एकलव्य आवासीय विधालय में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, किताबों एंव पुराने गणवेश में बिना पढ़ने को मजबूर बच्चे..
एकलव्य आवासीय विधालय में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, किताबों और पुराने गणवेश में पढ़ने को मजबूर छात्र/छात्राएं किताबों की समस्या से परेशान होकर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्र और छात्राएं आज बिना पुस्तकें एंव पुराने गणवेश के सहारें पढाई करने के लिए मजबूर है।जनजातीय बच्चों को निशुल्क शिक्षा के नाम पर ना निशुल्क पुस्तकें मिली और ना ही गणवेश दिया गया है जबकि सत्र समाप्त होने वाला है। लेकिन अभी तक बच्चों को पुस्तकें एंव गणवेश नहीं मिलें है। आधा सत्र खत्म होते आ रहा है।
निशुल्क पुस्तकें एंव गणवेश वितरण नहीं होने से अभिभावकों को बच्चों के भबिष्य की चिंता..

छिंदंवाडा जिलें में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में आधा सत्र खत्म होने को है लेकिन अभी तक एकलव्य आवासीय विधालय प्रबंधन द्वारा पुस्तकें एंव गणवेश नहीं खरीदा गया है। निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण न होने से अभिभावकों को अपने बच्चों के भबिष्य की चिंता सताने लगी है। अभिभावकों का कहना है कि पता नहीं चल पा रहा है की हमारे बच्चों को पुस्तकें कब मिलेगी इन बच्चों के पास कापी ही नहीं है ,शिक्षकों द्वारा सिर्फ आश्वासन देकर टाल दे रहे है। हमारे बच्चों को पुरानी किताबों से ही पढाई करवाई जा रही है। पुस्तकें उपलब्ध होते ही तो बच्चें अच्छे से पढाई करतें..
जनजातीय बच्चों निशुल्क पुस्तकें एंव गणवेश से बंचित क्यों..?

मध्यप्रदेश के छिदंवाडा जिले में एकलव्य आवासीय विधालय में शिक्षा व्यवस्था बदहाल नजर आ रही है. जिले के बिछुआ, जून्नादेव ,हर्रई क्षेत्र में स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में छात्र और छात्राएं किताबों के बिना ही पढ़ने को मजबूर हैं. सूत्रों की जानकारी के अनुसार जनजातीय बच्चे को निशुल्क शिक्षा के नाम पर ना ही पुस्तकें मिली और ना ही गणवेश दिया गया है जबकि आधा सत्र खत्म होते आ गया है। लेकिन जनजातीय छात्र/ छात्राओं को शिक्षा से बंचित रखा जा रहा है। आवासीय विधालय का नया सत्र जून में शुरु हुआ था, लेकिन 4 महीने बीतने के बाद भी बच्चों को अभी तक किताबे नहीं मिल सकी हैं.ना ही बच्चों को गणवेश दिया गया है। इश सब कमी से बच्चों जूझ रहें हैं. इन समस्याओं से परेशान होकर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्र और छात्राएं बंचित हो रहे है लेकिन जिलें में बैठे अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है।
छठवीं से बारहवीं तक के छात्रों के पास नहीं हैं किताबें

छात्रों ने बताया कि सत्र के 4 महीने बीत जाने के बाद भी छठवीं से बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं को अब तक पाठ्य पुस्तकें नहीं मिली हैं. छिदंवाडा जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में 6वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. जबकि 12 वी बोर्ड होने के कारण छात्रों को बिना किताबों के पढ़ने में काफी समस्याएं होती हैं, हम ठीक से नहीं पढ़ पा रहे हैं. इसके अलावा छात्र छात्राओं को इस सत्र में गणवेश में नहीं मिलें है। और प्रबंधन से कारण पूछने पर कारण भी नहीं बताया जाता है.
वहीं 12वीं के आवासीय विधालय में पुराने किताबों के प्रिंट आउट के जरिए पढ़ाया जा रहा है, जिससे छात्रों को ठीक से समझ नहीं आ पाता है.जबकि 12वीं बोर्ड होने के बावजूद भी छात्रों को किताबें नहीं मिल सकीं हैं. वहीं किताबों के बारे में स्कूल प्रबंधन से पूछने पर कहते हैं कि बजट नहीं होने के कारण किताबें नहीं खरीदा गई है जिसें ही बजट मिलता है किताबें खरीदी जायेगी।
जनजातीय बच्चों निशुल्क पुस्तकें एंव गणवेश सें बचिंत आखिर क्यों
रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
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