वनविभाग के लापरवाही से हो रही सागौन की तस्करी,मूकदर्शक बन बैठे अधिकारी..?
छोटी मोटी कार्रवाई से संतुष्ट हो जाते हैं वन विभाग के अधिकारी फिर चालू हो जाता है खुलेआम सागौन की तस्करी…
By ramkumar Rajput
August 3, 2024
पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा (म.प्र)-बीते दिनों वन विभाग की टीम ने सागौन के 18 लट्ठे पकडे , ये सभी एक चौपहिया वाहन के सब्जी रखने के कैरेट के नीचे छुपा के राखी गए थे , पश्चिम वन मंडल सांवरी वन परीक्षेत्र की टीम लकड़ी से भरे वाहन को जब्त करने पहुंची तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा, मामला बिगड़ते देख वन विभाग की उड़नदस्ता टीम भी पहुंची और बड़ी मशक्कत के बाद सागौन के लट्ठों से भरे वाहन को सांवरी वन परिक्षेत्र के आफिस पहुँचाया गया ….
वन परिक्षेत्र अधिकारी सुश्री कीर्तीबाला गुप्ता बताया की मुकबीर की सूचना को पुष्ट करने के लिए छद्म रूप से फायनेंशर बनकर पहुंचे और जानकारी पुख्ता होने पर छापा मारा । जिस वाहन से सागौन के लट्ठे बरामद किए गए वह नागपुर का है उसे किराए पर लिया गया था उसके माध्यम से इमारती लकड़ी का अबैध परिवहन किया जा रहा था ! यहाँ एक पूरा गिरोह सक्रीय है जो सडक किनारे लगे इमारती लकड़ी सागौन के वृक्षों को मशीनों के माध्यम से कटा जाता है और उसे जिले के बाहर भेजा जाता है , हम इस मामले की जांच कर रहे है ! जब्त सागौन के 18 लट्ठे कहाँ से काटे गए उसका पता लगाया जा रहा है !
यह मामला जैसा बताया जा रहा है यह बड़ा गंभीर और चिंताजनक है कि खुले आम लकड़ी माफिया सक्रिय है और पूरा वन अमला इस कार्यवाही को अंजाम देने पर अपनी पीठ थपथपा रहा है बड़ी बेशर्मी के साथ जब्त वाहन में लदे लट्ठों के साथ फोटों खिंचवा रहे है !
यह पूरा मामला 24 जुलाई का है और आज पूरे एक सप्ताह में संवारी वन परिक्षेत्र अधिकारी यह पता नही कर पाया है की उक्त लकड़ी कहाँ से कटी गई और इसके पीछे किस गिरोह का हाथ है ? यहाँ वन माफिया कितने दिनों से सक्रिय है, इसमें कौन-कौन लोग शामिल है ? स्थानीय किन लोगों का संरक्षण है ? हमारे जिले की वन सम्पदा की बंदरबांट जिले के बहार हो रही है या यह अंतर-राज्यीय मामला है ? इसमें वन अमले के लोग शामिल तो नहीं है ?
जिले के वनाधिकारियों की निष्क्रिय कार्यप्रणाली के चलते जिले में वन माफिया पनप रहा है जिनके कन्धों पर वन सम्पदा बचाने और पहरेदारी की जिम्मेदारी है वह अपने कार्यों के प्रति कर्तव्यनिष्ठ नही है ! न तो अपनी ड्यूटी निभा रहे है और न ही मिडिया से सही जानकारी साझा ही कर रहे है , मामला जब सामने आ गया तो अपनी खाल छिपाने के लिए उक्त कार्यवाही को सही ठहराकर निर्लज्जता के साथ फोटो सेशन में खींसे निपोरते नजर आ रहे है ! ताकि इस कार्यवाही को वन अमले की सजगता निरुपित की जा सके ! संवारी वन परिक्षेत्र के आलाधिकारियों का यह निर्लज्ज प्रदर्शन कहीं से भी सही नही ठहराया जा सकता है !
जानकारों के मुताबिक उक्त जब्त की गई सागौन दक्षिण वन मंडल से काटी गई बताई जा रही है और मामला संवारी वन परिक्षेत्र के जमीनी कर्मचारियों ने इसे अंजाम दिया है ! अब दोनों ही वन मंडलों के बीच रसाकसी मच गई है कि इसका ठीकरा दक्षिण वन मंडल या पश्चिम वनमंडल के ऊपर फोड़ा जाए ….जारी