पंचायत दिशा समाचार
छिंदवाड़ा (पंचायत दिशा समाचार )-सरकार द्वारा आदिवासी छात्र-छात्रओ को बेहतर शिक्षा दिलवाने के लिए अनेको योजनाऐं बना कर अदिवासी क्षैत्रो में जगह-जगह पर छात्रावास स्थापित करवा कर छात्रावासो/ आश्रम में रहने खाने व पढाई करने की अच्छी से अच्छी से सुविधाऐं मुहैया करवाई जा रही है सरकार इस मामले में काफी गंभीर है। सरकार कारोडो रूपए का मद हर वर्ष इन छात्रावासो/ आश्रम के लिए आवटिंत कर रही है। लेकिन कुछ भष्ट नौकरशाहो द्वारा अमानात में खयानत कर इन अदिवासी बच्चो के साथ न्याय नही किया जा रहा है वही सरकार की मंशा को भी पुरा नही होने दिया जा रहा है।
ज्ञात हो की छिदंवाडा जिले में 184 अदिवासी छात्रवास सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे है। इन छात्रावासो के संचालन के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकारो द्वारा करोडो रूपए का मद आवंटन किया जा रहा है। ताकि अदिवासी बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर उच्च स्थानों पर पहुंचकर देश के विकास में अपनी भुमिका निभा सके। किन्तु विडम्बना यह है कि अदिवासी छात्रावासो/ आश्रम का संचालन करने कि जिम्मेदारी लिए हुए छात्रावास/ आश्रम अधिक्षक आदिवासी बच्चो के लिए आए मद में हेराफैरी कर अदिवासी छात्र-छात्राओ को सुविधाओ से वंचित कर अमानवीय कृत्य कर रहे है। गौरतलब तथ्य यह है की बालक आदिवासी अंग्रेजी माध्यम आश्रम बिछुआ में अधीक्षक खुलकर सरकार को चुना लगा रहे है वही दुसरी और इनकी शिकायतो के बाद भी वरिष्ठ अधिकारी इनके खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए इन भष्ट अधिक्षको को बचाने के प्रयास कर रहे है?

ऐसे अनेको मामले पहले भी इस अधीक्षक के खिलाफ एक महिला ने भी प्रंताडना का आरोप लगया था जिसके बाद उन्हें निंलबित कर दिया था लेकिन अधीक्षक के द्वारा सत्ता पक्ष के नेताओं का सहारा लेकर पुनः अधीक्षक को बहाल कर दिया गया,उसके बाद पुनः अधीक्षक बच्चों की योजना में हेराफेरी करने लगा जिसकी शिकायत बिछुआ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और चौरई विधायक सुजीत चौधरी ने किया है उन्होंने बताया कि अधीक्षक द्वारा शासन से 10 प्रोत्साहन / अनुदान राशि बच्चो को दी जाती है जो अधीक्षक द्वारा नहीं दी जा रही है।यह कि उक्त अधीक्षक आश्रम में वर्ष 2019 से वर्तमान तक लगातार पदस्थ है जिसके द्वारा संस्था भारी वित्तीय अनियमितता की गई जिसकी वर्ष 2019 से 2025 वर्तमान तक की आय एवं व्यय की जांच करायी जाये। यह कि अधीक्षक द्वारा बच्चो को समय पर नाश्ता उपलब्ध नहीं कराया जाता है तथा बच्चो को पेट भर भोजन भी अधीक्षक द्वारा नहीं दिया जाता है कम खाना खाने के लिये डराया एवं धमकाया जाता है
इसका ताजा उदारहण बालक आदिवासी अंग्रेजी आश्रम बिछुआ में देखने को मिल जायेगा जंहा न बच्चों को अच्छी शिक्षा नही दी जा रही है न ही इन बच्चों को बुनियादी सुविधा मिल रही है । इन बच्चों का पढाई का स्थर बेहद कमजोर है।
आदिवासी छात्र को बेहतर से बेहतर सुविधा देने के सरकार लाख प्रयास कर ले लेकिन सरकार अपनी योजना में तब तक सफल नही हो पाऐगी जब तक छात्रावासो के अधीक्षको पर कडी निगरानी नही रखी जावेगी। एवं शिकायत मिलने पर तुरन्त कार्यवाही नही की जावेगी।

स्मरण हो की सरकार तो पवित्र मन से अदिवासी छात्रावासो में बच्चो को अच्छी से अच्छी सुविधाऐं देना चाहती है व इसके लिए वह करोडो रूपए का मद भी आंवटित भी कर रही है। परन्तु छात्रावासो के अधिक्षको पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी किसी भी प्रकार का अंकुश नही रख पाते है कारण वश छात्रावासो के अधीक्षक बैखोफ होकर मनमनी पर उतारू रहते है। अनेको छात्रवासो के अधीक्षक बच्चो को मिलने वाली सुविधाओं में कटोती कर रहा है
रिपोर्ट -ठा. रामकुमार राजपूत
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