Home CITY NEWS छात्रावास में निवास ना करने वाले अधीक्षकों को हटाया जायेगा..?

छात्रावास में निवास ना करने वाले अधीक्षकों को हटाया जायेगा..?

छात्रावास में निवास ना करने वाले अधीक्षकों को हटाया जायेगा..?
आयुक्त जनजाति कार्य विभाग भोपाल ने निकला आदेश,
छात्रावास में नही रहने वाले अधीक्षक पर होगी कार्यवाही…?

छात्रावास अधीक्षकों की मनमानी अक्सर रहते हैं गायब ।

शिकायतों के बाद भी नही हुआ सुधार अधीक्षक कर रहे हैं मनमानी..?

हमेशा सुर्ख़ियों में रहने के बाद भी छिंदवाड़ा जिले के अधिकारियों को कार्यवाही करने की फुर्सत नही है..?

पंचायत दिशा न्यूज
रिपोर्ट -ठा. रामकुमार राजपूत

छिदंवाडा/ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिलें में जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास की हालत किसी से छुपी नहीं, खासतौर पर देखा जायें तो जनजाति विभाग के छात्रावास ऐसे क्षेत्र में होते है जंहा पर आदिवासी बहुल क्षेत्र होते है, जो काफी अन्दर होते है जंहा आम आदमी की पंहुच से दूर होते है, जिसके कारण अधिकारी भी नहीं पंहुच पाते है तो आम आदमी की बात तो छोड दीजिये,तो यंहा पर जो छात्रावास संचालित हो रहे है उनकी स्थिति बहुत दयनीय होती है, और बच्चों को मूलभूत सुविधा भी नही मिलती है,जिलें में संचालित छात्रावास/ आश्रम शाला मे पदस्थ अधीक्षक कभी भी रात्रि में छात्रावास में नही रहते है मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित अनुसूचित जाति बालक और बालिका वर्ग के छात्रावास/आश्रम को देखकर लगता है कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कल्याण को लेकर शासन के द्वारा करोड़ों खर्च करने के बावजूद भी शासन की मंशा पर पानी फेरने में यहाँ के अधीक्षक कोई कसर नही छोड़ रहे हैं, छात्रावास में पदस्थ अधीक्षक छात्रावास में निवास नही करते हैं सभी जिला मुख्यालय में रहकर वहीँ से अप डाउन करते हैं जिससे छात्रावासों में अव्यवस्था का आलम है जिलें के छात्रावास को चपरासी अधीक्षक बनकर रात्रि में संचालन कर रहे हैं अधीक्षक अपनी सुविधानुसार अपने द्वारा तय समय पर आना जाना करते हैं उन्हें समय को लेकर भी चिंता नही है।जब चाहें आते जाते है अधीक्षकों के छात्रावास नही आने की कई शिकायत होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती
अधीक्षक के कार्यालयों में ताले लगे हुए रहते है यहाँ कार्यरत अधीक्षक छात्रावास में रात्रि में नही रहते है जिलें के छात्रावास / आश्रम में बेख़ौफ़ होकर इतनी लापरवाही निश्चित ही चिंता का विषय है बार बार लापरवाही उजागर होने के बाद भी ठोस कार्यवाही नही होने की वजह से अधीक्षकों को किसी भी तरह से अधिकारियों का डर नही है सभी अपनी मनमानी कर रहे हैं अभी कुछ दिनों पूर्व कान्या शिक्षा परिसर बिछुआ में बालिका द्वारा खाना बनवाने की शिकायत मिली थी, इसके पश्चात भी सहायक आयुक्त जनजाति विभाग की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नही की गई इसी वजह से अधीक्षक मनमानी कर रहे हैं शासन की मंशानुसार बच्चों को प्रतिदिन पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन नही दिया जाता है जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर दिखाई देता है इन छात्रावासों में राशन में भी लंबा गोलमाल अधीक्षकों द्वारा लगातार किया जा रहा है अधीक्षकों के लगातार नदारद रहने की स्थिति में छात्रावास में रहने वाली बालिकाओं और बालकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं

जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास में रात्रि में नही रहने वाले अधीक्षक पर होगी कार्यवाही…?

मध्यप्रदेश के जनजाति कर विभाग के आयुक्त ने एक आदेश निकला है कि मध्यप्रदेश के छात्रावास में जो अधीक्षक रात्रि में नही रहते है उनके हटाया जायेगा क्योंकि विभाग को अधीक्षक की लापरवाही की बार बार शिकायत मिल रही थी जिसके कारण एक आदेश निकला गया है

सहायक आयुक्त/जिला संयोजक (समस्त) जनजातीय कार्य एवं अनु. जाति कल्याण विभाग को आदेश दिया गया है
कि अब अधीक्षक/अधीक्षिकाओं द्वारा छात्रावास एवं आश्रमों में रात्रि विश्राम करने के संबंध में निर्देश दिया गया है, जिसका आदेश
कार्यालयीन पत्र क्रमांक/छात्रावास/1009/2025/3563 दिनांक 13.02.2025

उपरोक्त संदर्भित पत्र के द्वारा प्रत्येक छात्रावाम एवं आश्रम शाला में अधीक्षक के द्वारा अनिवार्य रूप में रात्रि विश्राम किये जाने के निर्देश प्रमारित किये गये है। आप समस्त छात्रावासों एवं आश्रम शालाओं का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करे कि सभी छात्रावास अधीक्षक अपनी संस्थाओं में ही रात्रि विश्राम कर रहे है । जिन अधीक्षको के द्वारा रात्रि विश्राम नहीं किया जा रहा है। उन्हें अधीक्षक को पद में मुक्त कर जानकारी ईमेल आईडी- hostel.ctd@mp.gov.in पर उपलब्ध कराये और
दिनांक 10.03.2025 तक समस्त जिला अधिकारी यह प्रमाण पत्र प्रेषित करे कि “जिले में संचालित समस्त छात्रावास एवं आश्रम शालाओं के अधीक्षक एवं अधीक्षिका अपनी संस्थाओं में ही रात्रि विश्राम करते है”।या नही इसके पश्चात यदि किसी छात्रायाम एवं आश्रम शाला के अधीक्षक एवं अधीक्षिका अपनी संस्था में रात्रि विश्राम करते नहीं पाए गए तो संबंधित अधीक्षक के साथ-साथ जिला अधिकारियों के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकेगी।

क्या सहायक आयुक्त ऐसे लापरवाह अधीक्षक जो रात्रि में नही रहते उन पर करेंगे कार्यवाही..?


छिंदवाड़ा जिलें में संचालित छात्रावास आश्रम शालाओं में लगभग सभी जगह पर कोई भी अधीक्षक रात्रि विश्राम नहीं करते जिसकी खबरें विभिन्न समाचार पत्रों के द्वारा प्रकाशित किया गया है लेकिन जिलें के ऐसे लापरवाह अधीक्षक/अधीक्षिकाओं पर आयुक्त जनजातीय विभाग के निर्देश के बाद क्या जिलें के सहायक आयुक्त ऐसे लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई करेंगे या फिर…?

जिलें के इन छात्रावास /आश्रम शालाओं में कभी रात्रि में नहीं रहते अधीक्षक…?


पांढुर्ना जिलें के सीनियर बालक छात्रावास रायवासा, सीनियर कान्या छात्रावास पाठई, बिछुआ ब्लॉक के आदिवासी बालक एंव कान्या आश्रम देवनदी,खमारपानी के सीनियर बालक छात्रावास, चौरई के सीनियर आदिवासी बालक छात्रावास चौरई, बिछुआ के सीनियर बालक छात्रावास खमरा, ऐसे जिलें के कई छात्रावास आश्रम शाला है जहां रात्रि में कभी कोई अधीक्षक नहीं रहता… अब देखना है कि जिले के सहायक आयुक्त ऐसे लापरवाह अधीक्षक /अधीक्षिकाओं पर क्या कार्यवाही करते हैं