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आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली तो पार्षद ने दिया आपने मानदेय राशि से एक- एक हजार रुपये..गिफ्ट

सरकार नहीं दिया सैलरी तो पार्षद ने मानदेय राशि से दिया 35 आउटसोर्स कर्मचारियों को एक एक हजार रुपये…

आउटसोर्स कर्मचारियों को 7 माह से नहीं मिली सैलरी ….

आउटसोर्स कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली तो पार्षद ने दिया आपने मानदेय राशि से एक- एक हजार रुपये..गिफ्ट

छिदंवाडा- कल जंहा पूरे भारत देश में रक्षाबंधन बडे धूमधाम से मनाईं जायेगी। बहन आपने भाई को राखी बंधेगी वही मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की नगर पालिका डोंगर परासिया की लापरवाही से 35 आउटसोर्स कर्मचारी को 7 महीने से सैलरी नहीं मिलने से 35 आउटसोर्स कर्मचारी 7 माह से सैलरी नहीं मिलने से परेशान है। ऐसे में नगर पालिका डोंगर परासिया के वार्ड 10 पार्षद ने इन आउटसोर्स कर्मचारियों का दर्द को समझते हुए एक ऐसी मिसाल पेश की और सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को आपने मानदेय से रक्षाबंधन त्यौहार देखते हुए एक- एक हजार रुपये गिफ्ट रुवरुप में दिया । जिससें इन कर्मचारियों को थोडी खुशी मिल साके । आज के दौर में ऐसे नेता कहां मिलते हैं जो एक कर्मचारी का दर्द समझ सके। आज के नेता तो पोजीशन मिलने के बाद आम जनता को कुछ नहीं समझते उन्हें तो अपने अधीनस्थ काम करने वाले कर्मचारी तक की फिक्र नहीं होती

पार्षद के द्वारा दी गई मदद से कम से कम आउटसोर्स कर्मचारियों बच्चों के लिए मिठाई एंव राखी खरीद….

पार्षद अनुज पाटकर को जब पता की नगर पालिका के द्वारा लगाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों को विगत 7 माह से सैलरी नहीं मिली है । तो वह थोड़ी चिंतित हो गए की हिन्दू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार रक्षाबंधन निकट होने के कारण उनका मन व्यथित हो गया। पार्षद अनुज पाटकर ने इन सभी कर्मचारियों को उपहार रूवरूप रुपये देने की सोची।ताकि ये सब रक्षाबंधन के त्यौहार पर कम से कम अपने बच्चों के लिए उपहार एंव राखी खरीद सकें ।इसके लिए उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पत्र लिखकर निवेदन किया साथ ही चैक के द्वारा 35 आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए 35हजार रुपये की राशि का चेक उन्हें सौपा।

नगरपालिका आउटसोर्स कर्मचारियों को 7 माह से सैलरी आखिर क्यों नहीं…

मध्यप्रदेश सरकार जंहा लडली बहनों के लिए प्रदेश का खजाना लूट रही है।वहीं आफिस में रात दिन काम करने वालें कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दे पा रही है।ये मध्यप्रदेश सरकार की विफलता को दर्शाता है। मध्यप्रदेश सरकार राजनीति एंव वोट बैक के लिए हर माह बहनों के खातों में पैसा डाल रही है।और रक्षाबंधन में 250 रुपये का शगुन भी दे रही है।और एक तरफ शासकीय कार्यालय में काम करने कर्मचारियों को कई कई महिनों की सैलरी तक नहीं मिल रही है। ऐसे में सरकार जंहा बहनों को खुश कर रही है । लेकिन सरकार लगता है भूल गई है कि कार्यालय में जो लोग काम कर रहे है वह अपने परिवार की खुशियां के लिए काम करते है। और अपनी आवश्यकता के लिए काम करते है। लेकिन सरकार की ये कैसी नीति की काम करने वाले को वेतन नहीं और सरकार मुफ्त में रेवाड़ी बांट रही है!