आदिवासी अंग्रेजी माध्यम कान्या आश्रम छिंदवाड़ा में बच्चों को नहीं मिली 10 महीने शिष्यवृत्ति की राशि,….
आश्रम के बाहर खड़े आदिवासी बच्चियों…
अपने घरों से मंगाकर कर रहे बच्चे रोजमर्रा की चीजों का उपयोग….
शासन द्वारा आदिवासियों के कल्याण के लिए तमाम योजनाओं का संचालन किया है। लेकिन इसका प्रोपर फायदा उन तक नहीं पहुंच पाता। ऐसी ही योजना में शामिल है, आदिवासी कन्या आश्रम । जहां बच्चों के लिए पढ़ाई से लेकर हर खाने-पीने रहने की पूरी व्यवस्था शासन करता है
100 बच्चों को नहीं मिली शिष्यवृत्ति की राशि, 10 माह से छात्रों को नहीं मिली शिष्यावृती…
अपने घरों से मंगाकर कर रहे बच्चे रोजमर्रा की चीजों का उपयोग… अधीक्षिका कहती है नहीं मिल रही है शिष्यावृती….
जनजाति विभाग के बाबू की लापरवाही से 10 माह से छात्रों क़ो नहीं मिली शिष्यावृती…
छिंदवाड़ा /शासन द्वारा आदिवासियों के कल्याण के लिए तमाम योजनाओं का संचालन किया है। लेकिन इसका प्रोपर फायदा उन तक नहीं पहुंच पाता। ऐसी ही योजना में शामिल है, आदिवासी कन्या आश्रम। जहां छोटी छोटी बच्चियों के लिए पढ़ाई से लेकर हर सुविधा मुहैया है। लेकिन यह सुविधा कागजों तक ही सीमित रह जाते है। आदिवासी बाहुल्य छिंदवाड़ा मुख्यालय में आदिवासी कन्या आश्रम बनाए गए है। लेकिन यहां पढ़ने वाले 100 बच्चियों को सत्र 2022-23 की शिष्यवृत्ति नहीं मिल सकी है। दूसरी तरफ अधीक्षिका का कहना है कि कब तक में अपने जेब से बच्चों को खाना खिलाओ 10 माह की शिष्यावृती नहीं मिली है जिसकी सूचना मैंने कई बार जिला मुख्यालय में दे चुकी हूं लेकिन मुझे अभी तक शिष्यावृती नहीं मिल पाई है। लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस दिशा में कोई कवायद तक नहीं करते। शिष्यावृती का काम देख रहा है बाबू की लापरवाही इतनी है कि कई बार शिकायत होने के बाद भी आज तक उन्होंने शिष्यावृती नहीं निकली है…
उल्लेखनीय है कि छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय में संचालित आदिवासी कन्या आश्रम में 100 बच्ची यहां रहकर पढ़ाई करती हैं जिनमें शासकीय आदिवासी कन्या अंग्रेजी माध्यम का आश्रम छिंदवाड़ा मैं संचालित हो रहा है। 1से 5 एवं 6 से 8 तक पढ़ने वाली बच्चियों यहां पर रहती हैं यहां रहती हैं प्रत्येक आश्रम शाला में 1 से 8 तक 100 बच्चियों रहती है। जिन्हें.1560 रुपए हर महीने शिष्य वृत्ति मुहैया कराई जाती है। प्रतिमाह इन बच्चों के खातों में 1560 रुपए भेजे जाते है। लेकिन वर्ष 2222.23 से शिष्यावृती नहीं डाली गई और 10 महीने बीत जाने के बाद भी पैसा बच्चियों के खाते में राशि नहीं डाली गई है। जिसके कारण बच्चों को भोजन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। महज यही नहीं आश्रम के अधीक्षिका को भी पिछले कुछ माह से वेतन नहीं मिला है। जिससे उनकी माली हालत भी खराब हो रही है। वेतन न मिलने से अधीक्षकों के लिए भी आर्थिक संकट बना हुआ है। अधीक्षिका कई बार जनजाति कार्य विभाग के जिला मुख्यालय ऑफिस के चक्कर काट चुकी हैं। लेकिन इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है।
बाबू की लापरवाही से 10 महीने से नहीं मिल रही शिष्यावृती….
छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय में स्थित आदिवासी अंग्रेजी माध्यम कन्या शिक्षा परिसर में संचालित आदिवासी अंग्रेजी माध्यम कन्या आश्रम संचालित किया जाता हैं, लेकिन इन आश्रम में आने वाली शिष्यवृत्ति 10 महीने से नहीं भेजी जा रही है । इन बच्चियों को पूर्व में भी शिष्य वृत्ति नहीं मिली हैं जिससे यहां इतनी ज्यादा समस्या है। लेकिन आदिवासी बच्चियों को अभी भी इससे वंचित हैं। शिष्यावृती शाखा देखने वाले बाबू बिना लेन देन के छात्रावास आश्रम में शिष्यावृती नहीं डालते जिसके कारण आज कई छात्रावास/ आश्रम में कई-कई महीने से शिष्यावृती नहीं डाली गई है
आदिवासी अंग्रेजी माध्यम कन्या आश्रम की नहीं हो पाती मॉनिटरिंग….
जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास एवं आश्रम शालाओं की जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों द्वारा कभी मॉनिटरिंग नहीं की जाती है जिसके कारण इन छात्रावासों एवं आश्रम शालाओं मैं पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है,जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा प्रोपर मॉनिटरिंग कभी नहीं की जाती। जिससे यहां रहने वाली बच्चियों परेशान रही है ।