जिलें में अमानक तौलकांटो की धडल्ले से हो रही ब्रिकी
एक अधिकारी के भरोसे पूरा जिला..
प्राईवेट कांटे वालें चल रहे नापतौल विभाग…
By admin
10 August 2024
पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा (म.प्र)-जिलें में इन दिनों नापतौल विभाग के अधिकारी की कार्यप्रणाली सुर्खियों में है।नापतौल विभाग के अधिकारी प्राईवेट तौलकांटो वाले से विभाग का संचालन कर रहे है ऐसा लगा रहा है । कि छिदंवाडा का नाापतौल विभाग इन दिनों प्राइवेट कंपनी चल रही है विगत बर्षा से जिले में कहीं भी नापतोल विभाग के द्वारा शिविर नहीं लगाया गया है नापतोल विभाग के अधिकारी अपने ऑफिस में बैठकर विभाग का संचालन कर रहे है ।प्राईवेट नापतौल कांटे वालें आपनी दुकान में ही कांटों का सत्यापन कर रहे है । जिसके कारण आज शहर के प्रमुख बाजारों में अमानक तौलकांटो की धडल्ले से बिक्री का खेल चल रहा है। ऐसे अमानत तोल कांटे किसी भी कंपनी के नहीं होते और ना ही इनका मूल्यांकन किया जाता फिर भी बाजारों में इनकी बिक्री खुलेआम की जा रही है और ऐसे ताल कांटों से दुकानदार आसानी से घाटोल कर लेते हैं ऐसा नहीं है कि नापतौल विभाग में बैठे जिम्मेदार अधिकारी को इस मामले में जानकारी नहीं है लेकिन उनके बाबजूद वे ऐसे अमानत तौल कांटे की बिक्री पर रोक लगाने की अपेक्षा अधिकारी महज खाना पूर्ति करते हुए नजर आ रहे हैं या यह भी कहा जा सकता है कागजों में ही कार्यवाही को अंजाम दे रहे हैं।
केलिब्रेशन में गड़बड़ी करके जिलें में कम तौलने का खेल जोरों पर…..
तौलकांटो में नापतौल विभाग के मूल्यांकन के बाद भी तौलकांटो का केलिब्रेशन बदलकर उसके वजन को अपने मन मुताबिक किया जा सकता है । शहर के प्रमुख बाजारों में यही काम इन दिनों में रोक तो किया जा रहा है ऐसे में विभाग के मूल्यांकन पर भी अब सवाल या निशान खड़े हो रहे हैं जानकारों की मानव तो मूल्यांकन करना भी विभाग का प्रमुख कार्य माना जाता है जबकि अन्य राज्यों में प्रावधान है।कि मुद्रांकन के बाद केलिब्रेशन को बदला नहीं जा सकता है।ऐसे में कम तौलने की संभावना भी कम हो जाती है।
जिलें में बगैर लाइसेंसधारी बेच रहे नापतौल उपकरण…
विगत बर्षों से जिलें में बिना लाइसेंसधारी भी नापतौल कांटों की बिक्री कर रहे है । जबकि शहर में चुनीदा व्यापारियों के पास लाइसेंस है। लेकिन इन दिनों बगैर लाइसेंसधारी द्वारा खुलेआम नापतौल उपकरणों की ब्रिकी की जा रही है।ऐसे नापतौल उपकरण बेचने वालें दुकानदारों के पास न किसी प्रकार का लाईसेंस होता है।लेकिन यह काम भी उनके द्वारा बेफिक्र होकर किया जा रहा है कुछ लोग तो अपने घरों से भी यह काम को अंजाम दे रहे हैं। जिसके कारण आज जिले के उपभोक्ता लूट रहे हैं।