक बेलगाम हो गयें है।डयूटी के लिए छात्रावास में मौजूद नही रहते है। छात्रावास के लिए शासन करोड़ों का फंड देता है।लेकिन होता कुछ नही है।बच्चों के नाम पर विभाग के सहायक आयुक्त ,क्षेत्र संयोजक, और अधीक्षक चांदी काटते है। हर माह कान्या परिसर में छात्रावास अधीक्षकों की बैठक होती है।इस बैठक में छात्रावास व्यवस्था की बात नही होती बल्कि अधीक्षकों से सीधे धन उगाही होती है।जो अधीक्षक धन नही देता तो फिर उसे कारण बताओं नोटिस ,निलंबन से लेकर विभागीय जांच तक के नोटिस सहायक आयुक्त के कार्यालय से दे दिए जाते है।यह बैठक सहायक आयुक्त और क्षेत्रसंयोजक बुलाते है। जिन्हें छात्रावास और आश्रम के निरीक्षण और व्यवस्था का जिम्मा है।केवल अवैध बसूली के लिए यह बैठक होती है।जिसका परिणाम यह है कि अधीक्षक केवल बजट का ही गोलमाल नहीं करता बल्कि छात्रावास में मिलने वाला राशन तक बेच देता है।

विभाग के जिलें में करीब 110 छात्रावास और 65 आश्रम शालाएं संचालित है।जिसमें एससी और एसटी वर्ग के गांव के छात्र – छात्राएं रहते है। 50 से 100 सीटर तक ये छात्रावास और आश्रम है। हाल ही में शासन ने छात्रावास को 5-5 लाख का बजट सीधे अधीक्षकों के खातों में दिया था। किसी भी अधीक्षक ने कार्य नहीं कराया ना ही कोई सामग्री खरीदी है। बस शासन से आया बजट फर्जी – बिल बाऊचर लगाकर समाप्त कर दिया है। इसके बाद फिर 6 करोड़ का बजट मिल गया है। छात्रावासों का यह हाल विभाग ने बना रखा है।छात्रावासों के प्रभार के लिए इतनी है कि लोग रुपयें देकर अधीक्षक बन रहे है!

कार्यवाही नहीं होने से अधिकारियों के हौसला बुंलद…
जनजातीय कार्यविभाग कलेक्ट्रेट का सबसे भ्रष्ट और बदनाम विभाग है।अनेकों लापरवाही के सामने आने के बाद भी अफसरों पर कार्यवाही ना होने से यंहा अफसर बेलगाम है। और व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। इस छात्र की मौत से पहले सोनपुर बालक छात्रावास में मौत फिर कान्या शिक्षा परिसर के संयुक्त कान्या छात्रावास में एक छात्रा ने छात्रावास. के कमरे कमरें में फांसी लगा ली थी।लेकिन किसी भी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।इस मामलों में एक अफसर ने सहायक आयुक्त से रातों रात बैक डेट पर प्रभार बदलने के आदेश तक निकलवा लिए थे।

धटना -1
छिंदवाड़ा में अमरवाड़ा के सोनपुर आदिवासी छात्रावास में कक्षा 11वीं के छात्र की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई, जिससे हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि बटकाखापा बोरपानी का छात्र इस छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहा था। एक दिन पहले ही उसने तिमाही के पेपर दिए थे। इसके बाद वह अचानक बेहोश जैसा होने लगा। तत्काल उसके दोस्तों ने छात्रावास में पैड्स शिक्षकों के साथ उसे अमरवाड़ा अस्पताल लेकर आए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। टीआई के मुताबिक, छात्र की संदेहास्पद स्थिति में हुई मौत के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो पाएंगे।लेकिन लगभग एक साल होने को है पूरे मामले को दबा दिया गया


धटना- 2
ट्राइबल गर्ल्स हॉस्टल में 14 साल की मासूम फंदे पर झूली, 6 माह में सामने आया दूसरा मामला
शहर में ट्राइबल गर्ल्स हॉस्टल से हैरान करने वाला मामला सामने आया था। यहां पर रहने वाली 9 वीं क्लास की एक स्टूडेंट ने खाली पड़े रूम में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। बालिका के सुसाइड की वजह सामने नहीं आई है। वहीं, हॉस्टल के अंदर हुई घटना के चलते जिम्मेदारों पर सवालिया निशान खड़े हो गए है। लेकिन आज भी दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ।लेकिन एक आदिवासी समाज की बेटी आज इस दुनिया में नहीं है।

धटना-3
अधीक्षिका की लापरवाही

बाहरी युवक के साथ तीन छात्राओं को भेज दिया था।जिनका रास्ते में एक्सीडेंट हो गया था। जबकि
शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि छात्रावास में निवासरत छात्राओं को उनके पालकों के साथ या फिर उनकी अनुमति के बाद ही अवकाश दिया जाना है। किन्तु इन निर्देशों का पालन न करते हुए चौरई छात्रावास के अधीक्षिका द्वारा एक युवक के साथ तीन छात्राओं को भेज दिया गया। मामला उस वक्त उजागर हुआ, जब युवक और छात्राएं सड़क दुर्घटना में घायल हो गई।
अधीक्षिका द्वारा एक अन्य बाहरी व्यक्ति के साथ 3 छात्राओं को छात्रावास से घर ले जाने की अनुमति देने और रास्ते में दुर्घटना घटित होने से यह कृत्य छात्रावास नियमावली और आचरण नियमों के विपरीत होने पर कदाचरण की श्रेणी में आने पर यह कार्यवाही की गई है।

धटना-4

हॉस्टल में घुसकर छात्र पर चाकू से किया हमला, अन्य छात्रों में दहशत

एक हॉस्टल में घुसकर अज्ञात बदमाश ने छात्र पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं इस घटना के बाद अन्य छात्र दहशत में है।
जिले के हर्रई विकासखंड हर्रई के परतापुर छात्रावास में 9वीं के छात्र पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। हमलावर ने मुंह पर रूमाल बांध रखा था, जिससे उसकी पहचान नहीं हो सकी है। घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आखिर कब तक होते रहेगी आदिवासी बच्चों की छात्रावासों में मौत ,जिम्मेदार कौन..?

रिपोर्ट-ठा.रामकुमार राजपूत

मोबाइल-8989115284