Home CITY NEWS अपात्र अधीक्षक कर रहा है खेल परिसर तामिया संचालन…

अपात्र अधीक्षक कर रहा है खेल परिसर तामिया संचालन…

अपात्र अधीक्षक कर रहा है खेल परिसर संचालन

छिदंवाडा-तामिया में आदिवासी विभाग द्वारा संचालित खेल परिसर का संचालन एक अपात्र अधीक्षक के हाथों में हैं। दरअसल, खेल परिसर में अधीक्षक का प्रभार उच्च श्रेणी शिक्षक को दिए जाने की पात्रता है लेकिन वर्तमान में यहां पर अपात्र पीटीआई शिक्षक को प्रभार दिया गया है। वर्तमान सहायक आयुक्त सतेंद्र सिंह मरकाम ने एक अपात्र शिक्षक को आदिवासी खेल परिसर तामिया में शैलेश राय को अधीक्षक का प्रभार सौंपा है। खेल परिसर में अधीक्षक का पद उच्च श्रेणी शिक्षक को खेल परिसर अधीक्षक का प्रभार दिये जाने का पात्र है। लेकिन सहायक आयुक्त ने कायदे कानून को ताक पर रखकर पीटीआई शिक्षक शैलेश राय सहायक अध्यापक को अधीक्षक का प्रभार दिया है

खेल परिसर में अधीक्षक का मलाईदार पद है ये..

तामिया में 100 सीटर आवासीय खेल परिसर के प्रत्येक छात्रों का भरण पोषण की राशि प्रतिमाह तीन हजार रुपए मिलते हैं। 100 छात्रों की राशि 3 तीन लाख प्रतिमाह है। परिसर में प्रतिदिन 50 से 75 प्रतिशत ही छात्र उपस्थित रहते है। जिसमें अनुपस्थित छात्र की उपस्थित दर्ज की जाती है। वही भोजन एवं नाश्ता भी गुणवत्तापूर्ण नहीं दिया जाता। इस प्रकार छात्रों का शोषण कर हजार रुपए की बचत करते हैं।और यंहा पदस्य अधीक्षक हर साल लाखों का खेल करते है।

सहायक आयुक्त की मेहरबानी से हुई नियुक्ति..

सूत्रों की जानकारी है कि यंहा अधीक्षक बनने के लिए लाखों रुपए की दक्षिणा देना पड़ता है अब यंहा अधीक्षक का पद मिलता है । लेकिन लगता है सहायक नियम कानून को दरकिनार रखकर अधीक्षक की नियुक्ति कर देते है। जबकि खेल परिसर अधीक्षक का संचालन उच्चश्रेणी शिक्षक करता है। लेकिन यंहा विगत तीन चार सालों से अपात्र सहायक शिक्षक को परिसर अधीक्षक का प्रभार दिया गया है।

खेल परिसर तामिया में मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों का खेल..

आदिवासी बहुल तामिया में स्थित जिले का एकमात्र खेल परिसर में रंगरोगन और मरम्मत के कार्य के लिए हर साल लाखों का बजट दिया जा रहा है। लेकिन यंहा मरम्मत और रंगरोगन का कार्य सिर्फ कागजों में ही चलता है ..जमीनी हकीकत में यंहा कोई काम नहीं होता है। विभागीय अधिकारियों एंव ठेकेदारों की सांठगांठ से बर्षों से आदिवासी बच्चों के नाम पर हेराफेरी हो रही है
सूत्रों की जानकारी के अनुसार बर्ष 2022 में भी खेल परिसर मे मरम्मत एंव रंगरोगन का कार्य लगभग 20 लाख से अधिक का मरम्मत कार्य कराया गया था मरम्मत ठेका पद्धति से किया गया था। लेकिन इस पूरे कार्य में अधीक्षक की एवं सहायक आयुक्त आदिवासी, प्राचार्य की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है।वहीं 2024-25 में भी खेल परिसर के अधीक्षक के खातों में फिर 50 लाख की राशि मरम्मत के नाम पर डाली गई है। जबकि खेल परिसर का भवन बन यहा है।तो हर साल मरम्मत के नाम पर फिर राशि क्यों डाली जा रही है । और फिर कागजों में हेराफेरी शासन को लाखों का चूना लगा दिया जाता है।

तामिया में स्थित आदिवासी क्रीड़ा खेल परिसर में 100 सीटर खिलाडिय़ों के रहने की व्यवस्था है साथ ही उन्हें अन्य खेल विधाओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सरकार ने आदिवासी बच्चों के लिए खेल परिसर संचालित कर रही है। लेकिन आदिवासी बच्चों को पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने के कारण उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में पीछे रह जाते हैं ।

जिम्मेदार अधिकारी गंभीर से नहीं लेतें है

खेल परिसर तामिया में 100 सीटर आदिवासी खिलाडिय़ों के लिए संचालित हो रहा है ।लेकिन फिर भी यंहा आदिवासी बच्चों उत्कृष्ट प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। जिलें में बैठे अधिकारी कभी इस और कोई ध्यान नहीं देते है।यंहा पदस्य पीटीआई शिक्षक को अधीक्षक का प्रभार दे दिया गया है ।जो कभी भी बच्चों को मेन्यू के हिसाब से भोजन नहीं दिया जाता है । कई बार पहले भी बच्चों ने शिकायत किया है।लेकिन जिलें में बैठे सहायक आयुक्त ध्यान नहीं देते है।