आदिवासी अंचल में सट्टा जोरों पर… लूट रहे आदिवासी युवक.?
By admin
29july2024
पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा- जिलें के आदिवासी अंचल तामिया में सट्टे का कारोबार बेधड़क होकर किया जा रहा है। यहां खुले आम सटटा चल रहा है। खुलेआम का अर्थ पूरी तरह से खुलेआम। सरकार द्वारा अनेको बार घोषणाएं की गई की प्रदेश मे हर आदमी को काम दिया जाएगा तथा कोई भी बेरोजगार नहीं रहेगा।
परंतु सरकार की इस घोषणा का युवा बेरोजगारों को लाभ मिला हो या ना मिला हो परन्तु सटटा किंग द्वारा जरूर हर हाथों को काम सौंपा गया है। जिसके तहत आज संपूर्ण आदिवासी अंचल ताामिया में दिन में एक बार नहीं बल्कि तीन बार सट्टा खिलाने की सुविधा सट्टा किंग द्वारा उपलब्ध कराई गई है। जिसके तहत ग्रामीण जन एवं युवा सुबह दस बजे से रात्रि 12 बजे तक सट्टे के जूनून में डूबे रहते हैं।
ऐसे लूट रहे हैं युवा बेरोजगार-
सट्टा किंग द्वारा नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में तीन प्रकार के सटटा का धंधा संचालित किया जा रहा है। जिसके तहत लालच में आए लोगों से हजारों रुपए की लूट की जा रही है। जैसे कल्याण ,राजधानी एवं बाम्बे बाजार से सुबह 9 बजे से रात्रि 12 बजे तक सटटे की खाई की जाती हैं। यहां तीनों सटटे के अंक ओपन-क्लोज के नाम छः खेले जाते हैं। जिनमे युवा बेरोजगार, बच्चे महिलाएं 1 के 9 के चक्कर में अपना पैसा एवं समय दोनों बर्बाद कर रहे हैं।
ऐसे खिलाया जा रहा है सटटा-
तामिया क्षेत्र देलाखारी ,बिजोरी, सहित नगर में प्रतिदिन एक अनुमान के मुताबिक लगभग एक लाख से अधिक की खाई सटटा किंग द्वारा की जाती है। यह पर सटटा किंगा द्वारा अपने एजेन्ट चाय, पानठेला एवं किराना दुकानों में बैठाए गए हैं। जो सेठ बनकर सबकी आंखों में धूल झोंककर सटटे की खाई कर रहे हैं। इस सब की जानकारी स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को है। पर कार्रवाई ना करना पुलिस की निष्क्रयता को दर्शता रहा है।
सट्टे के मुख्य केन्द्र बने हैं यह स्थान
पाााााा बिजौरी, देलाखारी, धुसावानी, छिन्दी, लोटिया आदि अनेकों क्षेत्रों में सटटा किंग द्वारा अपने एजेन्टों को नियुक्त किया गया है। जो अपने घरों एवं दुकानों पर सटटे की खुले आम खाई कर रहे है। परन्तु इन पर पुलिस कोई ध्यान नहीं दे रही है।
तामिया क्षेत्र में अनेक व्यक्ति ऐसे हैं जो राजनीतिक संबंधों का लाभ लेते हुए खुले आम पुलिस को चुनौती देते हुए अपने आप को सत्ताधारी नेताओं का संबंध बताते हुए खुले आम सटटा संचालित कर रहे है। कोई अपने आप को सत्तारूढ़ नेताओं का खास बताकर सटटा का संचालन कर रहा है। कोई कहता है हमारे पुलिस से मधुर संबंध है। आखिर आदिवासी अंचल में कब तक ये सट्टा किंग इन भूले आदिवासी युवाओं को लूटते रहेगें!