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जनजातीय कार्यविभाग छिदंवाडा के सहायक आयुक्त नहीं देते सीएम हेल्प लाइन पर ध्यान ..?

जनजातीय कार्यविभाग छिदंवाडा के सहायक आयुक्त नहीं देते सीएम हेल्प लाइन पर ध्यान ..?

प्रदेश सरकार के अति महत्वाकांक्षी योजना सीएम हेल्पलाइन को पलीता रखा रहा जनजातीय कार्यविभाग छिदंवाडा…

जनजातीय कार्यविभाग के एक मंडल संयोजक क्षेत्र संयोजक के नियत्रंण में है 181 जाँच शाखा ….!
जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त कहते है आमजन कितने भी शिकायत करें हमें कोई फर्क नहीं पड़ता….?

आखिर जिला कलेक्टर महोदय ऐसे लापरवाही करने वालें विभाग के कर्मचारी/अधिकारी पर कब करेंगे कार्यवाही….!

समस्या से परेशान लोग सबसे ज्यादा 181 नंबर को उपयोग कर अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। तो वहीं हेल्पलाइन में पहुंचने वाली शिकायतों को प्रदेश सरकार गंभीरता से ले रही है…

विभागीय अधिकारियों के लिए हेल्प लाइन बनी समस्या, तो वहीं आमजन 181 का कर रहे उपयोग

By admin

10 August 2024

छिदंवाडा (पंचायत दिशा समाचार )प्रदेश सरकार के अति महत्वाकांक्षी योजना सीएम हेल्पलाइन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज आमजन को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है ।ऐसा ही एक विभाग जनजातीय कार्यविभाग है जंहा पदस्थ अधिकारी/ कर्मचारी आमजन की समस्या होने पर उनसे कभी बात तक नहीं करते है ।जबकि ये विभाग आदिवासी हरिजन समाज से जुड़ा विभाग है लेकिन उनकी समस्याओं पर कोई सुनवाई नहीं होती है। इसलिए मजबूरी में इनकी आवाज दुसरे लोगों को उठाना पडता है ।जनजातीय कार्यविभाग में चल रही 181 हेल्ललाइन की शिकायतें पर अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे है शिकायत लेवल-4 तक चली जा रही है तो विभाग के अधिकारी फोर क्लोज के लिए लिख देते हैं।जबकि समस्या पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है । समस्या से परेशान लोग सबसे ज्यादा 181 नंबर को उपयोग कर अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। तो वहीं हेल्पलाइन में पहुंचने वाली शिकायतों को प्रदेश सरकार गंभीरता से ले रही है। यही वजह है कि अधिकारियों को शिकायतों का निराकरण करने के लिए लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके शिकायतों को अंबार लगा हुआ है। निराकरण न हो पाने के पीछे अधिकारियों की रुचि न होना तथा शिकायतकर्ता का संतुष्ट न हो पाना मुख्य कारण है। हालाकि कलेक्टर महोदय ने अधकिारियों को साफ कह दिया है कि शिकायतों का हर हाल में निराकरण होना चाहिए और इसके परिणाम अच्छे आने चाहिए। लेकिन जनजातीय कार्यविभाग के अधिकारियों को कलेक्टर के निर्देश का कोई फर्क नहीं पड़ता है । जबकि जिलें के कलेक्टर ने सभी विभागों को निर्देश दियें है कि कम से कम 50 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण अधिकारी अपने विभाग का करें। लेकिन जनजातीय कार्यविभाग के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है इसलिए शिकायतें हेल्पलाइन में पहुंच रही हैं। जनजातीय कार्यविभाग के अधिकारियों के कार्यो में कमी के चलते सीएम हेल्पलाइन में बढ़ रही हैं शिकायतें विभागों के अधिकारियों की सेवाओं में कमी होने पर ही आमजन सीएम हेल्पलाइन में आवेदन दर्ज करने के लिए विवश होते हैं। आवेदक से विभाग के अधिकारी संवाद करके कई प्रकरणों का निराकरण किया जा सकता है। यदि अधिकारी-कर्मचारी काम सही तरीके से अगर करें तो आम जन ऊपर के अधिकारियों को शिकायत नहीं करेंगे। शिकायत का समय पर निराकरण नहीं होने के कारण उसकी संख्या भी बढ़ रही है।