जिलें में मौत बांट रहे मिलावट खोर…
आखिर दिखावा के लिए साल में एक या दो बार ही करते है खाध एंव औषधि विभाग के अधिकारी..
कार्यवाही…!
आखिर शहरों में कौन- कौन से मिष्ठान संचालक कर रहे है लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़….?
मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत छिंदवाड़ा/पांढुर्णा जिले के खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच दलों द्वारा निरंतर की जा रही जांच
छिन्दवाड़ा– छिदंवाडा जिलें में इन दिनों मिलावट खोंरो ने आपना मकड़जाल फैला के रखा है । जो जिले में खुलेआम मिलावट कर लोगों को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं। आज जिलें में नकली खाद्य पदार्थ खुले आम बेेेचे जा रहे हैं । लेकिन जिले में बैठे खाद्य एवं औषधि विभाग साल में एक दो बार कार्रवाई कर अपनी खानापूर्ति कर लेता है। आखिर जिले में कब तक मिलावटखोरों यूं ही लोगों के स्वास्थ्य के साथ खेलते रहेगें। और मौत के मुंह में धकेलते रहेंगे!
जिलें में आखिर खाद्य एवं औषधि विभाग साल भर रहता है कहां…
जिलें में इन दिनों मिलावटखोरी आम बात हो गई है। मिलावटखोर माफियाओं का आज जिलें में राज चल रहा है ।मिलावटखोंर इतने ताकतवर हो गयें है ।कि उनका कोई कुछ नहीं सकतें है । जिलें में मिलावटखोरी इन दिनों चरम पर है। जिलें में पदस्थ खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी कर्मचारी साल में एक दो कार्रवाई करके अपनी पीठ थपथपा लेते हैं। बाकी साल भार इन माफियाओं के साथ देखे जा सकतें है या कहो सब मिलीभगत से खेल चलते रहता है..!
रक्षाबंधन त्यौहार को देखते हुए मध्य प्रदेश में मिलावट से मुक्ति अभियान…
संपूर्ण प्रदेश में चलाए जा रहे मिलावट से मुक्ति अभियान एवं आगामी रक्षाबंधन त्यौहार को देखते हुये उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिंदवाड़ा डॉ.एन.के.शास्त्री के निर्देशन में विभागीय जांच दलों द्वारा जिले में विगत एक सप्ताह से लगातार सम्पूर्ण जिले के खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच की जा रही है। इसमें विशेष रूप से त्यौहार के सीजन में उपयोग में आने वाले खाद्य पदार्थों तेल, मैदा, घी, पनीर, दूध, मावा, नमकीन, मिठाइयों आदि की जांच की जा रही है ।
पूरे जिले में चल रही है जांच..
पूरें जिलें में मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत विगत एक सप्ताह से खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के दलों द्वारा छिंदवाड़ा, परासिया, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौरई, पांढुर्णा, सौंसर सहित सभी जगह के बाज़ारों में चलित खाद्य प्रयोगशाला के माध्यम से तत्काल जांच एवं निरीक्षण कार्यवाही की गई है । जिसके अंतर्गत तेल, वनस्पति, दूध, मिठाई, सूजी, मैदा, बेकरी पदार्थ नमकीन आदि के 200 से अधिक नमूने जांच के लिये संग्रहीत किए गए है । साथ ही खाद्य पदार्थों के व्यापार में संलग्न व्यापारियों द्वारा, मिलावट मुक्त एवं फ्रेश खाद्य पदार्थों का जनमानस को विक्रय हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है । इस दौरान श्री पंकज कुमार घाघरे एवं श्री पुरुषोत्तम भांडूरिया के दल द्वारा अपना स्वीट्स, नेमाजी स्वीट्स सिंगोडी, लक्ष्मी स्वीट्स, बीकानेर स्वीट्स अमरवाड़ा, बीकानेर स्वीट्स हर्रई, मराठा स्वीट्स, शारदा स्वीट्स चाँद, राजस्थान स्वीट्स चौरई, राय बेकरी, बीकानेर स्वीट्स, राजेश स्वीट्स दमुआ, महाकाल स्वीट्स जुन्नारदेव, गरीबा होटल दमुआ, गोलड़ी रेस्टोरेन्ट आदि की जांच की गई एवं कमियों के विरूध्द धारा 32 के तहत नोटिस दिया गया ।
आखिर शहर में मिलावट खोरों पर नकल कसने की जिम्मेदारी किसकी ..?
ऐसे लापरवाह मिष्ठान वालों पर एंव लापरवाह खाध एंव औषधि विभाग के अधिकारियों पर भी होना चाहिए कार्यवाही..!
जबकि श्री गोपेश मिश्रा द्वारा छिंदवाड़ा शहर के अंतर्गत अमित स्वीट्स, रंगजी स्वीट्स, इंदौर स्वीट्स, पारस स्वीट्स, वैशाली राजपुरोहित स्वीट्स, पाल स्वीट्स, न्यू पवार स्वीट्स, कृष्णा स्वीट्स, बनारसी स्वीट्स आदि की जांच कर बूंदी लड्डू, पेड़ा, बेसन, मैदा, बेकरी पदार्थ, मिल्क केक, पदार्थों की जांच कर नमूने संग्रहीत किए गये।उन्होंने बताया कि न्यू बनारसी स्वीट्स के कारखाने में छापामार कार्यवाही भी की गई। इस दौरान गंदगीयुक्त परिस्थितियों में रसमलाई एवं मिठाइयों का निर्माण पाया गया जिसमें रसमलाई के 4-5 कंटेनरों जिनमें करीब 150 किलो चाशनीयुक्त रसमलाई भरी पड़ी थी, इसमें मरी हुई मक्खियां और चीटियां भी पाई गई। इस रसमलाई को विक्रय के लिये दुकान जाने के लिए तैयार थी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पहुँचने पर मौजूद मालिक एवं कर्मचारियों द्वारा अफरा-तफरी में कंटेनर में रखी रसमलाई से मक्खियां एवं चीटीयाँ निकाली जाने लगी किन्तु श्री मिश्रा के निर्देश के बाद मालिक के द्वारा पूरी की पूरी 150 किलो रसमलाई को नाली में फेंका गया । इस संबंध में मालिक न्यू बनारसी स्वीट्स को नोटिस जारी किया गया एवं आने वाले दिनों में मालिक पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 केn अंतर्गत कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी ।