Home CITY NEWS छात्रावासों में अधीक्षक/कर्मचारी रहते हैं नदारत…

छात्रावासों में अधीक्षक/कर्मचारी रहते हैं नदारत…

छात्रावासों में अधीक्षक/कर्मचारी रहते हैं नदारत…

छात्रावास -आश्रम शालाए चपरासियों के भरोसे छात्रावास/आश्रम के छात्र..

By admin
15 August 2024
पंचायत दिशा समाचार

छिदंवाडा – मध्यप्रदेश के छिदंवाडा जिले में संचालित छात्रावास/ आश्रम शालाओं में भरी लापरवाही चल रही है । स्कूलों में पढाने से बचाने के छात्रावास अधीक्षक तो बन गये लेकिन अधीक्षक के कर्तव्य को नहीं निभा रहे हैं । आश्रमों में रहने वाले छात्रावासी बच्चे बेबसी का जीवन जीने को मजबूर हैं। आलम यह है कि इनकी सुरक्षा के लिए अधीक्षक की नियुक्ति की जाती है, लेकिन अधीक्षक ही गायब हो जाएं, तो इन बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित होगा। यह अपने आप में ही सवालिया निशान है।
जनजातीय कार्यविभाग के द्वारा जिले के आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए सैकड़ों आश्रम छात्रावास बनाकर उनकी भविष्य सुधारने की बुनियाद रखी गई है। पर वहां नियुक्त होने वाले अधीक्षक और कर्मचारी इस कदर लापरवाह हैं कि वे हॉस्टल में उन बच्चों के साथ न रहकर अपनी मनमानी कर रहे हैं। जिन्हें नियंत्रित करने वाला कोई दिखाई नहीं पड़ता। पंचायत दिशा समाचार टीम ने ऐसे ही दुर्गम अंचल के दो छात्रावासों का पड़ताल की थी । नवेगांव , कटकूही देवनदी, भिमालगौदी, रायवासा, शासकीय बालक आश्रम में बच्चों को न तो ठीक से भोजन मिल रहा है और न ही उनकी आवासीय व्यवस्था ठीक ठाक है। मजे की बात तो यह है कि यहां पदस्थ अधीक्षक चपरासियों के हवाले कर के बच्चों को दो चार एक दिन पहुंचकर रजिस्टर में दस्तखत कर अपनी कर्तव्य पूरा कर लेते हैं। सूत्रों की जानकारी के अनुसार अधीक्षक की लापरवाही चरम पर है ।आश्रम शाला में रहने वाले बच्चों भोजन भी अच्छा नहीं मिल रहा है। दाल-सब्जी में से एक ही चीज मिलती है। अगर सब्जी मिले, तो दाल नहीं मिलता, दाल मिले, तो सब्जी नहीं मिलती। विद्यार्थियों को नहाने के लिए साबुन दिया जाता है और न ही लगाने के लिए तेल। अधीक्षक की जब मर्जी होती है तब आश्रम आते जाते है। जिससे बच्चों की देख-रेख ठीक ढंग से नहीं हो पाती। जिलें में जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित आश्रम/छात्रावास में कही भी अधीक्षक रात में नहीं रहते है ।इसकी जानकारी जिलें में बैठे सहायक आयुक्त को होने के बाद भी आज तक इन पर कार्यवाही नहीं होती है। ग्रामीण अंचलों के छात्रावास/आश्रम शालाओं में कभी भी अधीक्षक/अधीक्षिका रात में नहीं रहते है । ,दिन में आती है लेकिन रात में नहीं रहते है।ग्राम देवनदी बिछुआ विकासखंड का सबसे दुरस्त और पहुंच विहीन ग्राम है। यंह आश्रम शाला में कभी विभाग के अधिकारी निरीक्षण नही कयते है । सहायक आयुक्त कार्यालय में मंडल संयोजक अधीक्षक को बुलाकर उसकी पे डाटा पर हस्ताक्षर कर देते है मंडल संयोजक आपना दायित्व निभा लेते हैं।लेकिन छात्रावास एंव आश्रम शाला में रह कर अध्ययन कर रहे हैं इन छात्रों की बदहाल स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है । आज पूरे जिलें के ग्रामीण अंचलों में संचालित छात्रावास एंव आश्रम शालाओं के ऐसे ही हालत है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में दुर्गम अंचलो के आश्रम छात्रावास में बच्चों की किस तरह ख्याल रखा जा रहा है।

आदिवासी/ हरिजन के छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ ..

छात्रावास/आश्रमों में बेबसी का जीवन जीने को मजबूर विद्यार्थी, असुविधाओं का अंबार…

सूत्रों की जानकारी के अनुसार अधीक्षक ड्यूटी में अनुपस्थित रहते हैं। ऐसी स्थिति अधिकांश छात्रावास, आश्रमों में है। इन्हें देखने के लिए जिलें में चार क्षेत्र संयोजक एक मंडल संयोजक ,ब्लॉक में बीईओ एंव को व्यवस्था बनाई गई है । तो फिर इतनी लापरवाही कैसे होती है । क्या निरीक्षण करने वाले कभी निरीक्षण करते है या नहीं! खासबात तो यह है कि सड़क के आसपास के क्षेत्रों में संकुल प्रभारी बीईओ पहुंच जाते हैं। लेकिन पहुंच विहीन क्षेत्रों में निरीक्षण के नाम पर कोई नहीं पहुंचता। इस बात की पुष्टि सूत्रों बताते है ।

छिदंवाडा जिलें के जनजातीय कार्यविभाग में बर्षा से देखा गया है ।कि छात्रावास एंव आश्रम शालाओं में लापरवाही करने वालें अधीक्षक को निलबिंत कर दिया जाता है।जैसा अभी एक साल में देखा गया है ।और फिर बिना जाँच पूरी करें ही लापरवाह एंव भ्रष्टाचार करने वालें अधीक्षक को बहाल कर दिया जाता है । ये खेल जिलें में खुलकर चल रहा है । जो शासन के नियम विरुद्ध है । जिससे इन लापरवाही करने वाले अधीक्षक/ अधीक्षिका के मन से डर समाप्त हो गया है ।और इसके जिम्मेदार जिले में बैठे अधिकारी है !

जनजातीय कार्यविभाग में ऐसी दर्जनों शिकायत लेकिन कार्यवाही नहीं..?

जिलें में जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित होने वाले छात्रावास/आश्रम में रहने वाले बच्चे अव्यवस्था से इतना परेशान हैं कि जिलें के कई छात्रावास के बच्चों ने जिला मुख्यालय में आकर भी कई बार सहायक आयुक्त कार्यालय एंव ब्लाकों मेंपदस्थ बीईओ से छात्रावास एंव आश्रम शालाओं में अधीक्षक से परेशान होकर उन को हटाने की भी कई बार मांग कर चूके है ।लेकिन आज तक सहायक आयुक्त ने एक भी ऐसे लापरवाह अधीक्षक पर नहीं किया है!

जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति…

मध्यप्रदेश के छिदंवाडा जिलें के आदिवासी एंव हरिजन समाज के बच्चों के साथ छात्रावास एंव आश्रम शालाओं में अन्याय हो रहा है लेकिन बोलने वाला कोई नहीं है । जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास एंव आश्रम शालाओं में छात्र/छात्राओं के साथ कई धटना घटित हो गई ।लेकिन लापरवाही करने वाले छात्रावास प्रबंधन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उदाहरण के लिए अमरवाडा ब्लॉक सोनपुर छात्रावास में एक छात्र की मौत ,हर्रई ब्लॉक के परतापुर छात्रावास में छात्र पर चाकू से हमला ,छिदंवाडा मुख्यालय के संयुक्त कान्या छात्रावास में छात्र ने क्यों आत्महत्या की ,चौरई कान्या छात्रावास में लडकी छात्र सडक दुर्घटना में धायल कैसे हुई , छिंदंवाडा मुख्यालय के आश्रम शाला में छोटे छोटे बच्चों से काम करते वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं ,परासिया के कान्या छात्रावास में छात्राओं से गंदगी साफ करना एंव जुन्नारदेव एकलव्य विधालय में भोजन में इल्ली निकलने के बाद छात्रों का धरना, हर्रई के एकलव्य आवासीय कान्या विधालय में भी भोजन में इल्ली निकलना, छिदंवाडा मुख्यालय में धंटे तक अधीक्षिका द्वारा छात्र को कमरे में बंद करने जैसी कई धटना होने के धटनाओं की आज भी जाँच के नाम पर विभाग द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की गई है। जो कार्यवाही से साफ देखता है । लापरवाही करने वाले अधीक्षक/ अधीक्षिका आज भी छात्रावासों में अधीक्षक/ अधीक्षिका का प्रभार में पदस्थ है । इस संबंध में कई बार शिकायत की गई। लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुई।

छात्रावास /आश्रम शालाओं से नदारत रहते है रात में अधीक्षक / अधीक्षिका

जिलें में जनजातीय कार्यविभाग द्वारा सेंकडों छात्रावास / आश्रम शाला संचालित हो रही है लेकिन एक भी संस्था में रात में कोई भी अधीक्षक छात्रावास एंव आश्रम शालाओं में नहीं रहते है । जिसकी पूरी जानकारी जिलें में बैठे जनजातीय कार्यविभाग के अधिकारियों को भी है। लेकिन आज तक ऐसे लापरवाह अधीक्षकों पर कार्यवाही नहीं हुई है । इस बात की चिंतित हैं कि इस छात्रावास में छोटे-छोटे बच्चे हैं और रात में चौकीदार के भरोसे रहते हैं। खास बात तो यह है कि यहां के छात्रावास में एक अधीक्षक सहित तीन चपरासी और चौकीदार हैं।लेकिन अधीक्षक एंव कई चौकीदार रात में गायब रहते है लेकिन जाँच करने वाला विभाग ही रात की गहरी नींद में सोया हुआ है तो जाँच कौन करेगा?

ठा.रामकुमार राजपूत
पंचायत दिशा समाचार
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